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सदन में विपक्ष एकजुट लेकिन फिर क्यों नेता प्रतिपक्ष से नाराज हुए राजेंद्र राठौड़ - Rajendra Rathore angry in assembly

राजेंद्र राठौड़ को सदन से बाहर निकालने के मामले में शुरू हुए गतिरोध में भले ही भाजपा विधायक एकजुट नजर आए. लेकिन उपनेता प्रतिपक्ष की गुलाबचंद कटारिया और सतीश पूनिया से नाराजगी की खबरें जरूर सामने आई है.

Rajendra Rathore angry in assembly, Rajendra Rathore latest news
गुलाबचंद कटारिया से नाराज हुए राजेंद्र राठौड़
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Published : Aug 24, 2020, 8:49 PM IST

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में सोमवार को प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ को सदन से बाहर निकालने के मामले में शुरू हुए गतिरोध में सदन के भीतर भले ही भाजपा विधायक एकजुट नजर आए. लेकिन इस घटनाक्रम के बीच राठौड़ की नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और सतीश पूनिया से कुछ नाराजगी की भी खबरें बाहर निकल कर आई है.

इस नाराजगी का मुख्य कारण नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का सदन में वक्तव्य और फैसला था. जिस पर राजेंद्र राठौड़ ने ना पक्ष लॉबी में पहुंचकर कटारिया और पूनिया के समक्ष अपनी नाराजगी भी जताई. दरअसल राजेंद्र राठौड़ को सदन से बाहर निकाले जाने के प्रस्ताव और स्पीकर के फैसले के खिलाफ भाजपा के तमाम विधायक सदन के भीतर एकजुट और मुखर भी नजर आए.

पढ़ें- राजेंद्र राठौड़ ने उठाया स्पीकर की कार्यशैली पर सवाल, धारीवाल के लिए कहा- घर के बुद्धू लौट कर आए

लेकिन स्पीकर द्वारा लोकतंत्र की दुहाई देकर जब सदन की कार्रवाई 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई और उसके बाद सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तब गुलाबचंद कटारिया का आया वक्तव्य राजेंद्र राठौड़ को रास नहीं आया. दरअसल उस वक्त कटारिया ने सदन में माफी तो मांगी लेकिन स्पीकर की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए पार्टी के सभी विधायकों के बहिर्गमन का ऐलान कर दिया.

बताया जा रहा है इसके बाद राजेंद्र राठौड़ ने ना पक्ष लॉबी में पहुंचकर नेता प्रतिपक्ष के समक्ष अपनी नाराजगी जताई, और ये तक कह डाला की उम्मीद के अनुसार उन्हें नेताओं का साथ नहीं मिला. राठौड़ ने अपने मन की बात कटारिया को सतीश पूनिया के समक्ष ही कही. इस दौरान गुलाबचंद कटारिया को यह भी कहा गया कि आखिर हमारे पास 75 विधायक थे हमारी गलती नहीं थी तो हम माफी क्यों मांगे.

पढ़ें- पेंशन संशोधन विधेयक पारित: जनहित के मुद्दों पर पक्ष-विपक्ष नहीं होते एकमत, अपने फायदे के लिए हो जाते हैं 'एक'

विधायकों को तो अधिकार के लिए लड़ना ही होगा. बताया जा रहा है राठौड़ ने यह भी कहा कि यह मेरा व्यक्तिगत मुद्दा नहीं था. ऐसे में इस घटनाक्रम में पुरजोर तरीके से सबको जुटना चाहिए था. बताया जा रहा है यह बात कहकर राजेंद्र राठौड़ ना पक्ष लॉबी से बाहर चले गए. लेकिन वहां मौजूद सतीश पूनिया उन्हें वापस मना कर ले आए. हालांकि इसके बाद कुछ देर राजेंद्र राठौड़ वहां पर रुके और उसके बाद अपने घर के लिए रवाना हो गए.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में सोमवार को प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ को सदन से बाहर निकालने के मामले में शुरू हुए गतिरोध में सदन के भीतर भले ही भाजपा विधायक एकजुट नजर आए. लेकिन इस घटनाक्रम के बीच राठौड़ की नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और सतीश पूनिया से कुछ नाराजगी की भी खबरें बाहर निकल कर आई है.

इस नाराजगी का मुख्य कारण नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का सदन में वक्तव्य और फैसला था. जिस पर राजेंद्र राठौड़ ने ना पक्ष लॉबी में पहुंचकर कटारिया और पूनिया के समक्ष अपनी नाराजगी भी जताई. दरअसल राजेंद्र राठौड़ को सदन से बाहर निकाले जाने के प्रस्ताव और स्पीकर के फैसले के खिलाफ भाजपा के तमाम विधायक सदन के भीतर एकजुट और मुखर भी नजर आए.

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लेकिन स्पीकर द्वारा लोकतंत्र की दुहाई देकर जब सदन की कार्रवाई 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई और उसके बाद सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तब गुलाबचंद कटारिया का आया वक्तव्य राजेंद्र राठौड़ को रास नहीं आया. दरअसल उस वक्त कटारिया ने सदन में माफी तो मांगी लेकिन स्पीकर की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए पार्टी के सभी विधायकों के बहिर्गमन का ऐलान कर दिया.

बताया जा रहा है इसके बाद राजेंद्र राठौड़ ने ना पक्ष लॉबी में पहुंचकर नेता प्रतिपक्ष के समक्ष अपनी नाराजगी जताई, और ये तक कह डाला की उम्मीद के अनुसार उन्हें नेताओं का साथ नहीं मिला. राठौड़ ने अपने मन की बात कटारिया को सतीश पूनिया के समक्ष ही कही. इस दौरान गुलाबचंद कटारिया को यह भी कहा गया कि आखिर हमारे पास 75 विधायक थे हमारी गलती नहीं थी तो हम माफी क्यों मांगे.

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विधायकों को तो अधिकार के लिए लड़ना ही होगा. बताया जा रहा है राठौड़ ने यह भी कहा कि यह मेरा व्यक्तिगत मुद्दा नहीं था. ऐसे में इस घटनाक्रम में पुरजोर तरीके से सबको जुटना चाहिए था. बताया जा रहा है यह बात कहकर राजेंद्र राठौड़ ना पक्ष लॉबी से बाहर चले गए. लेकिन वहां मौजूद सतीश पूनिया उन्हें वापस मना कर ले आए. हालांकि इसके बाद कुछ देर राजेंद्र राठौड़ वहां पर रुके और उसके बाद अपने घर के लिए रवाना हो गए.

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