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राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ 27 दिसंबर को करेगा जल भवन के सामने आंदोलन

राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ ने 27 दिसंबर को जल भवन पर एक बड़ा आंदोलन करने का निर्णय लिया है. कर्मचारी नेता कुलदीप यादव ने बताया कि हाईकोर्ट का आदेश होने के बावजूद भी पीएचईडी विभाग कर्मचारियों की वेतन कटौती नहीं रोकी जा रही है. उन्होंने यह तक कहा कि विभाद जिस तरह से काम कर रहा है, हमें तो शर्म आ रही है.

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Published : Dec 18, 2019, 3:11 PM IST

जयपुर न्यूज, jaipur news
राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ मीडिया से बात करते हुए

जयपुर. हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद भी उसकी पालना नहीं करने के विरोध में राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ 27 दिसंबर को जल भवन पर एक बड़ा आंदोलन करेगा और संघ इस आंदोलन की रूपरेखा बनाने में जुट गया है. राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ का आरोप है कि हाईकोर्ट का आदेश होने के बावजूद भी पीएचईडी विभाग कर्मचारियों की वेतन कटौती नहीं रोकी जा रही है. कर्मचारी नेता कुलदीप यादव ने तो यहां तक कह कि अब तो हमें भी शर्म आ रही है कि विभाग किस तरह से काम कर रहा है.

हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद भी उसकी पालना नहीं : कुलदीप यादव

राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप यादव ने बताया कि पहली बार ऐसा हुआ है कि पीएचईडी विभाग में मुख्य अभियंताओं के 6 पद खाली पड़े हैं. सरकार से बार बार आग्रह भी किया गया, लेकिन अभी तक इन पदों पर किसी की भी नियुक्ति नहीं की गई है. दो एडिशनल चीफ इंजीनियरों की डीपीसी भी मुख्य चीफ इंजीनियरों के पदों पर कर दी गई है, फिर भी पिछले 3 महीने से उनकी नियुक्ति नहीं हो पा रही है.

ये भी पढ़ें: Exclusive: रिश्वतखोरी का 'ऑडियो बम', सरकार के सिस्टम में परभक्षी की तरह बैठे सरकारी मुलाजिम किस तरह कर रहे रक्त चूषण का खेल

यादव ने कहा कि मुख्य अभियंता प्रशासन की नियुक्ति नहीं होने से नॉन गजीटेड कर्मचारियों के कई काम अटके हुए हैं, उन्होंने कहा कि 3 अक्टूबर 2019 को हाईकोर्ट के आदेश होने के बावजूद भी पीएचईडी विभाग उसकी की क्रियान्विति नहीं कर पा रहा है.जयपुर के तकनीकी कर्मचारियों के ही कम से कम 200 मामले पेंशन विभाग में अटके हुए हैं.

यादव ने मांग की कि हमारे अटके हुए कामों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए साथ ही जो भर्ती अटकी पड़ी है, उसका भी विज्ञापन निकाला जाएगा. अब हमें भी शर्म आने लगी है यह पीएचईडी विभाग किस तरह से काम कर रहा है. विभाग में मुख्य अभियन्ताओं के 6 पद खाली पड़े हैं और कर्मचारियों का कोई भी काम नहीं हो रहा है. यादव ने कहा कि इससे पहले भी संगठन कई बार आग्रह कर चुका है लेकिन, उनकी मांगों को लेकर अब तक कार्रवाई नहीं हुई है.

हाई कोर्ट के आदेशों की पीएचईडी विभाग उड़ा रहा धज्जियां...

यादव ने आरोप लगाया कि विभाग के अधिकारी और सरकार के बीच आपस में लड़ाई चल रही है, जिसके कारण नुकसान कर्मचारियों का हो रहा है. संघ ने एक आपात काल मीटिंग बुलाकर 27 दिसंबर को एक बड़ा आंदोलन करने का निर्णय किया है और उसके लिए रूपरेखा बनाई जा रही है.

ये पढ़ेंः सीएए हिंसा के पीछे चरमपंथी संगठन सिमी व पीएफआई : खुफिया रिपोर्ट

यादव ने आरोप लगाया कि हाईकोर्ट के निर्णय का वित्त विभाग और जलदाय विभाग दोनों ही धज्जियां उड़ा रहे हैं. हाईकोर्ट ने तकनीकी कर्मचारियों की वेतन कटौती पर रोक लगाई थी लेकिन, विभाग ढ़ाई महीने बाद भी उसकी क्रियान्विति नहीं कर रहा है. अभी तक विभाग ने ओआईसी तक नहीं बनाया है और जिनको ओआईसी बनाया गया था, वह ओआईसी बनने के लिए मना कर रहा है तो ऐसे कौन से कारण हैं, जिनके कारण पीएचईडी विभाग तकनीकी कर्मचारियों की मांग को अनसुना कर रहा है.

