जयपुर. सियासी उलटफेर में भंग हुई राजस्थान सेवादल की कार्यकारिणी 13 महीने बाद घोषित कर दी गई है. घोषित की गई सेवादल कार्यकारिणी में 185 पदाधिकारी ओर 36 जिला अध्यक्ष बनाए गए हैं. कार्यकारिणी में इस बार नए चेहरों को मौका दिया गया है.
13 महीने पहले राजस्थान में सियासी उठापटक (Rajasthan Political Crisis) के बीच जब कांग्रेस के पूरे संगठन को भंग कर दिया गया था. तब कांग्रेस सेवा दल के अध्यक्ष के साथ ही सेवादल की कार्यकारिणी को भी भंग किया गया था. हेम सिंह शेखावत (Hem Singh Shekhawat) को उसी समय अध्यक्ष बना दिया था लेकिन कार्यकारिणी के गठन में 13 महीने का समय लग गया.
सेवादल की कार्यकारिणी (Rajasthan Seva Dal Executive) में 185 पदाधिकारी और 36 जिला अध्यक्ष बनाए गए हैं. 25 पदाधिकारी और 9 जिला अध्यक्ष अभी पेंडिंग हैं. इनकी घोषणा आगामी दिनों कर दी जाएगी. खास बात यह है कि कार्यकारिणी में केवल 16 ऐसे पदाधिकारी हैं जो पिछली कार्यकारिणी में भी शामिल थे. इनको छोड़कर सभी नए चेहरों को मौका दिया गया है.
इसका भी रखा है ध्यान
कांग्रेस में अब सेवादल का स्वरूप लगातार बदल रहा है. पहले जिस सेवादल को केवल कांग्रेस के बड़े नेताओं को गार्ड ऑफ ऑनर या पार्टी के कार्यक्रम में व्यवस्था सम्भालने तक सीमित माना जाता था. अब उस सेवादल को कांग्रेस पार्टी भाजपा और आरएसएस से बौद्धिक लड़ाई लड़ने के लिए आगे कर रही है. यही कारण है कि घोषित हुई राजस्थान कांग्रेस सेवादल की कार्यकारिणी में केवल 8 ऐसे पदाधिकारी है जो 10वीं या 12वीं पास हैं. बाकी सभी पदाधिकारी कम से कम ग्रेजुएट हैं.
सेवादल अध्यक्ष हेम सिंह ने बताया कि अब सेवादल बौद्धिक लड़ाई में भी भाजपा और आरएसएस से लड़ेगा. यही कारण है कि उस स्तर के पदाधिकारियों की तलाश और कार्यकारिणी बनाने में 13 महीने का समय लग गया. कार्यकारिणी में पढ़े-लिखे कार्यकर्ताओं के साथ ही आयु वर्ग का भी ध्यान रखा गया है.
सेवा दल की नई कार्यकारिणी में सभी जिलाध्यक्ष अधिकतम 45 वर्ष के हैं तो पूरी कार्यकारिणी में केवल 20 पदाधिकारी ऐसे हैं जिनकी आयु 50 वर्ष से अधिक है. कार्यकारिणी में तीन उपाध्यक्ष, 7 महासचिव, 7 मुख्य प्रशिक्षक, एक कोषाध्यक्ष, 7 सेवा समितियां, पांच ध्वज प्रभारी, 2 दल जगत प्रभारी, 44 प्रदेश सचिव, 41 प्रदेश संयुक्त सचिव और 36 जिला मुख्य संगठक बनाए गए हैं.