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Rajasthan Highcourt: पुरानी स्कीमों में नए भवन विनियम लागू करने पर मांगा जवाब

पुरानी योजनाओं में नए भवन विनियम लागू करने पर हाईकोर्ट (Rajasthan Highcourt) ने यूडीएच, जेडीए और हेरिटेज निगम आयुक्त से जवाब मांगा है. इस संबंध में हाईकोर्ट ने नोटिस भी जारी किया है.

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Published : Mar 25, 2022, 5:39 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan Highcourt) ने पुरानी योजनाओं में नए भवन विनियम लागू करने पर यूडीएच, जेडीए और हेरिटेज निगम आयुक्त को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश अर्जुन लाल सेठी नगर निवासी विनोद कुमार व अन्य की जनहित याचिका पर दिए हैं. याचिका में अधिवक्ता विमल चौधरी और अधिवक्ता दिवाकर ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने जेडीए जयपुर रीजन भवन विनियम, 2020 लागू कर बिल्डिंग की ऊंचाई तय की है. इन प्रावधानों को पहले से विकसित स्कीमों पर भी लागू किया जा रहा है.

याचिका में कहा गया कि वर्ष 2002 में 220 से तीन सौ वर्ग मीटर के भूखंडों पर 12 मीटर ऊंचाई तक भवन बनाया जा सकता था. वहीं साल 2010 में इस ऊंचाई के अतिरिक्त स्टिल्ट पार्किंग बनाने की छूट भी दी गई है. वहीं अब 2020 के नियमों में ऊंचाई बढ़ाकर 15 मीटर करने के साथ ही अतिरिक्त रूप से स्टिल्ट पार्किंग बनाने की छूट दी है. याचिका में कहा गया कि बिना किसी वैज्ञानिक नजरिया अपनाए ऊंचाई बढ़ाई जा रही है.

पढ़ें. Rajasthan Highcourt Order: 869 करोड़ की कर चोरी के मामले में मिराज प्रोडक्ट्स के निदेशक को जमानत नहीं

जबकि पूर्व में विकसित हो चुकी स्कीमों में प्लॉट संख्या के आधार पर पानी, सीवरेज और बिजली आदि की व्यवस्था की गई है. इन पुरानी स्कीमों में नए प्रावधान लागू करने से वहां मूलभूत संसाधनों की कमी हो गई है. इसके चलते लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. याचिका में गुहार लगाई गई है कि नए प्रावधानों को पुरानी स्कीमों पर लागू नहीं किया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan Highcourt) ने पुरानी योजनाओं में नए भवन विनियम लागू करने पर यूडीएच, जेडीए और हेरिटेज निगम आयुक्त को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश अर्जुन लाल सेठी नगर निवासी विनोद कुमार व अन्य की जनहित याचिका पर दिए हैं. याचिका में अधिवक्ता विमल चौधरी और अधिवक्ता दिवाकर ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने जेडीए जयपुर रीजन भवन विनियम, 2020 लागू कर बिल्डिंग की ऊंचाई तय की है. इन प्रावधानों को पहले से विकसित स्कीमों पर भी लागू किया जा रहा है.

याचिका में कहा गया कि वर्ष 2002 में 220 से तीन सौ वर्ग मीटर के भूखंडों पर 12 मीटर ऊंचाई तक भवन बनाया जा सकता था. वहीं साल 2010 में इस ऊंचाई के अतिरिक्त स्टिल्ट पार्किंग बनाने की छूट भी दी गई है. वहीं अब 2020 के नियमों में ऊंचाई बढ़ाकर 15 मीटर करने के साथ ही अतिरिक्त रूप से स्टिल्ट पार्किंग बनाने की छूट दी है. याचिका में कहा गया कि बिना किसी वैज्ञानिक नजरिया अपनाए ऊंचाई बढ़ाई जा रही है.

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जबकि पूर्व में विकसित हो चुकी स्कीमों में प्लॉट संख्या के आधार पर पानी, सीवरेज और बिजली आदि की व्यवस्था की गई है. इन पुरानी स्कीमों में नए प्रावधान लागू करने से वहां मूलभूत संसाधनों की कमी हो गई है. इसके चलते लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. याचिका में गुहार लगाई गई है कि नए प्रावधानों को पुरानी स्कीमों पर लागू नहीं किया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

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