जयपुर. प्रदेश में पहली बार पेपरलेस बजट प्रस्तुत किया गया. सीएम अशोक गहलोत ने राज्य के वर्ष 2020-21 के संशोधित अनुमान और वर्ष 2021-22 के बजट अनुमान को सदन में पेश किया.
वर्ष 2020-21 के संशोधित अनुमान का संक्षिप्त विवरण...
राजस्व घाटा...
15वें वित्त आयोग की ओर से की गई अभिशंषा के अनुसार वर्ष 2021-22 के लिए शुद्ध ऋण सीमा राज्य सकल घरेलू उत्पाद की 4% निर्धारित की गई है. इसी सीमा में वर्ष 2021-22 के बजट अनुमानों में राजकोषीय घाटा राशि रुपए 47 हजार 652 करोड़ 77 लाख अनुमानित है, जो कि राज्य सकल घरेलू उत्पाद का 3.98% है.
वर्ष 2021-22 के लिए बजट अनुमानों का संक्षिप्त विवरण...
इसके साथ ही, सीएम अशोक गहलोत ने सदन में केंद्र सरकार की ओर से देय केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सा राशि में की गई कटौती का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि वर्ष 2020-21 के लिए प्रदेश को प्राप्त होने वाली राशि में केंद्र की ओर से रुपए 14 हजार करोड़ 94 लाख की कमी की गई. साथ ही, आगामी वर्ष के लिए भी मात्र रुपए 40 हजार 106 करोड़ 81 लाख का प्रावधान किया गया है, जो वर्ष 2020-21 के प्रारंभिक अनुमान से भी 6 हजार 779 करोड़ 36 लाख कम है.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से इस कमी की पूर्ति करने के लिए केंद्र सरकार के अनुमति अतिरिक्त ऋण सीमा का उपयोग करने के साथ-साथ वित्तीय प्रबंधन पर फोकस किया गया. इस दौरान सीएम ने कहा कि कुशल वित्तीय प्रबंधन कर प्रदेश के सभी तबकों के कल्याण का ध्यान रखते हुए. आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करने की कार्य योजना बनाते हुए, एक दूरगामी विजन के साथ बजट तैयार किया गया है.