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सचिन पायलट का शाम तक जयपुर पहुंचने का कार्यक्रम, पत्रकारों से भी होंगे मुखातिब

राजस्थान में चल रहे सियासी घमासान के बीच मंगलवार शाम तक पायलट के जयपुर पहुंचने की संभावना जताई जा रही है. प्रदेश में कांग्रेस सरकार को समर्थन देने के लिए पायलट वापस जयपुर आ रहे हैं.

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Published : Aug 11, 2020, 4:07 PM IST

Rajasthan politics update,  Rajasthan politics
सचिन पायलट जयपुर के लिए रवाना

नई दिल्ली/जयपुर. राजस्थान में एक महीने के लंबे राजनीतिक घमासान का उस समय अंत हो गया, जब पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अपना बगावती रूप छोड़ दिया और अपने ट्वीट के माध्यम से घोषणा की, कि वह कांग्रेस में वापस आ गए हैं. पायलट अपने समर्थित विधायकों के साथ अब राज्य में अपनी सरकार का समर्थन करने के लिए वापस जयपुर लौटने के लिए बिल्कुल तैयार हैं.

मंगलवार शाम करीब 4 बजे तक पायलट के जयपुर पहुंचने की संभावना जताई जा रही है. उन्होंने अपने ट्वीट में उनकी बातों को सुनने और सुलह के लिए धन्यवाद देते हुए कहा, मैं सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने हमारी शिकायतों पर ध्यान दिया. उन्होंने लिखा कि मैं अपने विश्वास पर कायम हूं और एक बेहतर भारत के लिए काम करता रहूंगा, राजस्थान के लोगों से किए गए वादों को पूरा करने और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने की कोशिश करता रहूंगा.

पढ़ें- पायलट की 'घर वापसी' के बाद BJP पर बरसे गहलोत, कहा- हमारे साथियों ने धज्जियां उड़ा दी...

हालांकि, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच अनबन जल्द खत्म होने की संभावना नहीं है. सरकार को गिराने और भाजपा से जुड़ने के आरोपों के आधार पर गहलोत राज्य मंत्रिमंडल के साथ-साथ राज्य कांग्रेस अध्यक्ष के पद से पायलट को बाहर करने में सफल रहे.

हमें किसी पद की लालसा नहींः पायलट

दूसरी तरफ पिछले एक महीने से चल रहे सियासी संग्राम के बीच पहली बार पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट मीडिया से मुखातिब हुए कहा था कि सरकार और संगठन के कई सारे मुद्दे थे, जिन पर हमें केंद्रीय नेतृत्व से बात करनी थी. उन्होंने उल्लेख किया था कि वह 'किसी पद के लिए लालसा नहीं रखते'. पायलट ने कहा कि हमारे सैद्धांतिक मुद्दे थे, गवर्नेंस के मुद्दे थे और वह मुद्दे थे जिन्हें लेकर हम सरकार में आए थे.

"मुझे दुख है कि राजद्रोह का नोटिस दिया गया और 25 दिन बाद वापस ले लिया गया. हम अदालत गए. मामले दर्ज किए गए. इन कार्रवाइयों से बचा जा सकता था. मैंने अपने मुद्दों को उठाया. प्रतिशोध की राजनीति नहीं होनी चाहिए. मैंने किसी पद की कोई मांग नहीं रखी है. मैं पार्टी की ओर से दी गई जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए तैयार हूं."

सूत्रों के मुताबिक पायलट को अपने पद वापस मिलने की संभावना नहीं है. सूत्रों के मुताबिक, पायलट को अपने पद वापस मिलने की संभावना नहीं है. हालांकि, उन्हें पार्टी नेतृत्व से 2018 में उनसे किए गए वादे के बारे में एक आश्वासन मिला है. राजस्थान में 2023 विधानसभा चुनाव के नजदीक राज्य सरकार के कार्यकाल के अंतिम वर्ष में वह सीएम पद के लिए विचार कर सकते हैं.

AICC महासचिव के पद का प्रस्ताव

साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि उन्हें बड़े राज्य के AICC महासचिव के पद के लिए प्रस्ताव दिया गया है. वर्तमान में उन्होंने प्रदेश में कांग्रेस सरकार को समर्थन देने के लिए वापस जयपुर आ रहे हैं. कांग्रेस नेताओं के मुताबिक सीएम अशोक गहलोत और कांग्रेस पार्टी से संबंधित मामलों में पायलट की 'विनम्रता' और 'शब्दों का विकल्प' उनके लिए बहुत अच्छा रहा है.

सूत्रों के अनुसार, राजस्थान में पायलट कैंप के विधायकों को भी अब अच्छी पोर्टफोलियो मिलने की उम्मीद है, जब कोई फेरबदल होगा और कुछ बागी विधायकों के खिलाफ मामले वापस ले लिए जाएंगे. वहीं, जिन लोगों को पद से हटाया जा रहा था, वे युवा कांग्रेस और एनएसयूआई की राज्य इकाइयों में थे. पायलट के प्रति निष्ठावान होने के कारण उन्हें अपने पद भी वापस मिल सकते हैं.

सूत्रों के अनुसार प्रदेश की वर्तमान सियासी स्थिति को लेकर सोनिया गांधी ने सोमवार को अशोक गहलोत के साथ बातचीत की है. कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि सचिन पायलट की सभी शिकायतों को सुना जा रहा था, लेकिन अशोक गहलोत को राजस्थान के सीएम पद से हटाना संभव नहीं है, यह सचिन पायलट की अच्छी तरीके से जानते हैं.

