जयपुर. राजनीतिक खींचतान के बीच मंगलवार को राजस्थान हाईकोर्ट पर सबकी निगाहें लगी रहेंगी. राजस्थान हाईकोर्ट में विधायकों के वेतन रोकने और राज्यपाल की ओर से सत्र नहीं बुलाने पर उन्हें पद से हटाने सहित 3 महत्वपूर्ण मामलों पर सुनवाई की जाएगी.
विधायकों के वेतन रोकने की जनहित याचिका
बता दें कि विवेक सिंह जादौन ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट गुट के विधायकों के होटलों में रुकने को यह कहते हुए चुनौती दी है कि कोरोना संक्रमण के कारण प्रदेश में वित्तीय हालात सही नहीं है, लेकिन फिर भी विधायक अपने मौजूदा विधानसभा क्षेत्रों में नहीं जा रहे हैं और निजी कारणों से होटल में रुके हुए हैं. ऐसे में विधायकों को वेतन भत्तों का भुगतान क्यों किया जाए.
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जनहित याचिका में कहा गया कि प्रदेश में एक ही राजनीतिक दल से जुड़े ये विधायक आपसी प्रतिस्पर्धा के कारण आमजन के धन का दुरुपयोग कर रहे हैं. इसलिए दिल्ली रोड और मानेसर के होटलों में रुके हुए इन विधायकों के वेतन भत्तों को रोका जाए. याचिका में मुख्यमंत्री सहित विधानसभा स्पीकर, विधानसभा सचिव और मुख्य सचिव को पक्षकार बनाया गया है.
राज्यपाल को पद से हटाने की याचिका
वहीं, राज्यपाल की ओर से विधानसभा का सत्र नहीं बुलाने जाने पर उन्हें पद से हटाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ सुनवाई करेगी. शांतनु पारीक की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि कैबिनेट के प्रस्ताव के बाद भी राज्यपाल ने विधानसभा का सत्र नहीं बुलाया. ऐसे में हाईकोर्ट केंद्र सरकार को निर्देश दे कि वह राज्यपाल को पद से हटाने के लिए राष्ट्रपति को सिफारिश करें.
विधायक भंवर लाल की याचिका
दूसरी ओर सचिन पायलट गुट के विधायक भंवरलाल शर्मा की ओर से भी उनके खिलाफ एसओजी में दर्ज एफआईआर को चुनौती देते हुए दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई होगी. भंवरलाल ने FIR को रद्द करने या उसकी जांच एसओजी से लेकर एनआईए को सौंपने की गुहार की है.