जयपुर. कोयला संकट के नाम पर एक बार फिर विदेश से ढाई गुना ज्यादा महंगा कोयला खरीदने की (Rajasthan to import coal from foreign) तैयारी है. हालांकि इस बार राजस्थान ऊर्जा विभाग के अधिकारियों ने इसके पीछे केंद्र सरकार के संशोधित निर्देश का हवाला दिया है, जिसमें राजस्थान को कोल इंडिया से मिलने वाले कोयले का 10% हिस्सा आयात करने को कहा गया है. जबकि केंद्र सरकार ने इससे पहले 4% ही आयात करने की एडवाइजरी जारी की थी.
अभी तक राजस्थान में 3.86 लाख मीट्रिक टन कोयला खरीदने की (Rajasthan coal crisis) प्रक्रिया शुरू की थी. लेकिन नए निर्देश के बाद इसे बढ़ाकर 9.65 मीट्रिक टन करने की प्लानिंग है. ज्यादा कोयला खरीद से करीब 1700 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार पड़ेगा. राजस्थान को सामान्य कोयला 5 हजार रुपए मीट्रिक टन पड़ता है. जबकि विदेश से खरीदने वाला कोयला 21 हजार मीट्रिक टन के भाव आएगा.
इस तरह महंगा पड़ेगा विदेशी कोयला: राजस्थान की बिजली घरों के लिए विदेश से 9.65 लाख मीट्रिक टन कोयला खरीदा गया. जिसकी कीमत 17 करोड़ रुपए आंकी गई है. इसका भार सीधे तौर पर उपभोक्ता पर ही आएगा. क्योंकि इससे बिजली उत्पादन करीब 1 रुपए प्रति यूनिट तक महंगी होने की संभावना है. प्रदेश में 3240 मेगावाट क्षमता का बिजली घर है, जहां कोल इंडिया की सहायक कंपनियों से कोयला पहुंचता है. इन्हीं प्लांटों में विदेश से आयात होने वाला कोयला आएगा.