जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने मां को प्रताड़ित करने वाले बेटे-बहू के खिलाफ सख्त आदेश (Rajasthan Highcourt order) दिए हैं. कोर्ट ने वरिष्ठ नागरिक अधिकरण के आदेश की पालना में परिवार सहित मकान खाली कर कब्जा सम्मान सहित मां को एक माह में सौंपने के आदेश दिए हैं. अदालत ने इस दौरान संबंधित थानाधिकारी को कहा है कि पीड़ित मां को सुरक्षा भी मुहैया कराएं. अदालत ने मां से यह भी कहा है कि वह भविष्य में चाहें तो अपने बेटे और बहू को घर में रख सकती हैं. जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश अम्बाबाडी निवासी दंपती की याचिका को खारिज करते हुए दिए हैं.
याचिका में कहा गया था कि वर्ष 2003 में उसके कर्नल पिता ने अपनी मृत्यु से पहले सारी संपत्ति अपनी पत्नी के नाम कर दी थी. वर्ष 2004 में उसकी मां ने आर्मी वेलफेयर हाउसिंग कॉलोनी, अम्बाबाडी में मकान खरीदा था. उसकी मां अपनी मर्जी से अपनी बेटी के पास रहती है. इसके अलावा उन्हें प्रताड़ित करने का आरोप भी बनावटी है. याचिकाकर्ता ने भी संपत्ति में आठ लाख रुपए लगाए थे. ऐसे में वरिष्ठ नागरिक अधिकरण के 8 मार्च 2019 के आदेश को रद्द कर उन्हें घर में रहने दिया जाए. इसका विरोध करते हुए मां की ओर से कहा गया कि उसे वर्ष 2010 में घर से बाहर निकाल दिया गया था जिसके चलते वह अपनी भाभी के घर रहने लगी. इसके बाद वह बीमारी के इलाज के लिए वर्ष 2016 में वापस आई थी.
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बाद में उसकी बेटी वर्ष 2018 में उसे अपने साथ ले गई. वह दयनीय दशा से गुजर रही है. उसने जुलाई 2018 में अपने बेटे को संपत्ति से बेदखल भी कर दिया है. बेटे की ओर से देखभाल नहीं करने के कारण उसने वरिष्ठ नागरिक अधिकरण में दावा पेश किया था. इस पर सुनवाई करते हुए अधिकरण ने 8 मार्च 2019 को आदेश जारी कर बेटे को निर्देश दिए थे कि वह एक माह में मकान खाली करें. दोनों पक्षों को सुनने के बाद एकलपीठ ने बेटे-बहू की याचिका खारिज करते हुए उन्हें एक माह में मां का मकान खाली करने के लिए कहा है.