जयपुर. राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी संघर्ष समिति ने एक बार फिर गहलोत सरकार को आंख दिखाई है. संघर्ष समिति ने अपनी 7 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्य सचिव निरंजन आर्य को ज्ञापन सौंपा है. जिसमें उन्होंने 30 अप्रैल तक मांगे पूरी करने की अपील की है. वहीं मांगे पूरी नहीं होने पर 5 मई से आंदोलन की चेतावनी दी है.
राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ एकीकृत के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि राजस्थान मंत्रालयिक संवर्ग के कर्मचारियों का मांगपत्र निरंजन आर्य सौंप कर वार्ता की. मांगपत्र में राजस्थान स्टेट पैरीटी के आधार पर कनिष्ट सहायक (लिपिक ग्रेड - द्वितीय) की ग्रेड पे 3600 लेवल-10 में किया जाए. साथ ही न्यूनतम योग्यता स्नातक करनेवित्त विभाग की ओर से जारी वेतन वसूली आदेश दिनांक 30.10.2017 को प्रत्याहरित (विड्रॉ) करने सहित सात सूत्री मांग रखी.
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गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि यह भी आशा व्यक्त कि शासन सकारात्मक निर्णय लेकर मंत्रालियक संवर्ग से टकराव की स्थिति उत्पन्न नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि सरकार संवाद और सकारात्मक कार्यवाही 30 अप्रैल तक शासन स्तर पर वार्ता कर मांगों का समाधान करेगी. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने 30 अप्रैल तक सकारात्मक निर्णय नहीं लिया तो 5 मई को कर्मचारी संघर्ष समिति अपनी बैठक करेगी. जिसमें आगे के आंदोलन की रणनीति तय कर सरकार को अपनी मांगे पूरी करने के लिए मजबूर करेगी.
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मुख्य सचिव को ज्ञापन देने में राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ एकीकृत के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़, गिरजा शंकर आचार्य, महेन्द्र सिंह धायल, मनोज सक्सेना, शंभू सिंह राठौड़, पूनम चन्द व्यास, शेर सिंह चैधरी, गिरीराज चैधरी, कमलनारायण आचार्य, सुरेश धाभाई, राजाराम यादव, राजेश चारण, शेखर लुहारिया, सुरेश तोमडिया, शिवानन्द सिंह, मनोज वर्मा, प्रदीप सिंह, देवी सिंह भाटी, विजेन्द्र सिंह, अनूप नालावत, अनिल शर्मा, आशोक वैष्णव, अल्लानूर, संदिप माथुर, धर्मवीर सिंह, आमेप्रकाश खोजा, केवलराम चौधरी सम्मलित रहे.