ETV Bharat / city

Rajasthani Yuva Lekhak Mahotsav : राजस्थानी युवा लेखक महोत्सव का आगाज, 26 दिसंबर को होगा कवि सम्मेलन

जवाहर कला केंद्र में आज राजस्थानी युवा लेखक महोत्वस शुरू हो गया. इस दो दिवसीय महोत्सव में लेखन पर 6 वैचारिक सत्र होंगे. आज शाम इसी कार्यक्रम के अंतर्गत राजस्थानी कवि सम्मेलन (Rajasthani Kavi Sammelan at JKK) का भी आयोजन किया जाएगा.

Rajasthani Yuva Lekhak Mahotsav
राजस्थानी युवा लेखक महोत्सव
author img

By

Published : Dec 26, 2021, 3:30 PM IST

Updated : Dec 26, 2021, 5:49 PM IST

जयपुर. राजधानी के जवाहर कला केंद्र में राजस्थानी युवा लेखक महोत्सव का आगाज किया गया. दो दिवसीय महोत्सव की शुरुआत गणपति वंदना के साथ हुई. प्रभा खेतान फाउंडेशन के सहयोग से जेकेके के कृष्णायन सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम के उद्घाटन के दौरान कला एवं पर्यटन क्षेत्र से दुर्गा सिंह मंडावा और प्रभा खेतान फाउंडेशन की उत्तर भारत प्रभारी अपरा कुच्छल समेत कई राजस्थानी भाषा से जुड़े साहित्यकार मौजूद रहे.

राजस्थानी युवा लेखक महोत्सव (Rajasthani young writers festival) का आगाज मोहन आलोक सत्र से हुआ. सत्र में साहित्यकार डॉ सत्यनारायण, डॉ राजेश व्यास और विजय जोशी ने संवाद किया. सत्र में उपन्यास, कहानी, निबंध और संस्मरण पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई. प्रभा खेतान फाउंडेशन की उत्तर भारत प्रभारी अपरा कुच्छल ने बताया कि सरकार को राजस्थानी भाषा को बढ़ावा देने के लिए प्रयास करना चाहिए.

पढ़ें: Rajasthan Year Ender 2021: राजस्थान की वो हस्तियां जो अब यादों में सिमट कर रह गईं

लेखकों से होने वाले आत्मीय संवाद के कार्यक्रम आखर के अंतर्गत इस बार यह 2 दिवसीय युवा लेखक महोत्सव आयोजित किया जा रहा है. राजस्थानी भाषा में युवाओं को लेखन के लिए प्रेरित करने का यह प्रयास पहली बार हो रहा है. इस आयोजन में लेखन के विभिन्न आयामों पर कुल 6 वैचारिक सत्र होंगे. इनमे कविता, कहानी, गीत, बाल साहित्य, निबंध, रिपोर्ताज, उपन्यास, संस्मरण, व्यंग्य पर चर्चा की जाएगी.

पढ़ें: प्रशासन शहरों के संग अभियान को 'बूस्ट अप' करेगी 'धारीवाल ब्रिगेड'..जानिये कौन अफसर हैं ब्रिगेड में शामिल

राजस्थान के प्रत्येक जिले से इसमे युवा लेखक कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं. लगभग 70 प्रतिनिधी राजस्थानी साहित्य के इस समारोह में भाग लेंगे. वहीं आज शाम को इसी कार्यक्रम के अंतर्गत राजस्थानी कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया जाएगा. कार्यक्रम का समापन सोमवार 27 दिसंबर को होगा.

राजस्थानी भाषा का अधिक प्रयोग करने का आह्वान

वक्ताओं ने राजस्थानी भाषा के अधिक से अधिक प्रयोग का आह्वान किया. संस्कृतिकर्मी राजेश व्यास ने कहा कि जब हम खुद अधिक से अधिक राजस्थानी बोलेंगे, पढ़ेंगे और लिखेंगे तभी भाषा का विकास होगा और प्रभाव पड़ेगा. भाषा का अपना सौंदर्य होता है और हमारी भाषा किसी से कम नहीं है. पर्यटन विशेषज्ञ दुर्गा सिंह मंडावा ने कहा कि राजस्थानी भाषा को आगे बढ़ाने के लिए हमें अपने बच्चों से भी राजस्थानी भाषा में ही संवाद करना चाहिए. इससे वह धीरे-धीरे अपनी भाषा के शब्दों का परिचय जान सकेंगे.

