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Special : सौर ऊर्जा का सिरमौर बनेगा राजस्थान...सरकारी नीति भी निवेशकों को कर रही आकर्षित - राजस्थान सोलर रेडिएशन

हमारा देश भारत सौर ऊर्जा उत्पादन की दृष्टि से विश्व के 5 देशों में भारत शामिल है. वहीं राजस्थान सौर ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में देश में पहले नंबर पर है. वह इसलिए क्योंकि राजस्थान में अक्षय और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं. देखिए यह खास रिपोर्ट...

Rajasthan Solar Power Generating Unit,  Rajasthan Solar Power Unit Government Grant,  Energy Minister BD Kalla Solar Energy statement,  राजस्थान सौर ऊर्जा उत्पादन,  राजस्थान सौर ऊर्जा नीति 2019,  राजस्थान सोलर रेडिएशन,  राजस्थान सोलर प्लांट सरकारी सब्सिडी
सौर ऊर्जा का सिरमौर बनेगा राजस्थान
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Published : Jan 5, 2021, 11:00 PM IST

जयपुर. हाल ही में गुजरात ने अपनी सौर ऊर्जा नीति 2021 जारी की ताकि ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में गुजरात और अधिक ऊंचाइयों तक पहुंच सके. देशभर में सबसे अधिक सौर ऊर्जा की संभावना किसी राज्य में है तो वह राजस्थान ही है. प्रकृति से मिले इस असीम खजाने का प्रदेश के विकास में किस तरह उपयोग हो ताकि राजस्थान विश्व में सौर ऊर्जा का सिरमौर बन सके. इसके लिए प्रदेश सरकार भी प्रयासरत है.

सौर ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में देश में पहले नंबर पर

राजस्थान इसलिए बन सकता है ऊर्जा के क्षेत्र में सिरमौर

  • राजस्थान में 142000 मेगावाट बिजली पैदा करने जितना सोलर रेडिएशन है.
  • प्रदेश में 127000 मेगावाट बिजली पवन ऊर्जा के माध्यम से जनरेट हो सकती है.
  • राजस्थान देश का एकमात्र ऐसा प्रदेश है जहां 365 में से 325 से अधिक दिनों तक सोलर रेडिएशन यानी सूर्य की किरणें स्वच्छ रूप से मिलती हैं, जो ऊर्जा से बिजली उत्पादन के लिए आदर्श परिस्थितियां मानी जा सकती हैं.

पढ़ें - मुख्यमंत्री ने बदली आधी रात ब्यरोक्रेसी की तस्वीर, देखिए तबादला सूची में किसको क्या मिला

यह तो थीं राजस्थान में अक्षय ऊर्जा और सौर ऊर्जा की असीम संभावनाएं. वर्तमान में अगर उत्पादन की बात की जाए तो राजस्थान में 5500 मेगावाट से अधिक सौर ऊर्जा और 4338 मेगावाट पवन ऊर्जा उत्पादन हो रहा है. ऊर्जा नीति 2019 में दिए गए लक्ष्य के तहत साल 2024-25 तक सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य 30000 मेगावाट रखा गया है. वहीं पवन और हाइब्रिड ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य 7500 मेगावाट रखा गया है.

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राजस्थान में 142000 मेगावाट बिजली पैदा करने जितना सोलर रेडिएशन

गुजरात की रुपाणी सरकार ने सौर ऊर्जा नीति साल 2021 में जारी की है. जबकि राजस्थान ने इस क्षेत्र में अपनी नीति 2019 में ही जारी कर दी थी. ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला बताते हैं कि राजस्थान में गहलोत सरकार ने सौर ऊर्जा के लिए साल 2019 में ही नीति जारी कर दी थी. राजस्थान में इस क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा निवेश हो सके इसके लिए कई प्रकार की छूट भी दी गई हैं.

