जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पुलिस उपनिरीक्षक भर्ती-2021 की शारीरिक दक्षता परीक्षा से जुड़े मामले में भर्ती प्रक्रिया को याचिका के अंतिम फैसले के अधीन रखा (Court hearing in SI recruitment case) है. इसके साथ ही अदालत ने मामले की सुनवाई 16 अगस्त को तय की है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश जुगल किशोर गुर्जर व अन्य की याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने एसआई भर्ती की लिखित परीक्षा में सफल होने के बाद शारीरिक दक्षता परीक्षा दी थी. वहीं, गत 11 अप्रैल को आए शारीरिक दक्षता परिणाम में उसे चिन अप व लंबी कूद में कम अंक देकर असफल घोषित कर दिया, जबकि उसने इन्हें तय समय में पूरा किया था. याचिका में कहा कि उसने भर्ती की शारीरिक दक्षता परीक्षा के लिए आयोजित दौड़ भी सही समय पर पूरी की थी, लेकिन उसके पैर में लगे इलेक्ट्रॉनिक चिप ने उसकी दौड़ का समय कम बताया था. याचिका में कहा गया कि परीक्षा के दौरान वीडियोग्राफी हुई थी, लिहाजा अदालत वीडियोग्राफी व चिप मंगवाकर मामले की जांच करवाए. इसके साथ ही याचिकाकर्ताओं को सफल घोषित कर भर्ती के इंटरव्यू में शामिल करवाया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने भर्ती को याचिका में होने वाले अंतिम निर्णय के अधीन रखा है.
राज्य सरकार से मांगा जवाब : राजस्थान हाईकोर्ट ने जमाबंदी में खसरा नंबर बदलने पर गैर मुमकिन रास्ते की जगह स्वास्थ्य उपकेंद्र बनाने पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में यथास्थिति के आदेश दिए हैं. जस्टिस महेन्द्र गोयल ने यह आदेश लक्ष्मी नारायण की याचिका पर दिए. याचिका में कहा गया कि चाकसू के तामडिया गांव के राजस्व रिकॉर्ड में संशोधन के बाद नए खसरा नंबर बनाए गए थे. पुराने नंबर के खसरे में जिस जमीन पर गैर मुमकिन रास्ता दर्शाया गया था, वहां अब स्वास्थ्य उपकेंद्र बनाया जा रहा है.
याचिका में कहा गया कि गैर मुमकिन रास्ते की जमीन का उपयोग किसी अन्य काम के लिए नहीं हो सकता. केवल खसरा नंबर या राजस्व रिकॉर्ड में संशोधन के आधार पर मौजूदा गैर मुमकिन रास्ते का भू उपयोग नहीं बदला जा सकता. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने राज्य सरकार से जवाब तलब करते हुए मामले में यथास्थिति के आदेश दिए हैं.