प्रभा खेतान फाउंडेशन की उत्तर भारत प्रभारी अपरा कुच्छल ने कहा कि प्रभा खेतान फाउंडेशन साहित्यिक, सांस्कृतिक विकास और महिला सशक्तिकरण के लिए कार्य कर रहा है. राजस्थानी युवा लेखक महोत्सव की शुरूआत मोहन आलोक सत्र से हुई. सत्र में साहित्यकार डॉ. सत्यनारायण, डॉ. राजेश व्यास और विजय जोशी ने कविता, कहानी, गीत, बाल साहित्य, निबंध, रिपोर्ताज, उपन्यास, संस्मरण, व्यंग्य आदि पर विस्तारपूर्वक चर्चा की.

Rajasthani Yuva Lekhak Mahotsav
राजस्थानी भाषा का अधिक प्रयोग करने का आह्वान

दूसरा सत्र डॉ. शक्तिदान कविया हुआ. जिसमें साहित्यकार मदन गोपाल लढ़ा, मोनिका गौर, घनश्याम दास और चेतन औचित्य ने संवाद किया. कार्यक्रम के दौरान संध्या में राजस्थानी कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया गया. डॉ. शारदा कृष्ण ने अपनी कविता ’अणतोली घणमोली म्हांरी, बोली रा बोल अडाणै है, जिण भासा ने इतियास रच्यो, वीं री पीड़ा कुण जाणै है’’ के माध्यम से राजस्थानी भाषा की पीड़ा व्यक्त की. डॉ. गजादान चारण ने ‘लाडो ऐ बातां लख लीजे’ कविता के द्वारा किशोर बेटियों को सीख देती रचना प्रस्तुत कर ‘गुड टच एवं बेड टच’ की सरस पहचान करवाई.

कार्यक्रम का संचालन लेखिका अभिलाषा पारीक ने किया. इस अवसर पर साहित्यकार डॉ. कुंदन माली, विजय जोशी, घनश्याम नाथ कच्छावा, चेतन औदिच्य, मोनिका गौड़, राजूराम बिजारणियां लूणकरणसर, ग्रासरुट मीडिया के फाउंडर प्रमोद शर्मा उपस्थित रहे.

जयपुर. राजधानी के जवाहर कला केंद्र में राजस्थानी युवा लेखक महोत्सव का आगाज किया गया. दो दिवसीय महोत्सव की शुरुआत गणपति वंदना के साथ हुई. प्रभा खेतान फाउंडेशन के सहयोग से जेकेके के कृष्णायन सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम के उद्घाटन के दौरान कला एवं पर्यटन क्षेत्र से दुर्गा सिंह मंडावा और प्रभा खेतान फाउंडेशन की उत्तर भारत प्रभारी अपरा कुच्छल समेत कई राजस्थानी भाषा से जुड़े साहित्यकार मौजूद रहे.

राजस्थानी युवा लेखक महोत्सव (Rajasthani young writers festival) का आगाज मोहन आलोक सत्र से हुआ. सत्र में साहित्यकार डॉ सत्यनारायण, डॉ राजेश व्यास और विजय जोशी ने संवाद किया. सत्र में उपन्यास, कहानी, निबंध और संस्मरण पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई. प्रभा खेतान फाउंडेशन की उत्तर भारत प्रभारी अपरा कुच्छल ने बताया कि सरकार को राजस्थानी भाषा को बढ़ावा देने के लिए प्रयास करना चाहिए.

पढ़ें: Rajasthan Year Ender 2021: राजस्थान की वो हस्तियां जो अब यादों में सिमट कर रह गईं

लेखकों से होने वाले आत्मीय संवाद के कार्यक्रम आखर के अंतर्गत इस बार यह 2 दिवसीय युवा लेखक महोत्सव आयोजित किया जा रहा है. राजस्थानी भाषा में युवाओं को लेखन के लिए प्रेरित करने का यह प्रयास पहली बार हो रहा है. इस आयोजन में लेखन के विभिन्न आयामों पर कुल 6 वैचारिक सत्र होंगे. इनमे कविता, कहानी, गीत, बाल साहित्य, निबंध, रिपोर्ताज, उपन्यास, संस्मरण, व्यंग्य पर चर्चा की जाएगी.