सरकार दे रही है ये अनुदान

छोटे उपभोक्ता जो खुद रूफटॉप के जरिए सौर ऊर्जा उत्पादन करना चाहते हैं, उनके लिए प्रदेश सरकार ने अनुदान का प्रावधान कर रखा है. जिसमें 1 से 3 किलोवाट तक 40% और 3 से 10 किलोवाट क्षमता तक के रूफटॉप सोलर प्लांट पर 20% अनुदान दिया जाता है. इसी तरह बड़े प्रोजेक्ट जिसमें सोलर के स्टोरेज प्लांट लगाए जाते हैं, उसमें सरकार 75% तक प्रसारण वितरण और अन्य शुल्क में छूट दे रही है. सोलर प्लांट लगाने वाले बड़े निवेशकों को एप्स के जरिए तमाम छूट दी जा रही है. जिससे वे राजस्थान में प्लांट लगाने के लिए आकर्षित हो रहे हैं. उसमें स्टांप शुल्क से लेकर भूमि नामांतरण रूपांतरण आदि के कार्यों में भी सरलता लाई गई है.

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प्रदेश में 127000 मेगावाट बिजली पवन ऊर्जा के माध्यम से जनरेट हो सकती है

बड़े सौर ऊर्जा निवेशकों के लिए वार्षिक बैंकिंग की भी सुविधा दी गई है, ताकि वे साल भर तक उत्पादित की गई बिजली एकत्रित कर सकते हैं. राजस्थान में सौर और पवन ऊर्जा से जुड़े संयंत्र मैन्युफैक्चरिंग की इकाइयों पर भी यह तमाम छोटे प्रदेश की सरकार ने दी है. ताकि राजस्थान में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश ज्यादा हो. साल 2019 की नीति के तहत आगामी वर्ष 2023-24 तक प्रदेश के सभी 33 जिलों को ग्रीन एनर्जी स्वीटी के रूप में भी विकसित किया जाना का लक्ष्य है. जिस पर काम शुरू हो चुका है.

पढ़ें - जानें, आखिर क्यों ऊर्जा मंत्री ने लगाया ठेले पर धक्का, देखें विडियो

उत्पादन बढ़ा तो बिजली प्रति यूनिट दर भी कम हुई

प्रदेश में समय के साथ सोलर एनर्जी का उत्पादन बढ़ता गया और सौर ऊर्जा विक्रय की दरों में कमी आती गई. साल 2012-13 में भड़ला सोलर पार्क जोधपुर में उत्पादित विद्युत की दर 6.45 रुपये पैसे प्रति यूनिट थी जो बाद में घटकर 4 रुपये 34 पैसे प्रति मिनट रह गई और उसके बाद घटकर 2 रुपये 44 पैसे प्रति यूनिट तक रह गई. अब उससे भी कम हो गई.

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ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला

सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भविष्य की ये है प्लानिंग

ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला के अनुसार राजस्थान में भविष्य में अल्ट्रा मेगा अक्षय ऊर्जा पार्क स्थापित किया जाना प्रक्रियाधीन है. वर्तमान में प्रदेश में 12500 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन अधीन है. वहीं दिसंबर 2019 में राजस्थान सरकार द्वारा जारी राजस्थान सौर ऊर्जा नीति के बाद 7438 मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं के लिए निजी निवेशकों ने पंजीकरण करवाया है. प्रदेश में सोलर एनर्जी के क्षेत्र में निजी निवेशकों द्वारा अनुकूल परिस्थितियों के मद्देनजर सोलर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और राष्ट्रीय थर्मल पावर कॉरपोरेशन द्वारा 10 हजार मेगावाट क्षमता के अल्ट्रा अक्षय ऊर्जा पार्क विकसित किए जाने का प्रस्ताव भी प्रदेश सरकार के पास फिलहाल विचाराधीन है.

कुल मिलाकर मतलब साफ है कि आने वाले दिनों में सोलर के क्षेत्र में अभूतपूर्व क्रांति राजस्थान में आने वाली है जिसमें केंद्र सरकार के सहयोग और राजस्थान सरकार के सहयोग से यह तेजी से आगे बढ़ेगी.

