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Exclusive: मानव के अधिकारों की रक्षा के लिए हरसंभव कोशिश करूंगा: जीके व्यास - Justice GK Vyas

पूर्व न्यायाधीश गोपालकृष्ण व्यास ने सोमवार को राजस्थान राज्य मानव अधिकार आयोग अध्यक्ष का पद संभाल लिया. जिसके बाद उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि जो जिम्मेदार दी गई है, उसे ईमानदारी के साथ निर्वहन करुंगा. साथ ही मानव के अधिकारों की रक्षा के लिए हरसंभव कोशिश करूंगा.

GK Vyas, Rajasthan Human Rights Commission
राजस्थान मानवाधिकार आयोग चेयरमैन गोपालकृष्ण व्यास से खास बातचीत
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Published : Jan 25, 2021, 3:13 PM IST

जयपुर. नवनियुक्त मानव अधिकार के अध्यक्ष पूर्व न्यायाधीश गोपालकृष्ण व्यास (जीके व्यास) ने सोमवार को अपना पदभार ग्रहण किया. अध्यक्ष का पद संभालने के बाद गोपाल कृष्ण व्यास ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. जिसमें उन्होंने कहा कि सरकार ने जो जिम्मेदारी दी है, उसे पूरी ईमानदारी के साथ निर्वहन करुंगा. साथ ही मानव के अधिकारों की रक्षा के लिए हरसंभव कोशिश करूंगा.

राजस्थान मानवाधिकार आयोग चेयरमैन गोपालकृष्ण व्यास से खास बातचीत

गहलोत सरकार ने नवंबर 2019 के बाद से खाली चल रहे राजस्थान राज्य मानव अधिकार आयोग अध्यक्ष के पद पर तीन दिन पहले नियुक्ति की गई. इस पद पर राजस्थान हाईकोर्ट के रिटायर्ड न्यायाधीश गोपालकृष्ण व्यास की नियुक्ति हुई है. राज्यपाल कलराज मिश्र ने उनकी नियुक्ति की फाइल पर शुक्रवार को आदेश जारी किया है. इसके बाद सोमवार को आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष पूर्व न्यायाधीश गोपालकृष्ण व्यास (GK Vyas, Rajasthan Human Rights Commission) ने अपना पदभार ग्रह कर लिया है. उनके साथ उनकी पत्नी और परिवार के अन्य सदस्य भी मौजूद रहे.

आयोग का पद संभालने के बाद पूर्व न्यायाधीश गोपाल कृष्ण व्यास ने कहा कि शिक्षा की बात करे, नियमों की बात करे, सभी मानव के आपने अधिकार होते हैं. उनकी रक्षा करना कर्तव्य है. ग्रामीण हो या शहरों में लोग हो, उनके कुछ अधिकार है, उनके अधिकार का हनन होता, उनकी समस्या के समाधान करना है. उन्होंने कहा कि यहां पर बड़ी टीम है, हम मिल कर जिम्मेदारी पूरा करेंगे.

यह भी पढ़ें. Exclusive: राजस्थान रोडवेज में ऊपर से नीचे तक करप्शन है लेकिन उस भ्रष्टाचार को खत्म करके रहूंगा: परिवहन मंत्री खाचरियावास

वहीं कोर्ट में पेंडेंसी को लेकर उन्होंने कहा कि किस अधिकारी ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई, किसने कहां गलती की, इन सब पर बहस नहीं कर सकते. सवा सौ करोड़ आबादी है, न्यायालयों में 3 करोड़ केस पेंडिंग हैं, हो हल्ला मचता है. मानव के अधिकारों के लिए न्यायाधीश को निवेदन करेंगे. अफसर को जिम्मेदारी याद दिलाएंगे. मेरा सबसे बड़ा दायित्व होगा कि जिस तरह लोगों के मानवाधिकार का हनन होता है या जिनके अधिकार नहीं मिल पाते हैं. यदि वे लोग अपनी समस्या मेरे संज्ञान में लाएंगे तो मैं उनके लिए हमेशा तत्पर रहूंगा.

दरअसल, नवंबर 2019 के बाद इस पद का जिम्मा रिटायर्ड जस्टिस महेश चंद शर्मा को कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर सौंपा गया था लेकिन अब जस्टिस व्यास की नियुक्ति के बाद आयोग को स्थाई अध्यक्ष मिल गया है. पूर्व न्यायाधीश व्यास को मुख्यमंत्री गहलोत का करीबी माना जाते हैं.