पढ़ें: प्रशासन शहरों के संग अभियान को 'बूस्ट अप' करेगी 'धारीवाल ब्रिगेड'..जानिये कौन अफसर हैं ब्रिगेड में शामिल

राजस्थान के प्रत्येक जिले से इसमे युवा लेखक कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं. लगभग 70 प्रतिनिधी राजस्थानी साहित्य के इस समारोह में भाग लेंगे. वहीं आज शाम को इसी कार्यक्रम के अंतर्गत राजस्थानी कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया जाएगा. कार्यक्रम का समापन सोमवार 27 दिसंबर को होगा.

राजस्थानी भाषा का अधिक प्रयोग करने का आह्वान

वक्ताओं ने राजस्थानी भाषा के अधिक से अधिक प्रयोग का आह्वान किया. संस्कृतिकर्मी राजेश व्यास ने कहा कि जब हम खुद अधिक से अधिक राजस्थानी बोलेंगे, पढ़ेंगे और लिखेंगे तभी भाषा का विकास होगा और प्रभाव पड़ेगा. भाषा का अपना सौंदर्य होता है और हमारी भाषा किसी से कम नहीं है. पर्यटन विशेषज्ञ दुर्गा सिंह मंडावा ने कहा कि राजस्थानी भाषा को आगे बढ़ाने के लिए हमें अपने बच्चों से भी राजस्थानी भाषा में ही संवाद करना चाहिए. इससे वह धीरे-धीरे अपनी भाषा के शब्दों का परिचय जान सकेंगे.

प्रभा खेतान फाउंडेशन की उत्तर भारत प्रभारी अपरा कुच्छल ने कहा कि प्रभा खेतान फाउंडेशन साहित्यिक, सांस्कृतिक विकास और महिला सशक्तिकरण के लिए कार्य कर रहा है. राजस्थानी युवा लेखक महोत्सव की शुरूआत मोहन आलोक सत्र से हुई. सत्र में साहित्यकार डॉ. सत्यनारायण, डॉ. राजेश व्यास और विजय जोशी ने कविता, कहानी, गीत, बाल साहित्य, निबंध, रिपोर्ताज, उपन्यास, संस्मरण, व्यंग्य आदि पर विस्तारपूर्वक चर्चा की.

Rajasthani Yuva Lekhak Mahotsav
राजस्थानी भाषा का अधिक प्रयोग करने का आह्वान

दूसरा सत्र डॉ. शक्तिदान कविया हुआ. जिसमें साहित्यकार मदन गोपाल लढ़ा, मोनिका गौर, घनश्याम दास और चेतन औचित्य ने संवाद किया. कार्यक्रम के दौरान संध्या में राजस्थानी कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया गया. डॉ. शारदा कृष्ण ने अपनी कविता ’अणतोली घणमोली म्हांरी, बोली रा बोल अडाणै है, जिण भासा ने इतियास रच्यो, वीं री पीड़ा कुण जाणै है’’ के माध्यम से राजस्थानी भाषा की पीड़ा व्यक्त की. डॉ. गजादान चारण ने ‘लाडो ऐ बातां लख लीजे’ कविता के द्वारा किशोर बेटियों को सीख देती रचना प्रस्तुत कर ‘गुड टच एवं बेड टच’ की सरस पहचान करवाई.

कार्यक्रम का संचालन लेखिका अभिलाषा पारीक ने किया. इस अवसर पर साहित्यकार डॉ. कुंदन माली, विजय जोशी, घनश्याम नाथ कच्छावा, चेतन औदिच्य, मोनिका गौड़, राजूराम बिजारणियां लूणकरणसर, ग्रासरुट मीडिया के फाउंडर प्रमोद शर्मा उपस्थित रहे.

Last Updated : Dec 26, 2021, 5:49 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.