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परिवहन विभाग को मिला 6 हजार करोड़ का टारगेट, यह होगी बड़ी चुनौती?

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Published : Aug 20, 2020, 11:31 AM IST

परिवहन आयुक्त रवि जैन ने प्रदेश के सभी RTO और DTO को राजस्व प्राप्ति के लिए टारगेट जारी कर दिए हैं. सबसे अधिक टारगेट जयपुर RTO को दिया गया है. हालांकि परिवहन विभाग पिछले वित्तीय वर्ष में भी अपना टारगेट हासिल नहीं कर पाया था. ऐसे में अब कोरोना प्रकोप और बीते दिनों विभाग में हुई ACB कार्रवाई के बाद अब देखने वाली बात यह होगी कि विभाग इस वित्तीय वर्ष में अपना टारगेट पूरा कर पाता है या नहीं.

privhan  राजस्थान परिवहन विभाग,  जयपुर परिवहन विभाग की खबर
वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए मिला 6000 करोड़ का टारगेट

जयपुर. प्रदेश को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले विभागों में परिवहन विभाग मुख्य रूप से शामिल है. राजस्व प्राप्ति में परिवहन विभाग को राज्य सरकार के द्वारा पांचवें नंबर का दर्जा भी दिया गया है. ऐसे में परिवहन विभाग सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व भी देता है. 2020-21 के लिए भी परिवहन आयुक्त रवि जैन ने राजस्व प्राप्ति को लेकर प्रदेश के सभी आरटीओ और डीटीओ अधिकारियों को उनके टारगेट जारी कर दिए हैं.

वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए मिला 6000 करोड़ का टारगेट

बता दें परिवहन विभाग को इस वित्तीय वर्ष में करीब 6000 करोड़ रुपए का टारगेट दिया गया है. ऐसे में सबसे अधिक टारगेट की बात की जाए तो, सबसे अधिक टारगेट भी जयपुर आरटीओ को दिया गया है. जयपुर आरटीओ को 2020-21 के लिए 12 सौ करोड़ रुपए का टारगेट दिया गया है. वहीं इसके साथ जोधपुर की बात की जाए, तो जोधपुर आरटीओ को भी करीब 589 करोड़ का टारगेट दिया है. इसके बाद अजमेर आरटीओ को 528 करोड़ का टारगेट मिला है और उदयपुर आरटीओ को 548 करोड़ का टारगेट मिला है. वहीं बीकानेर आरटीओ की बात की जाए, तो बीकानेर आरटीओ को 455 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त करना है.

जानिए किस आरटीओ को मिला कितना टारगेट

  • जयपुर आरटीओ को 1205. 62 करोड़ का टारगेट
  • दौसा आरटीओ को 186 .24 करोड़ का टारगेट
  • सीकर आरटीओ को 458 . 12 करोड का टारगेट
  • अलवर आरटीओ को 348. 55 करोड का टारगेट
  • भरतपुर आरटीओ को 237. 6 करोड़ का टारगेट
  • अजमेर आरटीओ को 528. 63 करोड का टारगेट
  • जोधपुर आरटीओ को 589. 89 करोड़ का टारगेट
  • पाली आरटीओ को 312. 56 करोड का टारगेट
  • उदयपुर आरटीओ को 548. 25 करोड़ का टारगेट
  • चितौड़गढ़ आरटीओ का 434. 1 करोड़ का टारगेट
  • कोटा आरटीओ को 375. 47 करोड़ का टारगेट
  • बीकानेर आरटीओ को 455. 60 करोड़ का टारगेट

इस साल 350 करोड़ ज्यादा मिला टारगेट

बता दें परिवहन विभाग को पिछले साल की तुलना में इस साल करीब 350 करोड़ रुपए का ज्यादा राजस्व लक्ष्य हासिल करना है, क्योंकि परिवहन विभाग को वित्तीय वर्ष 2019 और 20 के अंतर्गत 5650 करोड रुपए का राजस्व हासिल करना था. लेकिन विभाग वह राजस्व लक्ष्य हासिल नहीं कर पाया था और विभाग करीबन 5000 करोड के आसपास राजस्व लक्ष्य हासिल कर पाया था. लेकिन अब इस वित्तीय वर्ष में परिवहन विभाग को इस साल टारगेट को बढ़ाकर 6000 करोड़ रुपए भी कर दिया है, जो विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती साबित होगी.

विभाग के लिए होगी बड़ी चुनौती

बता दें इस समय देश भर में कोरोना का प्रकोप है और केंद्र सरकार के द्वारा विभाग के सभी कागजात जिनमें टैक्स, फिटनेस ,आरसी लाइसेंस की वैधता को बढ़ाकर 30 सितंबर तक कर दिया है. ऐसे में इंस्पेक्टर भी चालान नहीं कर पाएंगे. इसके साथ ही बीते दिनों परिवहन विभाग में हुई ACB की कार्रवाई के बाद विभाग के कुछ अधिकारियों के मन में अभी भी डर का माहौल बना हुआ है. ऐसे में विभाग को इस वित्तीय वर्ष में 6000 करोड़ का राजस्व प्राप्त करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. ऐसे में अब देखने वाली बात यह होगी कि विभाग के नए मुखिया परिवहन आयुक्त रवि जैन के निर्देश में क्या विभाग इस वित्तीय वर्ष में अपना राजस्व लक्ष्य अर्जित कर पाते हैं.

