जयपुर. घाटे से जूझ रहे राजस्थान पर्यटन विकास निगम को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है. बता दें कि पर्यटन विकास निगम की 4 हेरिटेज और टूरिज्म महत्व की प्रॉपर्टी के रेस्टोरेशन की उम्मीदों को फिर से ताला लगने जा रहा है. फाइनेंस की ओर से बजट घोषणा के लिए फंड देने से इनकार कर दिया गया है. पिछली बार जहां आरटीडीसी को खुद के स्तर पर लोन लेने की नसीहत दी गई थी.
वहीं, दोबारा भी दिए गए प्रस्ताव पर लोन को लेकर सरकार की ओर से गारंटी देने का आश्वासन भी मिला है. इधर, आरटीडीसी प्रशासन इस स्थिति के लिए अभी तक तैयार नहीं है. क्योंकि पहले से घाटे से जूझ रहे निगम के लिए ये एक बहुत बड़ी चुनौती भी है. इसके साथ ही कोविड-19 ने पर्यटन व्यवसाय की कमर तोड़ने का काम भी किया है. होटलों में इस समय पर्यटक भी दुर्लभ नजर आ रहे हैं.
वहीं दूसरी ओर आरटीडीसी को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाली पैलेस ऑन व्हील्स के फेरों को भी रद्द कर दिया गया है. ऐसे में अभी पैलेस ऑन व्हील्स के चलने को लेकर भी कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है और शाही रेल के पहिए जाम पड़े हैं. ऐसे में जिन हेरिटेज प्रॉपर्टी के संरक्षण की उम्मीद बंधी थी वो अब धराशाई हो रही है.
बता दें कि बजट भाषण 2020 की घोषणा के मुताबिक लेक पैलेस सिलीसेढ़ अलवर, झूमर बावड़ी रणथंबोर सवाई माधोपुर, गोकुल नाथद्वारा राजसमंद और होटल सरोवर पुष्कर अजमेर में जिनोदार का काम और संरक्षण और विकास के लिए ₹4 करोड़ का प्रावधान किया गया था. बहरहाल जानकारों के मुताबिक इन हालात के पीछे आरटीडीसी की कमजोर अप्रोच भी है. क्योंकि केवल rtdc पत्रचार तक ही सीमित है.
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इसके अलावा प्रशासन की ओर से किसी तरह के प्रयास भी किए गए हैं. ऐसे में अब राजस्थान पर्यटन निगम को बजट घोषणा के लिए फंड देने से भी इनकार कर दिया गया है. और दूसरी और केवल लोन की गारंटी देने का आश्वासन दिया गया है. ऐसे में निगम के लिए एक बहुत बड़ा झटका भी साबित होगा.