जयपुर. राजस्थान में बीते साल कानून व्यवस्था की तस्वीर भयावह रही. लेकिन राजस्थान पुलिस साल 2019 में हुए अपराधों के आंकड़ों की दुहाई देकर अपराध कम होने का दावा करती रही. लेकिन हिंसा और दुष्कर्म की कई ऐसी घटनाएं हुई, जिनसे पूरा प्रदेश हिल गया. महिला अपराध के अलावा राज्य में हत्या और लूट सरीखे अन्य गंभीर प्रकृति के अपराध भी चर्चा में रहे.
राजस्थान पुलिस ने साल 2019 में हुए अपराधों का ब्योरा पेश कर दिया है. पुलिस की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक बीता साल महिला और एससी-एसटी वर्ग के लिए बुरा रहा. प्रदेश में महिलाओं के साथ अत्याचार के 41 हजार 155 मामले दर्ज किए गए. वहीं, एससी-एसटी वर्ग के साथ अत्याचार के भी 8 हजार 591 मामले दर्ज किए गए.
महिला अपराधों में सबसे ज्यादा वृद्धि छेड़छाड़ के प्रकरण में दर्ज की गई. साथ ही मासूम बालिकाओं के साथ हुई घटनाओं में भी 44 फीसदी इजाफा दर्ज किया गया और SC-ST वर्ग के साथ अपराधों में 51 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई.
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राजस्थान पुलिस साल 2020 में 'प्रदेश के युवा पुलिस को अपना हीरो माने, अपराधियों को नहीं' के मकसद से काम करेगी. ये बात प्रदेश पुलिस के मुखिया भूपेंद्र सिंह यादव ने साल 2019 में घटित अपराधों के आंकड़े जारी करते हुए कही. उन्होंने कहा कि राजस्थान पुलिस अपराधों की रोकथाम और कानून व्यवस्था की पालना के लिए जुटी हुई है. प्रदेश के युवाओं को नशे और अपराधों से दूर करने के लिए राजस्थान पुलिस ने विशेष अभियान शुरू किया है. जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए और आगे भी अपराधों की रोकथाम पर पुलिस विशेष काम करेगी.
पुलिस की मानें तो कानून व्यवस्था के लिहाज से भी साल 2019 ठीक रहा. प्रदेश में चुनिंदा घटनाओं को छोड़कर शांति व्यवस्था कायम रही. लेकिन कानून व्यवस्था को लेकर पुलिस ने निरोधात्मक कार्रवाई में भी वृद्धि की है. पुलिस ने टॉप-10 योजना में 3114 अपराधियों को गिरफ्तार किया है. जिसमें 459 इनामी अपराधियों को गिरफ्तार करने के साथ ही 10642 बदमाशों के खिलाफ गुंडा एक्ट में कार्रवाई की है. प्रदेश में बड़ी संख्या में भगोड़े अपराधियों को भी पकड़ा गया है.
राजस्थान पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बने साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए भी पुलिस विशेष फोकस करेगी. साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए पुलिस आईटी सेल को मजबूत करने जा रही है. वहीं, CCTNS के जरिए अपराध और अपराधियों को ट्रैक करेगी.
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समाज में विश्वास कायम रखने के लिए पुलिस सोशल मीडिया के जरिए आमजन तक पहुंचेगी. आमजन, महिला या बच्चों की सुरक्षा के लिए पुलिस हेल्पलाइन और मोबाइल ऐप के जरिए मॉनिटरिंग भी करेंगी. प्रदेश में बढ़ते अपराध राजस्थान पुलिस के लिए बड़ी चुनौती साबित होते नजर आ रहे हैं.
राजस्थान पुलिस ने प्रदेश में अपराधों के बढ़ने के पीछे हर प्रकरण दर्ज होने का हवाला दिया है. हालांकि, पुलिस ने साल 2020 में अपराध की रोकथाम और कानून व्यवस्था की पालना के लिए अपनी प्राथमिकताओं का नया निर्धारण तो कर दिया है, लेकिन पुलिसकर्मियों और संसाधनों की कमी से जूझ रहे पुलिस महकमे के लिए इन प्राथमिकताओं को पूरा कर पाना आसान नहीं है.
साल 2018 की तुलना में 2019 में 31 फीसदी बढ़ा अपराध
- राजस्थान पुलिस ने साल 2019 में हुए अपराधों का आंकड़ा जारी किया
- डीजीपी भूपेंद्र सिंह यादव ने जारी किए अपराध के आंकड़े
- वर्ष 2019 में दर्ज हुए 2 लाख 25 हजार 306 प्रकरण
- वर्ष 2018 की तुलना में 31 फीसदी बढ़े अपराध
- हत्या, डकैती, अपहरण, बलात्कार, नकदबनी, चोरी व अन्य आईपीसी अपराधों में हुई व्रद्धि
- एससी-एसटी वर्ग के साथ भी बढ़े अपराध