जयपुर. खींवसर और मंडावा विधानसभा उपचुनाव का परिणाम सबके सामने हैं. खींवसर में भाजपा की सहयोगी आरएलपी से प्रत्याशी नारायण लाल बेनीवाल की जीत हुई. वहीं मंडावा में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है. खास बात ये कि मंडावा पूर्व में भाजपा के पास थी ऐसे में इस हार के बाद भाजपा की साख पर सवाल उठना लाजमी है.
हालांकि भाजपा विधायक दल के उपनेता और मंडावा उपचुनाव में भाजपा के प्रभारी रहे राजेंद्र राठौड़ जनता के जनादेश को और मंडावा की हार को सहर्ष स्वीकार करते हैं. लेकिन पार्टी यहां क्यों चुनाव हारी इसको लेकर भी उनके पास कई तर्क हैं.
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एक समाज के मतों का हुआ ध्रुवीकरण, सरकारी मशीनरी का हुआ दुरुपयोग: राठौड़
ईटीवी भारत से खास बातचीत में राजेंद्र राठौड़ ने मंडावा उपचुनाव में बीजेपी की हार को तो स्वीकार किया. लेकिन, साथ ही यह भी कहा कि यहां एक समाज विशेष के मतों का ध्रुवीकरण हुआ जिसका नुकसान भाजपा को उठाना पड़ा. वहीं राठौड़ ने इस उपचुनाव में सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का भी आरोप लगाया.
उन्होंने कहा कि पूरे राजस्थान में मंडावा विधानसभा ही एकमात्र ऐसी सीट है जहां सर्वाधिक सरकारी कर्मचारी रहते हैं. ऐसे में सरकार के प्रभाव में इस उपचुनाव में उनका भी सहारा लिया गया. हालांकि, राठौड़ ने यह भी कहा कि हार तो हार होती है इसलिए इस हार को हम स्वीकार करते हुए इसके हर पहलू की समीक्षा करेंगे.
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निकाय चुनाव में नहीं पड़ेगा उपचुनाव परिणाम का असर- राजेंद्र राठौड़
क्या उपचुनाव परिणाम का असर आगामी निकाय चुनाव पर पड़ेगा, इस सवाल पर राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि इसका कोई असर नहीं पड़ेगा, मंडावा उप चुनाव में हुई हार का बदला बीजेपी आगामी निकाय चुनाव में कांग्रेस से लेगी.
राठौड़ ने ये भी कहा कि निकाय चुनाव में हाइब्रिड फॉर्मूले को लेकर कांग्रेस के अंदर गुटबाजी चल रही है. निकाय चुनाव में बार-बार परिवर्तन के फैसले से जनता के बीच में गए मैसेज का भी फायदा बीजेपी को निकाय चुनाव में मिलेगा. राठौड़ के अनुसार निकाय चुनाव में भाजपा और मजबूती से आगे बढ़ेगी और कमल का फूल खिलाएगी.