जयपुर. साल 2020 में कोविड महामारी के कारण बनी नकारात्मक परिस्थितियों के बावजूद दिसंबर महीने में खनिज विभाग ने पिछले साल की तुलना में 26 फीसदी राजस्व ज्यादा अर्जित करने में सफलता हासिल की है. 21 जनवरी 2021 तक पिछले साल के 3425 करोड़ 59 लाख के राजस्व की तुलना में 3557 करोड़ 39 लाख रुपए खनिज विभाग को राजस्व के तौर पर मिला है, जो पिछले साल से करीब 131 करोड़ रुपए ज्यादा है.
खनन विभाग के प्रमुख सचिव अजिताभ शर्मा ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020 में पिछले अप्रैल 2019 के 251 करोड़ 33 लाख रुपए के राजस्व की तुलना में केवल 37 करोड़ का राजस्व अर्जित किया गया था, जो कि 85 फीसदी कम राजस्व था. इसके बाद मई महीने में भी 39.33 फीसदी राजस्व कम अर्जित हुआ, लेकिन समग्र योजनाबद्ध प्रयासों से राजस्व में धीरे-धीरे बढ़ोतरी हुई और 21 जनवरी 2021 तक विभाग ने 3557 करोड़ 39 लाख का राजस्व अर्जित कर लिया है.
पढ़ें- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल विशेष विमान से केरल रवाना
अजिताभ शर्मा ने बताया कि विभाग के राजस्व छीजत पर प्रभावी रोक लगाने और राजस्व संग्रहण की नियमित मॉनिटरिंग का ही परिणाम है कि गत वित्तीय वर्ष की तुलना में इस वित्तीय वर्ष में माइंस विभाग में राजस्व संग्रहण का नया रिकॉर्ड बनने जा रहा है. उन्होंने कहा कि नवंबर महीने में दीपावली का त्यौहार सीजन होने के कारण गतिविधियां अवश्य प्रभावित हुई है, लेकिन इसके बाद दिसंबर में खनन गतिविधियों पर राजस्व संग्रहण ने गति पकड़ ली है.
शर्मा ने कहा कि लॉकडाउन के कारण 1 अप्रैल को खनन गतिविधियां लगभग बंद हो गई थी ओर ईरवन्ना प्रतिदिन करीब 130 के न्यूनतम स्तर पर आ गई थी जो आज औसतन लगभग 33 हजार प्रतिदिन आ गई है. उन्होंने कहा राजस्थान देश का प्रमुख खनिज बहुल प्रदेश है और प्रदेश में लेड, जिंक, रॉक फास्फेट, आयरन, कॉपर, सिल्वर स्टोन के साथ ही सेंड स्टोन, मार्बल, ग्रेनाइट स्टोन आदि की गतिविधियां संचालन हो रही है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्तमान में 15 हजार खनन लीज धारी है. कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न हुई परिस्थितियों के बावजूद खनन गतिविधियों को पटरी पर लाने के किए गए सकारात्मक प्रयासों के कारण ही प्रदेश की खनन गतिविधियां पूरी गति से अब होने लगी है.