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हेमाराम चौधरी प्रकरण में राजेंद्र राठौड़ ने भेजा विधानसभा सचिव को पत्र, लिखी ये बात

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Published : Jul 22, 2021, 5:13 PM IST

कांग्रेस विधायक हेमाराम चौधरी इस्तीफा प्रकरण पर फैसला जल्द करने की मांग को लेकर उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने विधानसभा सचिव को पत्र लिखा है.

राजेंद्र राठौड़ ने लिखा विधानसभा सचिव को पत्र

जयपुर. कांग्रेस विधायक हेमाराम चौधरी इस्तीफा प्रकरण में जल्द ही फैसला लिए जाने की मांग को लेकर प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने विधानसभा सचिव प्रवीण माथुर को पत्र लिखा है. पत्र के जरिए यह आग्रह किया गया है कि इस प्रकरण के निस्तारण नहीं होने के कारण विधानसभा की राजकीय उपक्रम समिति की बैठक आहूत नहीं हो पा रही है और न इस समिति का सभापति बनाने के लिए हेमाराम से सहमति ही ली गई थी.

राजेंद्र राठौड़ ने अपने पत्र में लिखा है कि हेमाराम चौधरी की ओर से इस्तीफा भेजे 65 दिन से अधिक का समय हो चुका है और अब अनलॉक भी हो गया है. ऐसे में आग्रह है कि हेमाराम चौधरी की ओऱ से विधानसभा अध्यक्ष को राजस्थान विधानसभा प्रक्रिया और कार्य संचालन संबंधी नियमों के अंतर्गत विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफे के संबंध में भेजे गए पत्र को स्वीकार करने या अस्वीकार किए जाने का निर्णय लिया जाए ताकि विधानसभा के अन्य महत्वपूर्ण राजकीय उपक्रम समिति की बैठक आहूत की जा सके और जनहित में समिति से संबंधित कार्यों का सुचारू रूप से काम हो सके.

पढ़ेंः शिक्षा मंत्री के रिश्तेदार के RAS Interview में 80 प्रतिशत मार्क्स पर भाजपा का तंज, डोटासरा ने दिया जवाब

पत्र में राठौड ने यह भी लिखा कि समस्या इस बात की है कि हेमाराम चौधरी की ओर से सार्वजनिक रूप से मना किए जाने के बावजूद राजकीय उपक्रम समिति का सभापति मनोनीत किया गया. राठौड के अनुसार 15वीं विधानसभा का लगभग आधा कार्यकाल पूर्ण होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष की ओर से पुनः मनोनीत किए गए राजकीय उपक्रम समिति के सभापति हेमाराम चौधरी वर्तमान में समिति की बैठकों में न तो रुचि ले रहे हैं और न लंबे समय से बैठक बुलाई ही गई है. इस समिति को छोड़कर सभी समितियों की बैठक विधानसभा में बुलाई जा चुकी है.

जयपुर. कांग्रेस विधायक हेमाराम चौधरी इस्तीफा प्रकरण में जल्द ही फैसला लिए जाने की मांग को लेकर प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने विधानसभा सचिव प्रवीण माथुर को पत्र लिखा है. पत्र के जरिए यह आग्रह किया गया है कि इस प्रकरण के निस्तारण नहीं होने के कारण विधानसभा की राजकीय उपक्रम समिति की बैठक आहूत नहीं हो पा रही है और न इस समिति का सभापति बनाने के लिए हेमाराम से सहमति ही ली गई थी.

राजेंद्र राठौड़ ने अपने पत्र में लिखा है कि हेमाराम चौधरी की ओर से इस्तीफा भेजे 65 दिन से अधिक का समय हो चुका है और अब अनलॉक भी हो गया है. ऐसे में आग्रह है कि हेमाराम चौधरी की ओऱ से विधानसभा अध्यक्ष को राजस्थान विधानसभा प्रक्रिया और कार्य संचालन संबंधी नियमों के अंतर्गत विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफे के संबंध में भेजे गए पत्र को स्वीकार करने या अस्वीकार किए जाने का निर्णय लिया जाए ताकि विधानसभा के अन्य महत्वपूर्ण राजकीय उपक्रम समिति की बैठक आहूत की जा सके और जनहित में समिति से संबंधित कार्यों का सुचारू रूप से काम हो सके.

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पत्र में राठौड ने यह भी लिखा कि समस्या इस बात की है कि हेमाराम चौधरी की ओर से सार्वजनिक रूप से मना किए जाने के बावजूद राजकीय उपक्रम समिति का सभापति मनोनीत किया गया. राठौड के अनुसार 15वीं विधानसभा का लगभग आधा कार्यकाल पूर्ण होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष की ओर से पुनः मनोनीत किए गए राजकीय उपक्रम समिति के सभापति हेमाराम चौधरी वर्तमान में समिति की बैठकों में न तो रुचि ले रहे हैं और न लंबे समय से बैठक बुलाई ही गई है. इस समिति को छोड़कर सभी समितियों की बैठक विधानसभा में बुलाई जा चुकी है.

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