जयपुर. हाल ही में गुजरात ने अपनी सौर ऊर्जा नीति 2021 जारी की ताकि ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में गुजरात और अधिक ऊंचाइयों तक पहुंच सके. देशभर में सबसे अधिक सौर ऊर्जा की संभावना किसी राज्य में है तो वह राजस्थान ही है. प्रकृति से मिले इस असीम खजाने का प्रदेश के विकास में किस तरह उपयोग हो ताकि राजस्थान विश्व में सौर ऊर्जा का सिरमौर बन सके. इसके लिए प्रदेश सरकार भी प्रयासरत है.

सौर ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में देश में पहले नंबर पर

राजस्थान इसलिए बन सकता है ऊर्जा के क्षेत्र में सिरमौर

  • राजस्थान में 142000 मेगावाट बिजली पैदा करने जितना सोलर रेडिएशन है.
  • प्रदेश में 127000 मेगावाट बिजली पवन ऊर्जा के माध्यम से जनरेट हो सकती है.
  • राजस्थान देश का एकमात्र ऐसा प्रदेश है जहां 365 में से 325 से अधिक दिनों तक सोलर रेडिएशन यानी सूर्य की किरणें स्वच्छ रूप से मिलती हैं, जो ऊर्जा से बिजली उत्पादन के लिए आदर्श परिस्थितियां मानी जा सकती हैं.

पढ़ें - मुख्यमंत्री ने बदली आधी रात ब्यरोक्रेसी की तस्वीर, देखिए तबादला सूची में किसको क्या मिला

यह तो थीं राजस्थान में अक्षय ऊर्जा और सौर ऊर्जा की असीम संभावनाएं. वर्तमान में अगर उत्पादन की बात की जाए तो राजस्थान में 5500 मेगावाट से अधिक सौर ऊर्जा और 4338 मेगावाट पवन ऊर्जा उत्पादन हो रहा है. ऊर्जा नीति 2019 में दिए गए लक्ष्य के तहत साल 2024-25 तक सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य 30000 मेगावाट रखा गया है. वहीं पवन और हाइब्रिड ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य 7500 मेगावाट रखा गया है.

Rajasthan Solar Power Generating Unit,  Rajasthan Solar Power Unit Government Grant,  Energy Minister BD Kalla Solar Energy statement,  राजस्थान सौर ऊर्जा उत्पादन,  राजस्थान सौर ऊर्जा नीति 2019,  राजस्थान सोलर रेडिएशन,  राजस्थान सोलर प्लांट सरकारी सब्सिडी
राजस्थान में 142000 मेगावाट बिजली पैदा करने जितना सोलर रेडिएशन

गुजरात की रुपाणी सरकार ने सौर ऊर्जा नीति साल 2021 में जारी की है. जबकि राजस्थान ने इस क्षेत्र में अपनी नीति 2019 में ही जारी कर दी थी. ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला बताते हैं कि राजस्थान में गहलोत सरकार ने सौर ऊर्जा के लिए साल 2019 में ही नीति जारी कर दी थी. राजस्थान में इस क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा निवेश हो सके इसके लिए कई प्रकार की छूट भी दी गई हैं.

सरकार दे रही है ये अनुदान

छोटे उपभोक्ता जो खुद रूफटॉप के जरिए सौर ऊर्जा उत्पादन करना चाहते हैं, उनके लिए प्रदेश सरकार ने अनुदान का प्रावधान कर रखा है. जिसमें 1 से 3 किलोवाट तक 40% और 3 से 10 किलोवाट क्षमता तक के रूफटॉप सोलर प्लांट पर 20% अनुदान दिया जाता है. इसी तरह बड़े प्रोजेक्ट जिसमें सोलर के स्टोरेज प्लांट लगाए जाते हैं, उसमें सरकार 75% तक प्रसारण वितरण और अन्य शुल्क में छूट दे रही है. सोलर प्लांट लगाने वाले बड़े निवेशकों को एप्स के जरिए तमाम छूट दी जा रही है. जिससे वे राजस्थान में प्लांट लगाने के लिए आकर्षित हो रहे हैं. उसमें स्टांप शुल्क से लेकर भूमि नामांतरण रूपांतरण आदि के कार्यों में भी सरलता लाई गई है.

