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Rajasthan Police SI Recruitment 2021 : पुलिस उपनिरीक्षक भर्ती प्रक्रिया को कोर्ट ने याचिका के अंतिम फैसले के रखा अधीन

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Published : Jul 25, 2022, 10:24 PM IST

एसआई भर्ती परीक्षा में शारीरिक दक्षता परीक्षा में असफल करार दिए जाने पर दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया को याचिका के अंतिम फैसले के अधीन रखा (Court hearing in SI recruitment case) है. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता को चिन अप व लंबी कूद में कम अंक दिए गए. साथ ही दौड़ सही समय पर पूरी करने के बावजूद पैर में लगी इलेक्ट्रॉनिक चिप ने समय कम बताया. उसे सफल घोषित कर इंटरव्यू में शामिल किया जाए.

Rajasthan Police SI Recruitment 2021 : High Court put SI recruitment process on hold till final decision of PIL
पुलिस उपनिरीक्षक भर्ती प्रक्रिया को कोर्ट ने याचिका के अंतिम फैसले के रखा अधीन

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पुलिस उपनिरीक्षक भर्ती-2021 की शारीरिक दक्षता परीक्षा से जुड़े मामले में भर्ती प्रक्रिया को याचिका के अंतिम फैसले के अधीन रखा (Court hearing in SI recruitment case) है. इसके साथ ही अदालत ने मामले की सुनवाई 16 अगस्त को तय की है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश जुगल किशोर गुर्जर व अन्य की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने एसआई भर्ती की लिखित परीक्षा में सफल होने के बाद शारीरिक दक्षता परीक्षा दी थी. वहीं, गत 11 अप्रैल को आए शारीरिक दक्षता परिणाम में उसे चिन अप व लंबी कूद में कम अंक देकर असफल घोषित कर दिया, जबकि उसने इन्हें तय समय में पूरा किया था. याचिका में कहा कि उसने भर्ती की शारीरिक दक्षता परीक्षा के लिए आयोजित दौड़ भी सही समय पर पूरी की थी, लेकिन उसके पैर में लगे इलेक्ट्रॉनिक चिप ने उसकी दौड़ का समय कम बताया था. याचिका में कहा गया कि परीक्षा के दौरान वीडियोग्राफी हुई थी, लिहाजा अदालत वीडियोग्राफी व चिप मंगवाकर मामले की जांच करवाए. इसके साथ ही याचिकाकर्ताओं को सफल घोषित कर भर्ती के इंटरव्यू में शामिल करवाया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने भर्ती को याचिका में होने वाले अंतिम निर्णय के अधीन रखा है.

पढ़ें: राजस्थान हाईकोर्ट ने पुलिस उपनिरीक्षक भर्ती-2021 में आयु सीमा पार कर चुके अभ्यर्थी का आवेदन निरस्त नहीं करने के दिए आदेश

राज्य सरकार से मांगा जवाब : राजस्थान हाईकोर्ट ने जमाबंदी में खसरा नंबर बदलने पर गैर मुमकिन रास्ते की जगह स्वास्थ्य उपकेंद्र बनाने पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में यथास्थिति के आदेश दिए हैं. जस्टिस महेन्द्र गोयल ने यह आदेश लक्ष्मी नारायण की याचिका पर दिए. याचिका में कहा गया कि चाकसू के तामडिया गांव के राजस्व रिकॉर्ड में संशोधन के बाद नए खसरा नंबर बनाए गए थे. पुराने नंबर के खसरे में जिस जमीन पर गैर मुमकिन रास्ता दर्शाया गया था, वहां अब स्वास्थ्य उपकेंद्र बनाया जा रहा है.

याचिका में कहा गया कि गैर मुमकिन रास्ते की जमीन का उपयोग किसी अन्य काम के लिए नहीं हो सकता. केवल खसरा नंबर या राजस्व रिकॉर्ड में संशोधन के आधार पर मौजूदा गैर मुमकिन रास्ते का भू उपयोग नहीं बदला जा सकता. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने राज्य सरकार से जवाब तलब करते हुए मामले में यथास्थिति के आदेश दिए हैं.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पुलिस उपनिरीक्षक भर्ती-2021 की शारीरिक दक्षता परीक्षा से जुड़े मामले में भर्ती प्रक्रिया को याचिका के अंतिम फैसले के अधीन रखा (Court hearing in SI recruitment case) है. इसके साथ ही अदालत ने मामले की सुनवाई 16 अगस्त को तय की है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश जुगल किशोर गुर्जर व अन्य की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने एसआई भर्ती की लिखित परीक्षा में सफल होने के बाद शारीरिक दक्षता परीक्षा दी थी. वहीं, गत 11 अप्रैल को आए शारीरिक दक्षता परिणाम में उसे चिन अप व लंबी कूद में कम अंक देकर असफल घोषित कर दिया, जबकि उसने इन्हें तय समय में पूरा किया था. याचिका में कहा कि उसने भर्ती की शारीरिक दक्षता परीक्षा के लिए आयोजित दौड़ भी सही समय पर पूरी की थी, लेकिन उसके पैर में लगे इलेक्ट्रॉनिक चिप ने उसकी दौड़ का समय कम बताया था. याचिका में कहा गया कि परीक्षा के दौरान वीडियोग्राफी हुई थी, लिहाजा अदालत वीडियोग्राफी व चिप मंगवाकर मामले की जांच करवाए. इसके साथ ही याचिकाकर्ताओं को सफल घोषित कर भर्ती के इंटरव्यू में शामिल करवाया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने भर्ती को याचिका में होने वाले अंतिम निर्णय के अधीन रखा है.

पढ़ें: राजस्थान हाईकोर्ट ने पुलिस उपनिरीक्षक भर्ती-2021 में आयु सीमा पार कर चुके अभ्यर्थी का आवेदन निरस्त नहीं करने के दिए आदेश

राज्य सरकार से मांगा जवाब : राजस्थान हाईकोर्ट ने जमाबंदी में खसरा नंबर बदलने पर गैर मुमकिन रास्ते की जगह स्वास्थ्य उपकेंद्र बनाने पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में यथास्थिति के आदेश दिए हैं. जस्टिस महेन्द्र गोयल ने यह आदेश लक्ष्मी नारायण की याचिका पर दिए. याचिका में कहा गया कि चाकसू के तामडिया गांव के राजस्व रिकॉर्ड में संशोधन के बाद नए खसरा नंबर बनाए गए थे. पुराने नंबर के खसरे में जिस जमीन पर गैर मुमकिन रास्ता दर्शाया गया था, वहां अब स्वास्थ्य उपकेंद्र बनाया जा रहा है.

याचिका में कहा गया कि गैर मुमकिन रास्ते की जमीन का उपयोग किसी अन्य काम के लिए नहीं हो सकता. केवल खसरा नंबर या राजस्व रिकॉर्ड में संशोधन के आधार पर मौजूदा गैर मुमकिन रास्ते का भू उपयोग नहीं बदला जा सकता. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने राज्य सरकार से जवाब तलब करते हुए मामले में यथास्थिति के आदेश दिए हैं.

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