जयपुर. राजस्थान यूनिवर्सिटी का 29वां दीक्षांत समारोह मनाया गया. लेकिन राजस्थान यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह का नजारा कुछ और ही था. जहां एक ओर यूनिवर्सिटी का 29वां दीक्षांत समारोह मनाया जा रहा था तो वहीं, दीक्षांत समारोह से शिक्षक ही नदारद रहे.
बता दें कि ये शिक्षक पदोन्नति की मांग को लेकर कुलपति सचिवालय के बाहर सांकेतिक धरने पर बैठे थे. शिक्षकों ने कहा कि 2012 के बाद से शिक्षकों की पदोन्नति नहीं की गई है. इस मामले पर कुलपति को कई बार अवगत करवाया गया लेकिन प्रशासन ने अभी तक इस बारे में कोई सुध नहीं ली है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की सभी यूनिवर्सिटी में सीएस के तहत पदोन्नति हो चुकी है. लेकिन राजस्थान यूनिवर्सिटी प्रशासन सरकार का हवाला दे रही है लेकिन इसमें सरकार का कोई हस्तपक्षेप नहीं है.
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शिक्षक विनोद शर्मा ने कहा कि यूनिवर्सिटी के कुलपति सरकार का नाम लेकर बच रहे है और सरकार को बदनाम कर रहे है. शर्मा ने कहा कि शिक्षको के आह्वान के बाद भी कुलपति ने शिक्षकों से बातचीत करना उचित नहीं समझा. गौरतलब है कि शिक्षकों के इस आंदोलन को रूटा के पदाधिकारी समर्थन कर रहे है.
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इसी दौरान नए शिक्षकों ने कहा कि उनके कन्फर्मेशन और फिक्सेशन में भी डेढ़ साल का विलंब हुआ था. जिसके बाद अब पदोन्नति में भी देरी की जा रही है. बता दें कि राजस्थान यूनिवर्सिटी में 18 विभाग है लेकिन महज 11 प्रोफेसर ही है. साथ ही कई अच्छे शिक्षक एसोसिएट प्रोफेसर के पद से ही रिटायर हो गए है. उन्होंने कहा कि लगभग 417 शिक्षकों की पदोन्नति 2012 के बाद से अभी तक नहीं हुई है जिसके चलते शिक्षक प्रोफेसर नहीं बन पा रहे है.