Rajasthan Solar Power Generating Unit,  Rajasthan Solar Power Unit Government Grant,  Energy Minister BD Kalla Solar Energy statement,  राजस्थान सौर ऊर्जा उत्पादन,  राजस्थान सौर ऊर्जा नीति 2019,  राजस्थान सोलर रेडिएशन,  राजस्थान सोलर प्लांट सरकारी सब्सिडी
प्रदेश में 127000 मेगावाट बिजली पवन ऊर्जा के माध्यम से जनरेट हो सकती है

बड़े सौर ऊर्जा निवेशकों के लिए वार्षिक बैंकिंग की भी सुविधा दी गई है, ताकि वे साल भर तक उत्पादित की गई बिजली एकत्रित कर सकते हैं. राजस्थान में सौर और पवन ऊर्जा से जुड़े संयंत्र मैन्युफैक्चरिंग की इकाइयों पर भी यह तमाम छोटे प्रदेश की सरकार ने दी है. ताकि राजस्थान में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश ज्यादा हो. साल 2019 की नीति के तहत आगामी वर्ष 2023-24 तक प्रदेश के सभी 33 जिलों को ग्रीन एनर्जी स्वीटी के रूप में भी विकसित किया जाना का लक्ष्य है. जिस पर काम शुरू हो चुका है.

पढ़ें - जानें, आखिर क्यों ऊर्जा मंत्री ने लगाया ठेले पर धक्का, देखें विडियो

उत्पादन बढ़ा तो बिजली प्रति यूनिट दर भी कम हुई

प्रदेश में समय के साथ सोलर एनर्जी का उत्पादन बढ़ता गया और सौर ऊर्जा विक्रय की दरों में कमी आती गई. साल 2012-13 में भड़ला सोलर पार्क जोधपुर में उत्पादित विद्युत की दर 6.45 रुपये पैसे प्रति यूनिट थी जो बाद में घटकर 4 रुपये 34 पैसे प्रति मिनट रह गई और उसके बाद घटकर 2 रुपये 44 पैसे प्रति यूनिट तक रह गई. अब उससे भी कम हो गई.

Rajasthan Solar Power Generating Unit,  Rajasthan Solar Power Unit Government Grant,  Energy Minister BD Kalla Solar Energy statement,  राजस्थान सौर ऊर्जा उत्पादन,  राजस्थान सौर ऊर्जा नीति 2019,  राजस्थान सोलर रेडिएशन,  राजस्थान सोलर प्लांट सरकारी सब्सिडी
ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला

सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भविष्य की ये है प्लानिंग

ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला के अनुसार राजस्थान में भविष्य में अल्ट्रा मेगा अक्षय ऊर्जा पार्क स्थापित किया जाना प्रक्रियाधीन है. वर्तमान में प्रदेश में 12500 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन अधीन है. वहीं दिसंबर 2019 में राजस्थान सरकार द्वारा जारी राजस्थान सौर ऊर्जा नीति के बाद 7438 मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं के लिए निजी निवेशकों ने पंजीकरण करवाया है. प्रदेश में सोलर एनर्जी के क्षेत्र में निजी निवेशकों द्वारा अनुकूल परिस्थितियों के मद्देनजर सोलर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और राष्ट्रीय थर्मल पावर कॉरपोरेशन द्वारा 10 हजार मेगावाट क्षमता के अल्ट्रा अक्षय ऊर्जा पार्क विकसित किए जाने का प्रस्ताव भी प्रदेश सरकार के पास फिलहाल विचाराधीन है.

कुल मिलाकर मतलब साफ है कि आने वाले दिनों में सोलर के क्षेत्र में अभूतपूर्व क्रांति राजस्थान में आने वाली है जिसमें केंद्र सरकार के सहयोग और राजस्थान सरकार के सहयोग से यह तेजी से आगे बढ़ेगी.

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