जयपुर. कांग्रेस के उदयपुर में हुए चिंतन शिविर में टिकट चयन में उम्र को लेकर हुए निर्णय पर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के बयान पर सियासत गरमा गई (Rathore Targets Congress) है. धारीवाल ने कोटा में कांग्रेस की कार्यशाला में कहा था कि आलाकमान का फैसला है तो मानना ही पड़ेगा लेकिन वो फैसला तो कर लेते हैं पर उस पर कायम नहीं (Dhariwal Remark On BD Kalla) रहते. अब धारीवाल के इसी बयान पर प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने चुटकी ली है.
राठौड़ का ट्वीट: रविवार को राठौड़ ने एक ट्वीट (Rajendra Rathore tweets On Congress) कर लिखा की मेरे मित्र यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल जी के साहस को सलाम करता हूं, जिन्होंने शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला के बहाने कांग्रेस हाईकमान को खरी-खोटी सुनाई. राठौड़ ने लिखा कि मंत्रिमंडल में अंतर्विरोध चरम पर है और अब मंत्रियों को पुलिस के कड़े बंदोबस्त के बीच हेलमेट पहन कर जाना चाहिए क्योंकि न जाने कब क्या हो जाए.
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मेरे मित्र UDH मंत्री शांति धारीवाल जी के साहस को सलाम करता हूं जिन्होंने शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला जी के बहाने कांग्रेस हाईकमान को खरी-खोटी सुनाई। मंत्रिमंडल में अंतर्विरोध चरम पर है, अब मंत्रियों को पुलिस के कड़े बंदोबस्त के बीच हेलमेट पहनकर जाना चाहिये। ना जाने कब क्या हो जाये।
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">मेरे मित्र UDH मंत्री शांति धारीवाल जी के साहस को सलाम करता हूं जिन्होंने शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला जी के बहाने कांग्रेस हाईकमान को खरी-खोटी सुनाई। मंत्रिमंडल में अंतर्विरोध चरम पर है, अब मंत्रियों को पुलिस के कड़े बंदोबस्त के बीच हेलमेट पहनकर जाना चाहिये। ना जाने कब क्या हो जाये।
— Rajendra Rathore (@Rajendra4BJP) June 19, 2022मेरे मित्र UDH मंत्री शांति धारीवाल जी के साहस को सलाम करता हूं जिन्होंने शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला जी के बहाने कांग्रेस हाईकमान को खरी-खोटी सुनाई। मंत्रिमंडल में अंतर्विरोध चरम पर है, अब मंत्रियों को पुलिस के कड़े बंदोबस्त के बीच हेलमेट पहनकर जाना चाहिये। ना जाने कब क्या हो जाये।
— Rajendra Rathore (@Rajendra4BJP) June 19, 2022
क्या है पूरा मामला?: दरअसल, शनिवार को कोटा शहर में जिला कांग्रेस कमेटी की ओर से एक कार्यशाला आयोजित की गई थी. इसका उद्देश्य उदयपुर नव संकल्प शिविर में लिए गए फैसलों पर चर्चा था. तभी मंत्री शांति धारीवाल ने अपनी ही पार्टी के उम्र की समय सीमा वाले फॉर्मुले पर सवाल उठा दिया. उन्होंने कहा कि फैसले करने वाले ही उस पर कायम नहीं रहे तो फिर वो हमसे क्या उम्मीद करें? धारीवाल ने ये कल्ला का उदाहरण दे कहा था- पहले नियम बने थे कि दो बार हारे हुए विधायक प्रत्याशी को टिकट नहीं मिलेगा लेकिन जब बीकानेर की बात आई तो 2 बार हारे बीडी कल्ला को टिकट दे दिया गया. धारीवाल के इसी बोल पर राठौड़ ने चुटकी ली. उनके मुताबिक कांग्रेस के भीतर चल रहे अंतर्द्वंद की ये एक कहानी भर है. इससे पहले भी राज्यसभा चुनावों के बाद हुई पहली कैबिनेट बैठक में धारीवाल और कल्ला आपस में भिड़ गए थे.
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यह पहला मौका है जब किसी मंत्रिपरिषद की बैठक में केन्द्र सरकार की योजना का विरोध करने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया हो। यह संघवाद को कमजोर करने का कुत्सित प्रयास है। सेना केन्द्रीय सूची का विषय है, जिस पर किसी भी प्रकार का निर्णय लेने का अधिकार केन्द्र को है ना कि राज्य को।
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">यह पहला मौका है जब किसी मंत्रिपरिषद की बैठक में केन्द्र सरकार की योजना का विरोध करने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया हो। यह संघवाद को कमजोर करने का कुत्सित प्रयास है। सेना केन्द्रीय सूची का विषय है, जिस पर किसी भी प्रकार का निर्णय लेने का अधिकार केन्द्र को है ना कि राज्य को।
— Rajendra Rathore (@Rajendra4BJP) June 19, 2022यह पहला मौका है जब किसी मंत्रिपरिषद की बैठक में केन्द्र सरकार की योजना का विरोध करने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया हो। यह संघवाद को कमजोर करने का कुत्सित प्रयास है। सेना केन्द्रीय सूची का विषय है, जिस पर किसी भी प्रकार का निर्णय लेने का अधिकार केन्द्र को है ना कि राज्य को।
— Rajendra Rathore (@Rajendra4BJP) June 19, 2022
अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रस्ताव संघवाद को करेगा कमजोर: गहलोत मंत्री परिषद में केंद्र की अग्निपथ योजना के विरोध में प्रस्ताव पारित करने के मामले में भी राजेंद्र राठौड़ ने प्रदेश की गहलोत सरकार पर निशाना साधा है. राठौड़ ने इसे संघवाद को कमजोर करने का प्रयास बताया और यह भी लिखा किस सेना केंद्रीय सूची का विषय है जिस पर किसी भी प्रकार का निर्णय लेने का अधिकार केंद्र को है ना कि राज्य को. राठौड़ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से यह भी सवाल किया कि वो बताएं की बेरोजगारी भत्ता देने में सरकारी कार्यालयों में इंटर्नशिप की मनमानी शर्तें थोपने के बाद 1 वर्ष में 2 लाख युवाओं की संख्या घटकर महज 53 हजार कैसे रह गई और उसका दोषी कौन है?