जयपुर. दुनियाभर में कोरोना वायरस का संक्रमण जारी है. इस बीच पूरे देश में लॉकडाउन 5.0 जिसे अनलॉक 1.0 भी कहा जा रहा है शुरू हो गया है. जिसके अंतर्गत कुछ पब्लिक ट्रांसपोर्ट को भी अब धीरे-धीरे छूट देना शुरू कर दिया गया है. लेकिन, अभी भी प्राइवेट बस ऑपरेटर्स लगातार परिवहन आयुक्त से जाकर मुलाकात भी कर रहे हैं. प्राइवेट बस ऑपरेटरों का कहना है कि 2 माह के अंतर्गत उनको काफी नुकसान हुआ है. ऐसे में वह सरकार से कई तरह के मांग भी कर रहे हैं.
बता दें कि राजस्थान प्राइवेट बस ओनर एसोसिएशन की मीटिंग हुई. जिसके अंतर्गत कई अहम विषय पर निर्णय लिया गया है. जिसके अंतर्गत बताया गया है कि जिले के बस मालिक हर जिले के कलेक्टर को मंगलवार को ज्ञापन देंगे. जिसमें सरकार द्वारा टैक्स माफी बीमा की अवधि और फाइनेंस की किस्त का 6 महीने का ब्याज माफ करने को लेकर कहा जाएगा.
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राजस्थान प्राइवेट बस ऑपरेटर एसोसिएशन स्टेट कैरीज के अध्यक्ष कैलाश चंद शर्मा ने बताया कि, कोरोनावायरस महामारी के संकट में राजस्थान सरकार के आदेश के कारण बस संचालकों ने वाहन संचालित मार्च से बस संचालित नहीं की. उन्होंने मांग की है कि सरकार मोटर व्हीकल एक्ट में नोन यूज के तहत सरकार के नियम 25 A (A) के तहत कर छूट का प्रावधान करें.
साथ ही उन्होंने कहा कि नियमों में प्रावधान होने के बावजूद भारत सरकार ने विशेष गाइडलाइन जारी की थी. लेकिन समस्त जिला परिवहन अधिकारी ने एकजुट होकर वाहनों को लॉकडाउन की अवधि में छूट देकर चुकता साक्ष्य नहीं दिया है. प्रदेश के सभी परिवहन अधिकारी इस में तानाशाही रवैया भी अपना रहे हैं.
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इसके साथ ही प्राइवेट बस ऑपरेटर्स ने सरकार से मांग की है, कि कोराना महामारी के चलते वाहन चलाना संभव नहीं है. ऐसे में सरकार बस ऑपरेटर्स को राहत दे और उनके टैक्स को माफ भी करें. इसके साथ ही 1 वर्ष का टैक्स माफ कर बिना सर्च कागज भी सरेंडर करें. जिससे कि प्राइवेट बस ऑपरेटर्स को राहत मिल सकेगी.
बस यूनियन का कहना है कि वह अपने सभी वाहन 3 जून को राजस्थान के सभी जिला परिवहन कार्यालय में भौतिक रूप से ले जाएंगे. जिसकी सूचना भी उन्होंने पूर्व में परिवहन आयुक्त रवि जैन को दे दी है. वहीं प्राइवेट बस ऑपरेटर्स यूनियन का कहना है, कि यदि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो उनको आंदोलन पर भी उतरना पड़ सकता है.