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राजस्थान के सियासी संकट में अब शुरू हुआ माइंड गेम...पायलट के पत्ते खुलना बाकी

राजस्थान में सियासी संकट चौथे दिन भी जारी है. वहीं, पायलट खेमे के 19 विधायकों को नोटिस भेजने के साथ ही माइंड गेम शुरू हो गया है. दूसरी तरफ पायलट ने साफ नहीं किया है कि आखिर उनके दिमाग में चल क्या रहा है...

Rajasthan political crisis, राजस्थान कांग्रेस
सचिन पायलट VS अशोक गहलोत
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Published : Jul 15, 2020, 1:32 PM IST

जयपुर. बीते 4 दिन से प्रदेश में लगातार जारी सियासी संकट रोज नए मोड़ ले रहा है. मंगलवार को बड़े पैमाने पर पायलट कैंप को बाहर का रास्ता दिखाने के बाद अब गहलोत सरकार और पायलट कैंप के बीच माइंड गेम शुरू हो गया है. बुधवार के दिन इसकी शुरूआत तब हुई जब यह खबर आई कि पायलट सहित 19 विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष की ओर से नोटिस भेजे गए.

राजस्थान में चल रही सियासी उठापटक आज चौथे दिन भी जारी है. जिस तरीके से सचिन पायलट ने यह साफ कर दिया है कि वह भाजपा के साथ नहीं जाएंगे तो ऐसे में हर कोई सोच रहा है कि फिर सचिन पायलट के दिमाग में आखिर चल क्या रहा है.

अभी तक ना तो सचिन पायलट खुद मीडिया के सामने आए हैं और ना ही अपने सोशल मीडिया अकाउंट से उन्होने कांग्रेस पार्टी का 'बॉयो' हटाया है. उन्होंने अकाउंट से डिप्टी सीएम तो हटा लिया है, लेकिन वे अब भी कांग्रेस के टोंक से विधायक बने हुए हैं. ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने दबाव पॉलिटिक्स का सहारा लेना शुरू कर दिया है.

पायलट कैंप में मौजूद सभी विधायकों को विधानसभा स्पीकर की ओर से व्हिप का उल्लंघन करने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. ये नोटिस सभी विधायकों के घर के बाहर चस्पा किए जा रहे हैं. मतलब साफ है कि अगर यह विधायक वापस नहीं लौटते हैं तो ऐसे में उनकी सदस्यता पर खतरा हो सकता है.

यह भी पढ़ें. राजस्थान की रार पर बोले पायलट- मैं भाजपा में शामिल नहीं हो रहा

वहीं, मानेसर के जिस होटल में सचिन पायलट कैंप के विधायक ठहरे हैं. सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि दो विधायक रवाना हो चुके हैं. इसके पीछे कारण नोटिस की प्रक्रिया को माना जा रहा है. हालांकि, पुख्ता तौर पर कुछ भी कहना संभव नहीं है.

आपको बता दें कि दोनों कैंप जिस तरीके से दावे कर रहे हैं, दोनों कैंप में ही उतने विधायक मौजूद नहीं है. नोटिस प्रक्रिया से मालूम होता है कि पायलट कैंप में 19 विधायक हैं, जबकि गहलोत कैंप का यह दावा है कि उनके पास आज के समय में 109 विधायक जयपुर के होटल में मौजूद हैं. इस बात का दावा कांग्रेस विधायक दानिश अबरार ने किया है.

19 विधायक जो गहलोत कैंप में नहीं हुए शामिल...

सचिन पायलट, राकेश पारीक, मुरारी लाल मीणा, जी आर खटाणा, इंद्राज गुर्जर, गजेंद्र सिंह शक्तावत, हरीश मीणा, दीपेंद्र सिंह शेखावत, भंवर लाल शर्मा, विजेंद्र ओला, हेमाराम चौधरी ,पीआर मीणा, रमेश मीणा, विश्वेंद्र सिंह, रामनिवास गावड़िया, मुकेश भाकर, सुरेश मोदी, अमर सिंह जाटव हैं. वहीं, मंत्री मास्टर भंवर लाल अस्पताल में भर्ती हैं, जिनको मिलाकर यह संख्या 20 हो जाती है.

यह भी पढ़ें. पायलट खेमे के 19 विधायकों को नोटिस जारी...

