जयपुर. प्रदेश मे ठंड का असर दिखने लगा है. कई जिलों में न्यूनतम तापमान करीब 10 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है. जयपुर सहित अन्य जिलों के पारे में 2 से 3 डिग्री गिरावट दर्ज की गई है. दिन-प्रतिदिन सर्दी में तेजी होने लगी है. तेज सर्दी से बचने के लिए लोगों ने रजाइयां ओढ़ना शुरू कर दिया है. इसके साथ ही बाजारों में गर्म कपड़ों की खरीदारी भी शुरू हो गई है. वहीं मौसम विभाग ने आसमान साफ रहने की संभावना जताई है.
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प्रदेश के कई जिलों में तो सुबह कोहरा भी नजर आने लगा है. जानकारी के मुताबिक सर्दी में ज्यादा तेजी होने के साथ ही तापमान में ज्यादा गिरावट के साथ हल्की सर्द हवाएं चलने की भी संभावना है. दीपावली के बाद सर्दी में ज्यादा तेजी देखने को मिल रही है. आने वाले दिनों में भी अब तेज सर्दी की संभावना है. नवंबर और दिसंबर महीने में तेज कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना है. ठंड से बचाव के लिए लोगों ने गर्म कपड़े खरीदने शुरू कर दिए हैं.
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राजधानी जयपुर (Jaipur) के आसपास के इलाकों में दीपावली के बाद ज्यादा तेज कपकपाती सर्दी महसूस हुई है. प्रदेश में मौसम शुष्क रहा. न्यूनतम तापमान पूर्वी राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में 10.4 डिग्री सेल्सियस और पश्चिमी राजस्थान के चुरू में 10.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है.
प्रदेश में न्यूनतम तापमान
प्रदेश में न्यूनतम तापमान की बात की जाए तो अजमेर में 14.5 डिग्री सेल्सियस, अलवर में 15.3 डिग्री सेल्सियस, जयपुर में 17.8 डिग्री सेल्सियस, पिलानी में 12.5 डिग्री सेल्सियस, सीकर में 10.5 डिग्री सेल्सियस, कोटा में 13.6 डिग्री सेल्सियस, बूंदी में 14.6 डिग्री सेल्सियस, चित्तौड़गढ़ में 10.4 डिग्री सेल्सियस, डबोक में 10.8 डिग्री सेल्सियस, बाड़मेर में 18.1 डिग्री सेल्सियस, पाली में 14.4 डिग्री सेल्सियस, जैसलमेर में 17.7 डिग्री सेल्सियस फलौदी में 17.6 डिग्री सेल्सियस, बीकानेर में 15.4 डिग्री सेल्सियस, जोधपुर में 15 डिग्री सेल्सियस, चूरू में 10.9 डिग्री सेल्सियस, गंगानगर में 15 डिग्री सेल्सियस, नागौर में 12.1 डिग्री सेल्सियस, टोंक में 15.4 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया है.
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तेज सर्दी के साथ ही कोहरा भी पड़ने की आशंका है. साथ ही कई जगह पर बर्फबारी की भी संभावना है. पाला और बर्फबारी फसलों के लिए नुकसानदायक होती है. तेज सर्दी में अलसुबह किसानों के खेतों में फसल पर बर्फ की परत जम जाती है, जिससे फसलों को भी काफी नुकसान पहुंचता है. तेज बर्फ से फसल को बचाने के लिए किसान खेत में सूखे घास फूस को जलाकर धुंआ किया जाता है, ताकि फसल को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचे.