जयपुर. राजधानी में सक्रिय भू-माफियाओं की गैंग (Gang of Land Mafias) में कानून का बिल्कुल भी खौफ नहीं है और अब बदमाश सिविल लाइंस क्षेत्र जहां राज्यपाल, मुख्यमंत्री सहित तमाम मंत्री निवास करते हैं, वहां भी कब्जे करने लगे हैं. दबंगई का ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसमें दिनदहाड़े लाठियां और हथियार लेकर पहुंचे कार सवार दबंगों ने राजभवन डिस्पेंसरी के सामने के घर के एक हिस्से पर कब्जा कर लिया. सोडाला थाना पुलिस मौके पर पहुंची तब लठैत भी उपस्थित थे, लेकिन कार्रवाई के बजाय पुलिस उलटे पांव लौट गई. बाद में परिवादी पक्ष ने विरोध जताया तो ताला लगाकर पुलिस ने चाबी अपने पास रख ली. इसमें चौकाने वाला खुलासा बुधवार रात को एसओजी ने किया है. एसओजी (Rajasthan SOG Action) ने मुख्य आरोपी विनोद पंडित को लोडेड पिस्टल के साथ पकड़ा और उसके घर की तलाशी में कारतूस बरामद किए.
कब्जा करने पहुंचे थे बदमाश: एसओजी एडीजी अशोक राठौड़ का कहना है कि बदमाशों के पास हथियार होने की सूचना पर एसओजी ने कार्रवाई की है. अब मामले की तह तक पड़ताल की जाएगी. दरअसल बात मालिकाना हक को लेकर नहीं, बल्कि दबंगई के साथ सिविल लाइंस जैसे क्षेत्र में कब्जे करने की बात का है. कब्जे के आरोपी विनोद पंडित व अन्य बदमाश पहले भी शहर में कई वारदात कर चुके है. राजभवन रोड निवासी कल्याण सिंह यादव ने सोडाला थाने में उसके खिलाफ 8 मई को परिवाद दिया था. परिवाद में बताया कि उनकी पुस्तैनी सम्पत्ति है, जिसमें तीन भाइयों का हिस्सा है. मकान के एक हिस्से में रहने वाला किराएदार कुछ महिनों पहले चला गया. वो हिस्सा खाली पड़ा था. उसी पर कब्जा करने भूमाफिया गैंग पहुंचा. पीड़ित का सवाल है कि बंटवारे के बगैर मकान में दूसरा पक्ष कैसे कब्जा कर सकता है? दूसरी ओर लैंड माफिया का अपना तर्क है. उसके मुताबिक परिवादी के भाई ने ये हिस्सा उसके नाम कर दिया है. दरअसल, पीड़ित के भाई की कई साल पहले मौत भी हो चुकी है.
एसओजी ने इस तरह दबोचे बदमाश: एसओजी के पुलिस निरीक्षक मनीष चारण ने जाप्ते के साथ बुधवार रात को टोंक रोड स्थित एक हॉस्पिटल के नजदीक दबिश (Rajasthan SOG action on Land Mafias) दी. वहां काली स्कॉर्पियो सवार विनोद शर्मा उर्फ विनोद पंडित को पकड़ा. तलाशी में उसके पास अवैध पिस्टल (land mafia caught with weapons in Jaipur) मिली. पूछताछ में उसने सिविल लाइंस राजभवन डिस्पेंसरी के सामने स्थित विवादित मकान में ही कारतूस छिपाने की जानकारी दी. बताया कि मकान की चाबी सोडाला थानाधिकारी के पास है. एसओजी टीम सोडाला थाने से चाबी लेकर मकान की तलाशी के लिए रवाना हुई. पुलिस टीम के साथ आरोपी भी था. उसने बताया कि हथियार इस मकान पर नहीं बल्कि सुंदर नगर स्थित अपने आवास पर है. पुलिस उसके आवास पहुंची जहां उसका भाई जितेन्द्र मिला. वहां तलाशी में पांच कारतूस मिले. इसके बाद नजदीक ही रहने वाले विनोद के चचेरे भाई अनिल शर्मा के घर गए तो उसके पास भी तीन कारतूस मिले. एसओजी ने बताया कि आरोपी के पास से कई भूखंडों व मकानों के स्वामित्व संबंधी दस्तावेज भी बरामद किए हैं, जिनकी पड़ताल की जा रही है.