जयपुर. वैदिक संस्कृति संस्कार और सेना के वीर सपूतों के शौर्य आदि के क्षेत्र में प्रदेश की गहलोत सरकार की ओर से किए जा रहे कार्यों की विश्व हिंदू परिषद ने सराहना की है. जयपुर प्रांत की संदीपनी आश्रम में हुई बैठक में विहिप (विश्व हिंदू परिषद) के केंद्रीय मार्गदर्शक और केंद्रीय कार्यकारिणी के सदस्य दिनेश चंद ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तारीफ की है.
बैठक के समापन सत्र में वैदिक संस्कृति और संस्कार के साथ सेना के वीर सपूतों के शौर्य पर बोलते हुए दिनेश ने कहा कि इन दोनों ही विषय पर प्रमुखता से काम करने के लिए राजस्थान सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हृदय से बधाई के पात्र हैं.
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गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले साल आयोजित भामाशाह सम्मान समारोह में कहा था कि राजस्थान की संस्कृति, संस्कार और परंपराओं से दान की प्रेरणा मिलती है और भावी पीढ़ी भी इन गौरवशाली परंपराओं को आत्मसात करें. इसके लिए राज्य सरकार वैदिक शिक्षा और संस्कार बोर्ड की स्थापना करेगी. मुख्यमंत्री की इस घोषणा को साकार करने के लिए अब कवायद की जा रही है.
जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय में पुरातन वैदिक ज्ञान विज्ञान को फैलाकर संस्कृति और संस्कार बनाने के लिए कवायद जारी है. दिनेश चंद ने बताया कि वैदिक संस्कार और शिक्षा बोर्ड की स्थापना से वेदों में निहित गूढ़ ज्ञान को आम लोगों तक पहुंचाने के साथ ही बोर्ड के माध्यम से विद्यार्थियों को आधुनिक दौर से जोड़कर प्राचीन विद्या को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी.
प्रांत प्रचार प्रमुख अभिषेक सिंह ने बताया कि बैठक में आगामी कार्यक्रमों पर चर्चा और संपन्न कार्यक्रमों की भी समीक्षा हुई. उन्होंने कहा कि वर्तमान में सरकार के लिए निर्णय पर चर्चा होती रहती है. इस दौरान उन सभी निर्णयों की प्रशंसा और निंदा भी होती है जो कि निजी स्वार्थ के चलते राष्ट्र धर्म और हमारी संस्कृति पर कुठाराघात करने वाले होते हैं.
दिनेश चंद ने राजस्थान सरकार की ओर से सांस्कृतिक संरक्षण और संवर्धन और देश की सुरक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त होने वाले परमवीर चक्र विजेताओं के जीवन को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने के निर्णय पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को धन्यवाद ज्ञापित किया है.