जयपुर. राजस्थान इंटेलिजेंस की ओर से एमआई के इनपुट पर ऑपरेशन चलाकर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को विभिन्न सैन्य ठिकानों और सेना की गतिविधियों से संबंधित अति गोपनीय और संवेदनशील सूचनाएं लीक करने वाले दो जासूसों को गिरफ्तार करने के बाद उनसे लगातार पूछताछ की जा रही है. मामले में गंगानगर एफएडी में कार्यरत सिविल डिफेंसकर्मी विकास तिलोतिया और महाजन फील्ड फायरिंग रेंज बीकानेर में कार्यरत संविदाकर्मी चिमनलाल नायक को गिरफ्तार किया गया है.
एडीजी इंटेलिजेंस उमेश मिश्रा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बताया कि जिन 2 जासूसों को गिरफ्तार किया गया है, वे काफी शातिर हैं. गिरफ्तार किए गए दोनों जासूस सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के अधिकारियों से लगातार संपर्क में थे. सैन्य ठिकानों और सेना की गतिविधियों से संबंधित सामरिक जानकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के अधिकारियों तक पहुंचाने की एवज में जासूसों को एक निश्चित धनराशि भी दी जाती थी.
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साथ ही किसी को भी यह शक ना हो कि दोनों पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लिए काम करने वाले जासूस हैं, इसके लिए वह पाकिस्तान से आने वाली धनराशि को अपने खुद के बैंक खातों में ना जमा करवा कर अपने परिवार के अन्य सदस्यों के बैंक खातों में जमा करवाते थे.
व्हाट्सएप चैट के जरिए पाकिस्तान भेजी जाती गोपनीय जानकारी...
एडीजी इंटेलिजेंस उमेश मिश्रा ने बताया कि गिरफ्त में आए दोनों जासूस व्हाट्सएप के जरिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के अधिकारियों को भारतीय सेना से जुड़ी हुई गोपनीय जानकारी भेजा करते थे. इस दौरान पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के अधिकारियों की ओर से जो सवाल सेना की गतिविधियों से संबंधित पूछे जाते, उनका जवाब भी दोनों जासूस चैट के माध्यम से देते.
इसके साथ ही सेना के ठिकानों और उनकी गतिविधियों से संबंधित फोटो व्हाट्सएप के जरिए ही पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के अधिकारियों को साझा की जाती. गिरफ्त में आए दोनों जासूसों के मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं और अब तक जासूसों की ओर से किस तरह की गोपनीय जानकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के अधिकारियों के साथ साझा की गई है, इसके बारे में गहनता से पड़ताल की जा रही है.
जासूस ने अपने सगे भाई को भी नहीं लगने दी 'गेम प्लान' की भनक...
राजस्थानी इंटेलिजेंस की ओर से गिरफ्तार किए गए जासूस विकास तिलोतिया ने अपने सगे भाई हेमंत को इस 'गेम प्लान' की भनक नहीं लगने दी कि वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी का काम कर रहा है. जासूस विकास ने अपने सगे भाई हेमंत के बैंक खाते का प्रयोग करते हुए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के अधिकारियों से धनराशि जमा करवाई.
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मिश्रा ने बताया कि जासूसों की ओर से जिस तरह की गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के अधिकारियों को दी जाती थी, उस सूचना के आधार पर जासूसों को पेमेंट किया जाता और वह पेमेंट जासूस विकास के भाई हेमंत के बैंक खाते में होता. जब इंटेलिजेंस ने जांच करते हुए हेमंत से इस बारे में पूछताछ की तो उसे अपने भाई की ओर से किए जा रहे काम की भनक तक नहीं थी. हेमंत की संलिप्तता इस प्रकरण में नहीं पाए जाने के चलते उसे राजस्थान इंटेलिजेंस की ओर से पूछताछ करने के बाद जाने दिया गया और गिरफ्तार नहीं किया गया.
डेढ़ महीने से थी जासूसों पर राजस्थान इंटेलिजेंस की निगाहें...
एमआई के इनपुट पर राजस्थान इंटेलिजेंस दोनों जासूसों पर पिछले डेढ़ महीने से अपनी निगाह बनाए हुए थी. इस बात की भनक तक दोनों जासूसों को नहीं लगी कि उनके ओर से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के अधिकारियों से जो भी चैट की जा रही है उस पर राजस्थान इंटेलिजेंस की पैनी नजर है.
एडीजी इंटेलिजेंस उमेश मिश्रा ने बताया कि जब ऑपरेशन के आखिरी दिन दोनों जासूसों को दबोचा गया, उस वक्त तक दोनों जासूस पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को गोपनीय सूचनाएं भेजने का काम कर रहे थे. इस पूरे ऑपरेशन को इतनी बारीकी के साथ अंजाम दिया गया कि दोनों जासूस कुछ समझ पाते उससे पहले ही दोनों को पुख्ता सबूतों के साथ राजस्थान इंटेलिजेंस की ओर से दबोच लिया गया.
12 जून तक दोनों जासूस पुलिस रिमांड पर...
एडीजी इंटेलिजेंस उमेश मिश्रा ने बताया कि दोनों जासूस विकास और चिमनलाल को गिरफ्तार करने के बाद मंगलवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से दोनों जासूसों को 12 जून तक पुलिस रिमांड पर सौंपा गया है. अब दोनों जासूसों से राजस्थान इंटेलिजेंस के विभिन्न अधिकारी अलग-अलग चरणों में पूछताछ करेंगे.
इसके साथ ही दोनों जासूसों को आमने-सामने बैठाकर भी पूछताछ की जाएगी. पूछताछ के दौरान जितने भी तथ्य सामने आएंगे उनके आधार पर इस पूरे प्रकरण में तेजी के साथ जांच की जाएगी और यदि कुछ अन्य लोगों की संलिप्तता भी इस प्रकरण के साथ पाई जाती है तो उन्हें भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा.