जयपुर. रीट और एसआई भर्ती की सीबीआई जांच कराने सहित 21 मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव ने सरकार को फिर से चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि 21 मांगों में से कुछ मांगें सरकार ने मान ली हैं, शेष मांगे यदि सरकार नहीं मानती है तो बेरोजगार दीवाली भी भूखे रहकर शहीद स्मारक पर मनाएंगे. यादव ने सोमवार को मीडिया से रूबरू होते हुए यह बात कही.
बेरोजगार युवाओं की 21 सूत्री मांगों को लेकर यादव आमरण अनशन कर चुके हैं और तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें एसएमएस अस्पताल में भी भर्ती कराया गया था. इस दौरान सरकार ने कुछ मांगें मान लीं और मुख्य सचेतक महेश जोशी ने जूस पिलाकर उनका अनशन तुड़वाया था. इसके बाद उपेन वापस शहीद स्मारक पर आन्दोलन में शामिल हो गए और बेरोजगार युवाओं के साथ ही शेष मांगों को पूरा करने के लिए सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. उन्होंने साफ कर दिया है कि जिस तरह से दशहरा शहीद स्मारक पर मनाया गया था, उसी तरह से दीवाली भी भूखे रहकर शहीद स्मारक पर ही मनाई जाएगी.
'आश्वासन नहीं परिणाम चाहिए'
यादव ने कहा कि हमने आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है. हमें आश्वासन नहीं परिणाम चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें 689 स्कूल व्याख्याता भर्ती का परिणाम, प्रयोगशाला सहायक के 1534 पदों पर नियुक्ति का आदेश, फार्मासिस्ट भर्ती प्रक्रिया का निस्तारण, पीटीआई भर्ती के पद और रीट भर्ती 2018 का निस्तारण चाहिए. इसके अलावा चिकित्सा और शिक्षा विभाग में नई भर्तियां, बाहरी राज्यों के कोटा की समाप्ति एवं बेरोजगारों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस होने चाहिए.
पेपर लीक रोकने के लिए गैर-जमानती कानून लागू करे सरकार
![राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/rj-jpr-01-upenyadav-avb-rj10002_25102021132545_2510f_1635148545_462.jpg)
यादव ने कहा कि हालांकि सरकार पेपर लीक रोकने के लिए गैर-जमानती कानून लेकर आ रही है, यह सही बात है. कुछ मांगे हमारी मान ली गई गई हैं. हम शेष मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. उन्होंने मांग की है कि सरकार जल्द से जल्द पेपर लीक रोकने के लिए गैर-जमानती कानून लागू करे.
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संभाग या पास के जिले में हो परीक्षा केंद्र
यादव ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि जल्द से जल्द सरकार हमारी मांगें नहीं मानती है, तो आने वाले समय में कांग्रेस को इससे नुकसान होगा. उन्होंने कहा कि शनिवार और रविवार को जिस गंभीरता के साथ पटवारी की परीक्षा हुई है, उससे बेरोजगार कहीं ना कहीं राहत महसूस कर रहा है. उन्होंने कहा कि बेरोजगारों का सेंटर बहुत दूर दिया जा रहा है जो पूरी तरह से गलत है. संभाग में या पास के जिले में ही परीक्षा केंद्र देना चाहिए, ताकि बेरोजगार युवा परेशान ना हों. यादव ने कहा कि सफर के दौरान हमारे कई बेरोजगार युवाओं ने अपनी जान खो दी. परीक्षा केंद्र दूर देने से पेपर लीक और नकल नहीं रुकने वाली बल्कि इसकी बजाय सिस्टम को मजबूत बनाने की आवश्यकता है. सरकार को बायोमेट्रिक वीडियोग्राफी लागू करने की आवश्यकता है. इसलिए सरकार को गृह संभागों और गृह जिले में ही परीक्षा केंद्र आवंटित करने चाहिए.