इसके अलावा बीटीपी को दोनों विधायक राजकुमार रोत और रामप्रसाद भी गहलोत कैंप में फिलहाल नहीं हैं. वहीं तीन निर्दलीय विधायक सुरेश टांक, खुशवीर जोजावर और ओम प्रकाश हुडला जिनका नाम एसीबी में है, वे भी किसी कैंप से दूर हैं. ऐसे में दोनों के ही दावे अलग-अलग प्रतीत हो रहे हैं.

जयपुर. बीते 4 दिन से प्रदेश में लगातार जारी सियासी संकट रोज नए मोड़ ले रहा है. मंगलवार को बड़े पैमाने पर पायलट कैंप को बाहर का रास्ता दिखाने के बाद अब गहलोत सरकार और पायलट कैंप के बीच माइंड गेम शुरू हो गया है. बुधवार के दिन इसकी शुरूआत तब हुई जब यह खबर आई कि पायलट सहित 19 विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष की ओर से नोटिस भेजे गए.

राजस्थान में चल रही सियासी उठापटक आज चौथे दिन भी जारी है. जिस तरीके से सचिन पायलट ने यह साफ कर दिया है कि वह भाजपा के साथ नहीं जाएंगे तो ऐसे में हर कोई सोच रहा है कि फिर सचिन पायलट के दिमाग में आखिर चल क्या रहा है.

अभी तक ना तो सचिन पायलट खुद मीडिया के सामने आए हैं और ना ही अपने सोशल मीडिया अकाउंट से उन्होने कांग्रेस पार्टी का 'बॉयो' हटाया है. उन्होंने अकाउंट से डिप्टी सीएम तो हटा लिया है, लेकिन वे अब भी कांग्रेस के टोंक से विधायक बने हुए हैं. ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने दबाव पॉलिटिक्स का सहारा लेना शुरू कर दिया है.

पायलट कैंप में मौजूद सभी विधायकों को विधानसभा स्पीकर की ओर से व्हिप का उल्लंघन करने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. ये नोटिस सभी विधायकों के घर के बाहर चस्पा किए जा रहे हैं. मतलब साफ है कि अगर यह विधायक वापस नहीं लौटते हैं तो ऐसे में उनकी सदस्यता पर खतरा हो सकता है.

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वहीं, मानेसर के जिस होटल में सचिन पायलट कैंप के विधायक ठहरे हैं. सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि दो विधायक रवाना हो चुके हैं. इसके पीछे कारण नोटिस की प्रक्रिया को माना जा रहा है. हालांकि, पुख्ता तौर पर कुछ भी कहना संभव नहीं है.

आपको बता दें कि दोनों कैंप जिस तरीके से दावे कर रहे हैं, दोनों कैंप में ही उतने विधायक मौजूद नहीं है. नोटिस प्रक्रिया से मालूम होता है कि पायलट कैंप में 19 विधायक हैं, जबकि गहलोत कैंप का यह दावा है कि उनके पास आज के समय में 109 विधायक जयपुर के होटल में मौजूद हैं. इस बात का दावा कांग्रेस विधायक दानिश अबरार ने किया है.

19 विधायक जो गहलोत कैंप में नहीं हुए शामिल...

सचिन पायलट, राकेश पारीक, मुरारी लाल मीणा, जी आर खटाणा, इंद्राज गुर्जर, गजेंद्र सिंह शक्तावत, हरीश मीणा, दीपेंद्र सिंह शेखावत, भंवर लाल शर्मा, विजेंद्र ओला, हेमाराम चौधरी ,पीआर मीणा, रमेश मीणा, विश्वेंद्र सिंह, रामनिवास गावड़िया, मुकेश भाकर, सुरेश मोदी, अमर सिंह जाटव हैं. वहीं, मंत्री मास्टर भंवर लाल अस्पताल में भर्ती हैं, जिनको मिलाकर यह संख्या 20 हो जाती है.

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इसके अलावा बीटीपी को दोनों विधायक राजकुमार रोत और रामप्रसाद भी गहलोत कैंप में फिलहाल नहीं हैं. वहीं तीन निर्दलीय विधायक सुरेश टांक, खुशवीर जोजावर और ओम प्रकाश हुडला जिनका नाम एसीबी में है, वे भी किसी कैंप से दूर हैं. ऐसे में दोनों के ही दावे अलग-अलग प्रतीत हो रहे हैं.

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