बीकानेर के हैं गोपाल कृष्ण व्यास

न्यायाधीश गोपाल कृष्ण व्यास (Justice GK Vyas) का जन्म बीकानेर में हुआ था. 1981 में बीकानेर से अपनी वकालत शुरू करने वाले व्यास 1985 में जोधपुर आ गए और यहां उन्होंने अपनी वकालत की. इस दौरान उन्होंने जरूरतमंद और गरीब लोगों की निशुल्क पैरवी भी की, इसके बाद वे 13 जून 2005 को जज के पद पर नियुक्त हुए और लगभग 13 साल जज के रूप में अपनी सेवाएं देने के बाद रिटायर हुए. बीते 3 साल से वे जन सेवा के कार्यों में जुटे हैं और अब प्रदेश सरकार ने उन्हें राज्य मानव अधिकार आयोग का चेयरमैन बनाकर नई जिम्मेदारी दे दी है. वे ज्यूडिशियल अकादमी के चेयरमैन रहने के अलावा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.

जयपुर. नवनियुक्त मानव अधिकार के अध्यक्ष पूर्व न्यायाधीश गोपालकृष्ण व्यास (जीके व्यास) ने सोमवार को अपना पदभार ग्रहण किया. अध्यक्ष का पद संभालने के बाद गोपाल कृष्ण व्यास ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. जिसमें उन्होंने कहा कि सरकार ने जो जिम्मेदारी दी है, उसे पूरी ईमानदारी के साथ निर्वहन करुंगा. साथ ही मानव के अधिकारों की रक्षा के लिए हरसंभव कोशिश करूंगा.

राजस्थान मानवाधिकार आयोग चेयरमैन गोपालकृष्ण व्यास से खास बातचीत

गहलोत सरकार ने नवंबर 2019 के बाद से खाली चल रहे राजस्थान राज्य मानव अधिकार आयोग अध्यक्ष के पद पर तीन दिन पहले नियुक्ति की गई. इस पद पर राजस्थान हाईकोर्ट के रिटायर्ड न्यायाधीश गोपालकृष्ण व्यास की नियुक्ति हुई है. राज्यपाल कलराज मिश्र ने उनकी नियुक्ति की फाइल पर शुक्रवार को आदेश जारी किया है. इसके बाद सोमवार को आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष पूर्व न्यायाधीश गोपालकृष्ण व्यास (GK Vyas, Rajasthan Human Rights Commission) ने अपना पदभार ग्रह कर लिया है. उनके साथ उनकी पत्नी और परिवार के अन्य सदस्य भी मौजूद रहे.

आयोग का पद संभालने के बाद पूर्व न्यायाधीश गोपाल कृष्ण व्यास ने कहा कि शिक्षा की बात करे, नियमों की बात करे, सभी मानव के आपने अधिकार होते हैं. उनकी रक्षा करना कर्तव्य है. ग्रामीण हो या शहरों में लोग हो, उनके कुछ अधिकार है, उनके अधिकार का हनन होता, उनकी समस्या के समाधान करना है. उन्होंने कहा कि यहां पर बड़ी टीम है, हम मिल कर जिम्मेदारी पूरा करेंगे.

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वहीं कोर्ट में पेंडेंसी को लेकर उन्होंने कहा कि किस अधिकारी ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई, किसने कहां गलती की, इन सब पर बहस नहीं कर सकते. सवा सौ करोड़ आबादी है, न्यायालयों में 3 करोड़ केस पेंडिंग हैं, हो हल्ला मचता है. मानव के अधिकारों के लिए न्यायाधीश को निवेदन करेंगे. अफसर को जिम्मेदारी याद दिलाएंगे. मेरा सबसे बड़ा दायित्व होगा कि जिस तरह लोगों के मानवाधिकार का हनन होता है या जिनके अधिकार नहीं मिल पाते हैं. यदि वे लोग अपनी समस्या मेरे संज्ञान में लाएंगे तो मैं उनके लिए हमेशा तत्पर रहूंगा.

दरअसल, नवंबर 2019 के बाद इस पद का जिम्मा रिटायर्ड जस्टिस महेश चंद शर्मा को कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर सौंपा गया था लेकिन अब जस्टिस व्यास की नियुक्ति के बाद आयोग को स्थाई अध्यक्ष मिल गया है. पूर्व न्यायाधीश व्यास को मुख्यमंत्री गहलोत का करीबी माना जाते हैं.

बीकानेर के हैं गोपाल कृष्ण व्यास

न्यायाधीश गोपाल कृष्ण व्यास (Justice GK Vyas) का जन्म बीकानेर में हुआ था. 1981 में बीकानेर से अपनी वकालत शुरू करने वाले व्यास 1985 में जोधपुर आ गए और यहां उन्होंने अपनी वकालत की. इस दौरान उन्होंने जरूरतमंद और गरीब लोगों की निशुल्क पैरवी भी की, इसके बाद वे 13 जून 2005 को जज के पद पर नियुक्त हुए और लगभग 13 साल जज के रूप में अपनी सेवाएं देने के बाद रिटायर हुए. बीते 3 साल से वे जन सेवा के कार्यों में जुटे हैं और अब प्रदेश सरकार ने उन्हें राज्य मानव अधिकार आयोग का चेयरमैन बनाकर नई जिम्मेदारी दे दी है. वे ज्यूडिशियल अकादमी के चेयरमैन रहने के अलावा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.

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