जयपुर. प्रदेश को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले विभागों में परिवहन विभाग मुख्य रूप से शामिल है. राजस्व प्राप्ति में परिवहन विभाग को राज्य सरकार के द्वारा पांचवें नंबर का दर्जा भी दिया गया है. ऐसे में परिवहन विभाग सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व भी देता है. 2020-21 के लिए भी परिवहन आयुक्त रवि जैन ने राजस्व प्राप्ति को लेकर प्रदेश के सभी आरटीओ और डीटीओ अधिकारियों को उनके टारगेट जारी कर दिए हैं.

वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए मिला 6000 करोड़ का टारगेट

बता दें परिवहन विभाग को इस वित्तीय वर्ष में करीब 6000 करोड़ रुपए का टारगेट दिया गया है. ऐसे में सबसे अधिक टारगेट की बात की जाए तो, सबसे अधिक टारगेट भी जयपुर आरटीओ को दिया गया है. जयपुर आरटीओ को 2020-21 के लिए 12 सौ करोड़ रुपए का टारगेट दिया गया है. वहीं इसके साथ जोधपुर की बात की जाए, तो जोधपुर आरटीओ को भी करीब 589 करोड़ का टारगेट दिया है. इसके बाद अजमेर आरटीओ को 528 करोड़ का टारगेट मिला है और उदयपुर आरटीओ को 548 करोड़ का टारगेट मिला है. वहीं बीकानेर आरटीओ की बात की जाए, तो बीकानेर आरटीओ को 455 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त करना है.

जानिए किस आरटीओ को मिला कितना टारगेट

  • जयपुर आरटीओ को 1205. 62 करोड़ का टारगेट
  • दौसा आरटीओ को 186 .24 करोड़ का टारगेट
  • सीकर आरटीओ को 458 . 12 करोड का टारगेट
  • अलवर आरटीओ को 348. 55 करोड का टारगेट
  • भरतपुर आरटीओ को 237. 6 करोड़ का टारगेट
  • अजमेर आरटीओ को 528. 63 करोड का टारगेट
  • जोधपुर आरटीओ को 589. 89 करोड़ का टारगेट
  • पाली आरटीओ को 312. 56 करोड का टारगेट
  • उदयपुर आरटीओ को 548. 25 करोड़ का टारगेट
  • चितौड़गढ़ आरटीओ का 434. 1 करोड़ का टारगेट
  • कोटा आरटीओ को 375. 47 करोड़ का टारगेट
  • बीकानेर आरटीओ को 455. 60 करोड़ का टारगेट

इस साल 350 करोड़ ज्यादा मिला टारगेट

बता दें परिवहन विभाग को पिछले साल की तुलना में इस साल करीब 350 करोड़ रुपए का ज्यादा राजस्व लक्ष्य हासिल करना है, क्योंकि परिवहन विभाग को वित्तीय वर्ष 2019 और 20 के अंतर्गत 5650 करोड रुपए का राजस्व हासिल करना था. लेकिन विभाग वह राजस्व लक्ष्य हासिल नहीं कर पाया था और विभाग करीबन 5000 करोड के आसपास राजस्व लक्ष्य हासिल कर पाया था. लेकिन अब इस वित्तीय वर्ष में परिवहन विभाग को इस साल टारगेट को बढ़ाकर 6000 करोड़ रुपए भी कर दिया है, जो विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती साबित होगी.

विभाग के लिए होगी बड़ी चुनौती

बता दें इस समय देश भर में कोरोना का प्रकोप है और केंद्र सरकार के द्वारा विभाग के सभी कागजात जिनमें टैक्स, फिटनेस ,आरसी लाइसेंस की वैधता को बढ़ाकर 30 सितंबर तक कर दिया है. ऐसे में इंस्पेक्टर भी चालान नहीं कर पाएंगे. इसके साथ ही बीते दिनों परिवहन विभाग में हुई ACB की कार्रवाई के बाद विभाग के कुछ अधिकारियों के मन में अभी भी डर का माहौल बना हुआ है. ऐसे में विभाग को इस वित्तीय वर्ष में 6000 करोड़ का राजस्व प्राप्त करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. ऐसे में अब देखने वाली बात यह होगी कि विभाग के नए मुखिया परिवहन आयुक्त रवि जैन के निर्देश में क्या विभाग इस वित्तीय वर्ष में अपना राजस्व लक्ष्य अर्जित कर पाते हैं.

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