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तीसरी बार कैबिनेट का प्रस्ताव लौटाना दुर्भाग्यपूर्ण, विधायक दल की बैठक में होगी चर्चा: अविनाश पांडे

राजस्थान में सियासी उठापटक के बीच राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडे मीडिया से रूबरू हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्यपाल कलराज मिश्र का तीसरी बार कैबिनेट की तरफ से विधानसभा सत्र बुलाने का प्रस्ताव लौटाना दुर्भाग्यपूर्ण है.

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राजस्थान प्रभारी अविनाश पांडे मीडिया से रूबरू होते हुए
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Published : Jul 29, 2020, 5:29 PM IST

जयपुर. प्रदेश में राजभवन और गहलोत सरकार के बीच टकराव अब बढ़ता चला जा रहा है. बुधवार को तीसरी बार फिर कैबिनेट की तरफ से विधानसभा सत्र बुलाने के प्रस्ताव को राज्यपाल ने लौटा दिया है. इसी बीच प्रदेश कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को पदभार ग्रहण करवाने के लिए खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडे और पर्यवेक्षक रणदीप सिंह सुरजेवाला समेत कांग्रेस के सभी विधायक निवर्तमान महासचिव, उपाध्यक्ष, जिलाध्यक्ष और जयपुर के सभी ब्लॉक अध्यक्षों ने इस दौरान प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हुए कार्यक्रम में शिरकत की.

राजस्थान प्रभारी अविनाश पांडे मीडिया से रूबरू होते हुए

कार्यक्रम के बाद ETV Bharat से बात करते हुए अविनाश पांडे ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि कैबिनेट के प्रस्ताव को राज्यपाल लौटा रहे हैं. कैबिनेट के प्रस्ताव को मान्य करना एक स्वभाविक प्रक्रिया रही है. उन्होंने कहा कि किन कारणों से राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधानसभा सत्र बुलाने के प्रस्ताव को वापस भेजा है. फिलहाल, इस बात का पता लगाया जा रहा है. सीएम गहलोत, राज्यपाल से मिलने गए हुए हैं. मुझे उम्मीद है कि उनसे बात करके जो भी फैसला होता है, उसके बारे में साफ किया जाएगा.

यह भी पढ़ेंः खाचरियावास का पायलट पर वार, कहा- जब मैं राजस्थान विश्वविद्यालय का अध्यक्ष बना, उस समय वे निकर पहनकर घूमते थे

महासचिव ने कहा कि जिस प्रकार से इस कोरोना वायरस के संक्रमण के समय सरकार काम कर रही है, उसके बीच में इस तरह की अनिश्चितता पैदा करना करना गलत है. ऐसा पहली बार हुआ है, जबकि आज अन्य राज्यों पुंडुचेरी, बिहार, महाराष्ट्र और गोवा में विधानमंडल के सत्र बुलाए गए हैं. साथ ही उनके नोटिफिकेशन भी निकल चुके हैं. ऐसे में स्वाभाविक तौर पर राजस्थान में जहां पर महामारी के समय में इतने जबरदस्त तरीके से काम हो रहा है, वहां पर इस तरीके का प्रश्न राजभवन को नहीं उठाने चाहिए.

सदन की व्यवस्थाओं की सारी जिम्मेदारी स्पीकर की होती है और स्पीकर इसे लेकर आश्वस्त हैं कि कोरोना वायरस संक्रमण में हम विधान सभा बुला सकते हैं और मंत्रिमंडल भी इसे लेकर आश्वस्त है. जो विधानसभा सत्र बुलाने को कह रहे हैं. ऐसे में विधानसभा सत्र की अनुमति देना राज्यपाल के लिए जरूरी है. राज्यपाल का जो जवाब आया है, उस पर सभी विधायक बुधवार शाम को बैठेंगे और विधायक दल की बैठक में सबकी सहमति से आगे की रणनीति बनाई जाएगी.

यह भी पढ़ेंः सियासी संग्राम के बीच राजभवन पहुंचकर मुख्यमंत्री ने की राज्यपाल से मुलाकात

गौरतलब है कि अविनाश पांडे ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट फेसबुक पर गेट वेल सून गवर्नर नाम से अभियान भी चला रखा है जिसमें उन्होंने राज्यपाल से कहा है कि वह भाजपा द्वारा प्रभावित दमनकारी सोच रूपी संक्रमण से जल्द स्वस्थ होने की मैं कामना करता हूं ताकि वह निष्पक्षता से संविधान और प्रजातंत्र की रक्षा हेतु तत्काल विधानसभा का सत्र बुलाने पर अपनी सहमति प्रदान करें.

जयपुर. प्रदेश में राजभवन और गहलोत सरकार के बीच टकराव अब बढ़ता चला जा रहा है. बुधवार को तीसरी बार फिर कैबिनेट की तरफ से विधानसभा सत्र बुलाने के प्रस्ताव को राज्यपाल ने लौटा दिया है. इसी बीच प्रदेश कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को पदभार ग्रहण करवाने के लिए खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडे और पर्यवेक्षक रणदीप सिंह सुरजेवाला समेत कांग्रेस के सभी विधायक निवर्तमान महासचिव, उपाध्यक्ष, जिलाध्यक्ष और जयपुर के सभी ब्लॉक अध्यक्षों ने इस दौरान प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हुए कार्यक्रम में शिरकत की.

राजस्थान प्रभारी अविनाश पांडे मीडिया से रूबरू होते हुए

कार्यक्रम के बाद ETV Bharat से बात करते हुए अविनाश पांडे ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि कैबिनेट के प्रस्ताव को राज्यपाल लौटा रहे हैं. कैबिनेट के प्रस्ताव को मान्य करना एक स्वभाविक प्रक्रिया रही है. उन्होंने कहा कि किन कारणों से राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधानसभा सत्र बुलाने के प्रस्ताव को वापस भेजा है. फिलहाल, इस बात का पता लगाया जा रहा है. सीएम गहलोत, राज्यपाल से मिलने गए हुए हैं. मुझे उम्मीद है कि उनसे बात करके जो भी फैसला होता है, उसके बारे में साफ किया जाएगा.

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महासचिव ने कहा कि जिस प्रकार से इस कोरोना वायरस के संक्रमण के समय सरकार काम कर रही है, उसके बीच में इस तरह की अनिश्चितता पैदा करना करना गलत है. ऐसा पहली बार हुआ है, जबकि आज अन्य राज्यों पुंडुचेरी, बिहार, महाराष्ट्र और गोवा में विधानमंडल के सत्र बुलाए गए हैं. साथ ही उनके नोटिफिकेशन भी निकल चुके हैं. ऐसे में स्वाभाविक तौर पर राजस्थान में जहां पर महामारी के समय में इतने जबरदस्त तरीके से काम हो रहा है, वहां पर इस तरीके का प्रश्न राजभवन को नहीं उठाने चाहिए.

सदन की व्यवस्थाओं की सारी जिम्मेदारी स्पीकर की होती है और स्पीकर इसे लेकर आश्वस्त हैं कि कोरोना वायरस संक्रमण में हम विधान सभा बुला सकते हैं और मंत्रिमंडल भी इसे लेकर आश्वस्त है. जो विधानसभा सत्र बुलाने को कह रहे हैं. ऐसे में विधानसभा सत्र की अनुमति देना राज्यपाल के लिए जरूरी है. राज्यपाल का जो जवाब आया है, उस पर सभी विधायक बुधवार शाम को बैठेंगे और विधायक दल की बैठक में सबकी सहमति से आगे की रणनीति बनाई जाएगी.

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गौरतलब है कि अविनाश पांडे ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट फेसबुक पर गेट वेल सून गवर्नर नाम से अभियान भी चला रखा है जिसमें उन्होंने राज्यपाल से कहा है कि वह भाजपा द्वारा प्रभावित दमनकारी सोच रूपी संक्रमण से जल्द स्वस्थ होने की मैं कामना करता हूं ताकि वह निष्पक्षता से संविधान और प्रजातंत्र की रक्षा हेतु तत्काल विधानसभा का सत्र बुलाने पर अपनी सहमति प्रदान करें.

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