3 सदस्यीय कमेटी का हुआ गठन

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को पायलट और बागी विधायकों की समस्या को सुनने के लिए केसी वेणुगोपाल, अहमद पटेल और प्रियंका गांधी वाड्रा की एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है. यह कमेटी राजस्थान में चल रहे राजनीतिक उथल-पुथल के बीच सचिन पायलट और बागी विधायकों की शिकायत सुनेगी और इसकी अंतिम रिपोर्ट पार्टी हाईकमान को सौंपेगी.

नई दिल्ली/जयपुर. राजस्थान में एक महीने के लंबे राजनीतिक घमासान का उस समय अंत हो गया, जब पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अपना बगावती रूप छोड़ दिया और अपने ट्वीट के माध्यम से घोषणा की, कि वह कांग्रेस में वापस आ गए हैं. पायलट अपने समर्थित विधायकों के साथ अब राज्य में अपनी सरकार का समर्थन करने के लिए वापस जयपुर लौटने के लिए बिल्कुल तैयार हैं.

मंगलवार शाम करीब 4 बजे तक पायलट के जयपुर पहुंचने की संभावना जताई जा रही है. उन्होंने अपने ट्वीट में उनकी बातों को सुनने और सुलह के लिए धन्यवाद देते हुए कहा, मैं सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने हमारी शिकायतों पर ध्यान दिया. उन्होंने लिखा कि मैं अपने विश्वास पर कायम हूं और एक बेहतर भारत के लिए काम करता रहूंगा, राजस्थान के लोगों से किए गए वादों को पूरा करने और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने की कोशिश करता रहूंगा.

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हालांकि, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच अनबन जल्द खत्म होने की संभावना नहीं है. सरकार को गिराने और भाजपा से जुड़ने के आरोपों के आधार पर गहलोत राज्य मंत्रिमंडल के साथ-साथ राज्य कांग्रेस अध्यक्ष के पद से पायलट को बाहर करने में सफल रहे.

हमें किसी पद की लालसा नहींः पायलट

दूसरी तरफ पिछले एक महीने से चल रहे सियासी संग्राम के बीच पहली बार पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट मीडिया से मुखातिब हुए कहा था कि सरकार और संगठन के कई सारे मुद्दे थे, जिन पर हमें केंद्रीय नेतृत्व से बात करनी थी. उन्होंने उल्लेख किया था कि वह 'किसी पद के लिए लालसा नहीं रखते'. पायलट ने कहा कि हमारे सैद्धांतिक मुद्दे थे, गवर्नेंस के मुद्दे थे और वह मुद्दे थे जिन्हें लेकर हम सरकार में आए थे.

"मुझे दुख है कि राजद्रोह का नोटिस दिया गया और 25 दिन बाद वापस ले लिया गया. हम अदालत गए. मामले दर्ज किए गए. इन कार्रवाइयों से बचा जा सकता था. मैंने अपने मुद्दों को उठाया. प्रतिशोध की राजनीति नहीं होनी चाहिए. मैंने किसी पद की कोई मांग नहीं रखी है. मैं पार्टी की ओर से दी गई जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए तैयार हूं."

सूत्रों के मुताबिक पायलट को अपने पद वापस मिलने की संभावना नहीं है. सूत्रों के मुताबिक, पायलट को अपने पद वापस मिलने की संभावना नहीं है. हालांकि, उन्हें पार्टी नेतृत्व से 2018 में उनसे किए गए वादे के बारे में एक आश्वासन मिला है. राजस्थान में 2023 विधानसभा चुनाव के नजदीक राज्य सरकार के कार्यकाल के अंतिम वर्ष में वह सीएम पद के लिए विचार कर सकते हैं.

AICC महासचिव के पद का प्रस्ताव

साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि उन्हें बड़े राज्य के AICC महासचिव के पद के लिए प्रस्ताव दिया गया है. वर्तमान में उन्होंने प्रदेश में कांग्रेस सरकार को समर्थन देने के लिए वापस जयपुर आ रहे हैं. कांग्रेस नेताओं के मुताबिक सीएम अशोक गहलोत और कांग्रेस पार्टी से संबंधित मामलों में पायलट की 'विनम्रता' और 'शब्दों का विकल्प' उनके लिए बहुत अच्छा रहा है.

सूत्रों के अनुसार, राजस्थान में पायलट कैंप के विधायकों को भी अब अच्छी पोर्टफोलियो मिलने की उम्मीद है, जब कोई फेरबदल होगा और कुछ बागी विधायकों के खिलाफ मामले वापस ले लिए जाएंगे. वहीं, जिन लोगों को पद से हटाया जा रहा था, वे युवा कांग्रेस और एनएसयूआई की राज्य इकाइयों में थे. पायलट के प्रति निष्ठावान होने के कारण उन्हें अपने पद भी वापस मिल सकते हैं.

सूत्रों के अनुसार प्रदेश की वर्तमान सियासी स्थिति को लेकर सोनिया गांधी ने सोमवार को अशोक गहलोत के साथ बातचीत की है. कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि सचिन पायलट की सभी शिकायतों को सुना जा रहा था, लेकिन अशोक गहलोत को राजस्थान के सीएम पद से हटाना संभव नहीं है, यह सचिन पायलट की अच्छी तरीके से जानते हैं.

3 सदस्यीय कमेटी का हुआ गठन

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को पायलट और बागी विधायकों की समस्या को सुनने के लिए केसी वेणुगोपाल, अहमद पटेल और प्रियंका गांधी वाड्रा की एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है. यह कमेटी राजस्थान में चल रहे राजनीतिक उथल-पुथल के बीच सचिन पायलट और बागी विधायकों की शिकायत सुनेगी और इसकी अंतिम रिपोर्ट पार्टी हाईकमान को सौंपेगी.

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