जयपुर. राजस्थान रोडवेज के ब्रांड नाम लोक परिवहन सेवा नाम को निजी बसों से हटाने की कवायद अब तेज हो चुकी है. इसे लेकर राजस्थान रोडवेज के चेयरमैन रविशंकर श्रीवास्तव ने परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और ट्रांसपोर्ट एसीएस राजीव स्वरूप को पत्र लिखा है.
पत्र में लिखा गया है, कि राजस्थान लोक परिवहन सेवा के नाम से निजी बस संचालित नहीं करें. इन बसों के नाम से संचालित बसों से जनता में अनावश्यक भ्रांति उत्पन्न हो रही है. इसके अलावा परिवहन विभाग को अवैध नाम परिवर्तन के खिलाफ अभियान चलाकर सख्त कार्रवाई भी करनी चाहिए.
इस तरह हो रहा है राजस्थान रोडवेज के नाम का दुरुपयोग...
दरअसल, निजी बस संचालक सरकार से परमिट प्राप्त कर कुछ निजी बसों का संचालन राजस्थान लोक परिवहन सेवा के नाम से कर रहे हैं। इतना ही नहीं इनके द्वारा राजस्थान परिवहन निगम के लिए आरक्षित बस स्टैंडों का भी प्रयोग किया जा रहा है, जिसके कारण अनावश्यक भीड़ और ट्रैफिक जाम की स्थिति उत्पन्न हो रही है.
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निजी बस संचालकों द्वारा चलाई जा रही बसों की सेवा निगम द्वारा संचालित बसों से निम्न स्तर की है, निजी बसों के चलते निगम को न केवल आर्थिक नुकसान हो रहा है, बल्कि निगम की साख पर भी इसका विपरीत प्रभाव पड़ रहा है.
राजस्थान लोक परिवहन सेवा के नाम से निजी बसों द्वारा चलाई जा रही बसों से बीकानेर, नागौर और चूरू में आमजन दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं. निजी बस चालकों के असावधानी पूर्वक संचालन करने से दुर्घटनाएं हो रही है, जो कि किसी भी दशा में स्वीकार्य नहीं की जा सकती. जबकि सच्चाई ये है कि रोडवेज की इसमें कोई भूमिका नहीं होती.
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आमजन इन बसों पर राजस्थान लोक परिवहन सेवा लिखा होने से भ्रमित हो जाते हैं. राजस्थान रोडवेज के नाम पर किया गया उनका यह भरोसा उन्हें भारी पड़ता है. इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए श्रीवास्तव ने ACS और मंत्री को पत्र लिखा है।