यह है आंदोलन का कारण...

राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ पदोन्नति, वेतनमान, वेतन कटौती जारी रहने, 27 साल से तकनीकी कर्मचारियों की भर्ती नहीं होने, ठेकेदारी प्रथा को बढ़ावा देने, पेंशन मामलों आदि को लेकर 27 दिसंबर को एक बड़ा आंदोलन करेंगे.

जयपुर. हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद भी उसकी पालना नहीं करने के विरोध में राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ 27 दिसंबर को जल भवन पर एक बड़ा आंदोलन करेगा और संघ इस आंदोलन की रूपरेखा बनाने में जुट गया है. राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ का आरोप है कि हाईकोर्ट का आदेश होने के बावजूद भी पीएचईडी विभाग कर्मचारियों की वेतन कटौती नहीं रोकी जा रही है. कर्मचारी नेता कुलदीप यादव ने तो यहां तक कह कि अब तो हमें भी शर्म आ रही है कि विभाग किस तरह से काम कर रहा है.

हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद भी उसकी पालना नहीं : कुलदीप यादव

राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप यादव ने बताया कि पहली बार ऐसा हुआ है कि पीएचईडी विभाग में मुख्य अभियंताओं के 6 पद खाली पड़े हैं. सरकार से बार बार आग्रह भी किया गया, लेकिन अभी तक इन पदों पर किसी की भी नियुक्ति नहीं की गई है. दो एडिशनल चीफ इंजीनियरों की डीपीसी भी मुख्य चीफ इंजीनियरों के पदों पर कर दी गई है, फिर भी पिछले 3 महीने से उनकी नियुक्ति नहीं हो पा रही है.

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यादव ने कहा कि मुख्य अभियंता प्रशासन की नियुक्ति नहीं होने से नॉन गजीटेड कर्मचारियों के कई काम अटके हुए हैं, उन्होंने कहा कि 3 अक्टूबर 2019 को हाईकोर्ट के आदेश होने के बावजूद भी पीएचईडी विभाग उसकी की क्रियान्विति नहीं कर पा रहा है.जयपुर के तकनीकी कर्मचारियों के ही कम से कम 200 मामले पेंशन विभाग में अटके हुए हैं.

यादव ने मांग की कि हमारे अटके हुए कामों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए साथ ही जो भर्ती अटकी पड़ी है, उसका भी विज्ञापन निकाला जाएगा. अब हमें भी शर्म आने लगी है यह पीएचईडी विभाग किस तरह से काम कर रहा है. विभाग में मुख्य अभियन्ताओं के 6 पद खाली पड़े हैं और कर्मचारियों का कोई भी काम नहीं हो रहा है. यादव ने कहा कि इससे पहले भी संगठन कई बार आग्रह कर चुका है लेकिन, उनकी मांगों को लेकर अब तक कार्रवाई नहीं हुई है.

हाई कोर्ट के आदेशों की पीएचईडी विभाग उड़ा रहा धज्जियां...

यादव ने आरोप लगाया कि विभाग के अधिकारी और सरकार के बीच आपस में लड़ाई चल रही है, जिसके कारण नुकसान कर्मचारियों का हो रहा है. संघ ने एक आपात काल मीटिंग बुलाकर 27 दिसंबर को एक बड़ा आंदोलन करने का निर्णय किया है और उसके लिए रूपरेखा बनाई जा रही है.

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यादव ने आरोप लगाया कि हाईकोर्ट के निर्णय का वित्त विभाग और जलदाय विभाग दोनों ही धज्जियां उड़ा रहे हैं. हाईकोर्ट ने तकनीकी कर्मचारियों की वेतन कटौती पर रोक लगाई थी लेकिन, विभाग ढ़ाई महीने बाद भी उसकी क्रियान्विति नहीं कर रहा है. अभी तक विभाग ने ओआईसी तक नहीं बनाया है और जिनको ओआईसी बनाया गया था, वह ओआईसी बनने के लिए मना कर रहा है तो ऐसे कौन से कारण हैं, जिनके कारण पीएचईडी विभाग तकनीकी कर्मचारियों की मांग को अनसुना कर रहा है.

यह है आंदोलन का कारण...

राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ पदोन्नति, वेतनमान, वेतन कटौती जारी रहने, 27 साल से तकनीकी कर्मचारियों की भर्ती नहीं होने, ठेकेदारी प्रथा को बढ़ावा देने, पेंशन मामलों आदि को लेकर 27 दिसंबर को एक बड़ा आंदोलन करेंगे.

Intro:जयपुर। हाई कोर्ट का आदेश आने के बाद भी उसकी पालना नहीं करने के विरोध में राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ 27 दिसंबर को जल भवन पर एक बड़ा आंदोलन करेगा और संघ इस आंदोलन की रूपरेखा बनाने में जुट गया है। राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ का आरोप है कि हाईकोर्ट का आदेश होने के बावजूद भी पीएचईडी विभाग कर्मचारियों की वेतन कटौती नहीं रोकी जा रही है। कर्मचारी नेता कुलदीप यादव ने तो यहां तक कह कि अब तो हमें भी शर्म आ रही है कि विभाग किस तरह से काम कर रहा है।


Body:राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप यादव ने बताया कि पहली बार ऐसा हुआ है कि पीएचईडी विभाग में मुख्य अभियंताओं के 6 पद खाली पड़े हैं। सरकार से बार बार आग्रह भी किया गया, लेकिन अभी तक इन पदों पर किसी की भी नियुक्ति नहीं की गई है। दो एडिशनल चीफ इंजीनियरों की डीपीसी भी मुख्य चीफ इंजीनियरों के पदों पर कर दी गई है, फिर भी पिछले 3 महीने से उनकी नियुक्ति नहीं हो पा रही है।
यादव ने कहा कि मुख्य अभियंता प्रशासन की नियुक्ति नहीं होने से non-gazetted कर्मचारियों के कई काम अटके हुए हैं, उन्होंने कहा कि 3 अक्टूबर 2019 को हाईकोर्ट के आदेश होने के बावजूद भी पीएचईडी विभाग उसकी की क्रियान्विति नहीं कर पा रहा है जयपुर के तकनीकी कर्मचारियों के ही कम से कम 200 मामले पेंशन विभाग में अटके हुए हैं यादव ने मांग की कि हमारे अटके हुए कामों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए साथ ही जो भर्ती अटकी पड़ी है उसका भी विज्ञापन निकाला जाएगा। अब हमें भी शर्म आने लगी है यह पीएचईडी विभाग किस तरह से काम कर रहा है। विभाग में मुख्य अभियन्ताओं के 6 पद खाली पड़े हैं और कर्मचारियों का कोई भी काम नहीं हो रहा है। यादव ने कहा कि इससे पहले भी संगठन कई बार आग्रह कर चुका है लेकिन उनकी मांगों को लेकर अब तक कार्रवाई नहीं हुई है ।
हाई कोर्ट के आदेशों की पीएचईडी विभाग उड़ा रहा धज्जिया-
यादव ने आरोप लगाया कि विभाग के अधिकारी और सरकार के बीच आपस में लड़ाई चल रही है जिसके कारण नुकसान कर्मचारियों का हो रहा है। संघ ने एक आपात काल मीटिंग बुलाकर 27 दिसंबर को एक बड़ा आंदोलन करने का निर्णय किया है और उसके लिए रूपरेखा बनाई जा रही है।
यादव ने आरोप लगाया कि हाईकोर्ट के निर्णय का वित्त विभाग और जलदाय विभाग दोनों ही धज्जियां उड़ा रहे हैं हाईकोर्ट ने तकनीकी कर्मचारियों की वेतन कटौती पर रोक लगाई थी लेकिन विभाग ढाई महीने बाद भी उसकी क्रियान्विति नही कर रहा है। अभी तक विभाग ने ओआईसी तक नहीं बनाया है और जिनको ओआईसी बनाया गया था, वह ओआईसी बनने के लिए मना कर रहा है। तो ऐसे कौन से कारण हैं जिनके कारण पीएचईडी विभाग तकनीकी कर्मचारियों की मांग को अनसुना कर रहा है।
यह है आंदोलन का कारण-
राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ पदोन्नति, वेतनमान, वेतन कटौती जारी रहने, 27 साल से तकनीकी कर्मचारियों की भर्ती नहीं होने, ठेकेदारी प्रथा को बढ़ावा देने, पेंशन मामलों आदि को लेकर 27 दिसंबर को एक बड़ा आंदोलन करेंगे ।


बाईट कुलदीप यादव, प्रदेश अध्यक्ष राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ


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