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Rajasthan Housing Board: ग्रीन बिल्डिंग कंसेप्ट पर तैयार किए जा रहे विधायक आवास, एआईएस रेजिडेंसी और कोचिंग हब

राजस्थान आवासन मंडल अब ग्रीन बिल्डिंग कंसेप्ट आवास तैयार कर रहा है. विधायक आवास परियोजना, कोचिंग हब, मुख्यमंत्री जन आवास योजना के घर, सभी के लिए ग्रीन बिल्डिंग कंसेप्ट काम लिया जा रहा है.

MLA house on Green building concept
ग्रीन बिल्डिंग कंसेप्ट पर विधायक आवास
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Published : Dec 14, 2021, 8:18 PM IST

जयपुर. राजस्थान आवासन मंडल ग्रीन बिल्डिंग कंसेप्ट अडॉप्ट करने वाला प्रदेश का पहला सरकारी संस्थान बन गया है. मंडल की ओर से पर्यावरण सुधार और भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए सभी निर्माणाधीन बहुमंजिला भवनों को ग्रीन बिल्डिंग कंसेप्ट पर बनाया जा रहा है.

विधायक आवास परियोजना हो या एआईएस रेजीडेंसी, कोचिंग हब हो या मुख्यमंत्री जन आवास योजना के तहत प्रताप नगर और इंदिरा गांधी नगर योजना में निर्माणाधीन बहुमंजिला भवन आवासन मंडल के ये सभी प्रोजेक्ट ग्रीन बिल्डिंग कंसेप्ट पर बनाए जा रहे हैं.

पढ़ें: Inspection In Secretariat: प्रशासनिक सुधार विभाग का सचिवालय में औचक निरीक्षण, 75 फीसदी अधिकारी-कर्मचारी मिले गैर-हाजिर

इस संबंध में आवासन आयुक्त पवन अरोड़ा ने बताया कि इस कंसेप्ट पर बिल्डिंग निर्माण से जलवायु परिवर्तन को रोकने में मदद मिलेगी और उपभोक्ताओं को कम कीमत पर किफायती आवास मिल सकेंगे. इसके साथ ही ऊर्जा और जल संरक्षण की वजह से भविष्य में पानी और बिजली पर किये जाने वाले व्यय भी कम हो सकेंगे.

पढ़ें: Special: लॉकडाउन के बाद कोटा में कोचिंग तो खुले पर अर्थव्यवस्था नहीं पकड़ पाई रफ्तार, बच्चों के कमी का असर हॉस्टल से लेकर बाजार तक

उन्होंने बताया कि राजस्थान की गिनती देश के उन अग्रणी राज्यों में होती है, जहां ग्रीन बिल्डिंग को प्रोत्साहित करने के लिए अतिरिक्त एफएआर (बीएआर) दिया जाता है. राज्य सरकार की ओर से जो नये बिल्डिंग बायलॉज बनाए गये हैं, उनमें भी ग्रीन बिल्डिंग को प्रोत्साहित करने के लिए अतिरिक्त एफएआर दिया जाने का प्रावधान है.

पढ़ें: Circular By Rajasthan Education Department : प्रतिनियुक्ति रद्द, शिक्षक-कर्मचारियों को 21 दिसंबर तक का Ultimatum!

बता दें कि ग्रीन बिल्डिंग कंसेप्ट किफायती होने के साथ-साथ एनवायरमेंट फ्रेंडली भी है. सीआईआई आईजीबीसी (इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल) की ओर से ग्रीन बिल्डिंग कंसेप्ट पर काम किया जा रहा है. जिसमें अब प्रदेश के नजरिए से आवासन मंडल अग्रणी है.

जयपुर. राजस्थान आवासन मंडल ग्रीन बिल्डिंग कंसेप्ट अडॉप्ट करने वाला प्रदेश का पहला सरकारी संस्थान बन गया है. मंडल की ओर से पर्यावरण सुधार और भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए सभी निर्माणाधीन बहुमंजिला भवनों को ग्रीन बिल्डिंग कंसेप्ट पर बनाया जा रहा है.

विधायक आवास परियोजना हो या एआईएस रेजीडेंसी, कोचिंग हब हो या मुख्यमंत्री जन आवास योजना के तहत प्रताप नगर और इंदिरा गांधी नगर योजना में निर्माणाधीन बहुमंजिला भवन आवासन मंडल के ये सभी प्रोजेक्ट ग्रीन बिल्डिंग कंसेप्ट पर बनाए जा रहे हैं.

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इस संबंध में आवासन आयुक्त पवन अरोड़ा ने बताया कि इस कंसेप्ट पर बिल्डिंग निर्माण से जलवायु परिवर्तन को रोकने में मदद मिलेगी और उपभोक्ताओं को कम कीमत पर किफायती आवास मिल सकेंगे. इसके साथ ही ऊर्जा और जल संरक्षण की वजह से भविष्य में पानी और बिजली पर किये जाने वाले व्यय भी कम हो सकेंगे.

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उन्होंने बताया कि राजस्थान की गिनती देश के उन अग्रणी राज्यों में होती है, जहां ग्रीन बिल्डिंग को प्रोत्साहित करने के लिए अतिरिक्त एफएआर (बीएआर) दिया जाता है. राज्य सरकार की ओर से जो नये बिल्डिंग बायलॉज बनाए गये हैं, उनमें भी ग्रीन बिल्डिंग को प्रोत्साहित करने के लिए अतिरिक्त एफएआर दिया जाने का प्रावधान है.

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बता दें कि ग्रीन बिल्डिंग कंसेप्ट किफायती होने के साथ-साथ एनवायरमेंट फ्रेंडली भी है. सीआईआई आईजीबीसी (इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल) की ओर से ग्रीन बिल्डिंग कंसेप्ट पर काम किया जा रहा है. जिसमें अब प्रदेश के नजरिए से आवासन मंडल अग्रणी है.

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