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Rajasthan Highcourt Order: 869 करोड़ की कर चोरी के मामले में मिराज प्रोडक्ट्स के निदेशक को जमानत नहीं

राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan Highcourt Order) मिराज प्रोडक्ट्स के निदेशक सोहन सिंह राव को 869 करोड़ रुपये के कर चोरी के मामले में जमानत देने से मना कर दिया है.

Rajasthan Highcourt Order
राजस्थान हाईकोर्ट का आदेश
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Published : Mar 25, 2022, 4:39 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan Highcourt Order) ने 869 करोड़ रुपए की कर चोरी के मामले में मिराज प्रोडक्ट्स प्रा.लि. के निदेशक सोहन सिंह राव की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. इसी तरह अदालत ने कंपनी के उपाध्यक्ष सीबी चौहान की अग्रिम जमानत याचिका को भी अस्वीकार कर दिया है. जस्टिस नरेन्द्र सिंह ने यह आदेश दोनों जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए हैं.

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि आर्थिक अपराध को सामान्य अपराध की तरह नहीं देख सकते हैं. आर्थिक अपराध देश की अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर खतरा है. ऐसे में आरोपी को जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता. सोहन सिंह की ओर से कहा गया कि उसे मामले में झूठा फंसाया गया है. पहली शिकायत में न तो उसका नाम है और न ही उसके खिलाफ कोई आरोप लगाए गए हैं.

पढ़ें. Rajasthan High Court: शिक्षा निदेशक शपथ पत्र पेश कर बताएं क्यों नहीं की आदेश की पालना?

विभाग के पास 869 करोड़ रुपए की कर चोरी का कोई ठोस प्रमाण भी नहीं है. मामला मजिस्ट्रेट की ओर से विचारणीय है और इसमें अधिकतम पांच साल तक की सजा का ही प्रावधान है. वहीं याचिकाकर्ता गत 13 जनवरी से जेल में हैं. याचिका में कहा गया कि उसकी ओर से सौ करोड़ रुपए जमा कराए जा चुके है एवं सौ करोड़ रुपए और जमा कराने जा रहे हैं. ऐसे में उसे जमानत का लाभ दिया जाए.

इसका विरोध करते हुए डीजीजीआई के वरिष्ठ अधिवक्ता किंशुक जैन ने कहा कि विनयकांत आमेटा और याचिकाकर्ता दोनों कंपनी में निदेशक हैं और दोनों ही कर चोरी के जिम्मेदार है. कर चोरी के लिए कई फर्जी फर्म बनाई गई थी. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने आमेटा को दो सौ करोड़ रुपए जमा कराने के बाद ही जमानत दी है. ऐसे में यदि याचिकाकर्ता कर और पेनल्टी जमा करा देता है तो विभाग को उसकी जमानत को लेकर कोई आपत्ति नहीं है. इसी तरह फर्म के उपाध्यक्ष ने अग्रिम जमानत का लाभ देने की गुहार की थी. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने आरोपी सोहन सिंह को जमानत देने से इनकार करते हुए सीबी चौहान को अग्रिम जमानत देने से मना कर दिया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan Highcourt Order) ने 869 करोड़ रुपए की कर चोरी के मामले में मिराज प्रोडक्ट्स प्रा.लि. के निदेशक सोहन सिंह राव की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. इसी तरह अदालत ने कंपनी के उपाध्यक्ष सीबी चौहान की अग्रिम जमानत याचिका को भी अस्वीकार कर दिया है. जस्टिस नरेन्द्र सिंह ने यह आदेश दोनों जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए हैं.

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि आर्थिक अपराध को सामान्य अपराध की तरह नहीं देख सकते हैं. आर्थिक अपराध देश की अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर खतरा है. ऐसे में आरोपी को जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता. सोहन सिंह की ओर से कहा गया कि उसे मामले में झूठा फंसाया गया है. पहली शिकायत में न तो उसका नाम है और न ही उसके खिलाफ कोई आरोप लगाए गए हैं.

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विभाग के पास 869 करोड़ रुपए की कर चोरी का कोई ठोस प्रमाण भी नहीं है. मामला मजिस्ट्रेट की ओर से विचारणीय है और इसमें अधिकतम पांच साल तक की सजा का ही प्रावधान है. वहीं याचिकाकर्ता गत 13 जनवरी से जेल में हैं. याचिका में कहा गया कि उसकी ओर से सौ करोड़ रुपए जमा कराए जा चुके है एवं सौ करोड़ रुपए और जमा कराने जा रहे हैं. ऐसे में उसे जमानत का लाभ दिया जाए.

इसका विरोध करते हुए डीजीजीआई के वरिष्ठ अधिवक्ता किंशुक जैन ने कहा कि विनयकांत आमेटा और याचिकाकर्ता दोनों कंपनी में निदेशक हैं और दोनों ही कर चोरी के जिम्मेदार है. कर चोरी के लिए कई फर्जी फर्म बनाई गई थी. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने आमेटा को दो सौ करोड़ रुपए जमा कराने के बाद ही जमानत दी है. ऐसे में यदि याचिकाकर्ता कर और पेनल्टी जमा करा देता है तो विभाग को उसकी जमानत को लेकर कोई आपत्ति नहीं है. इसी तरह फर्म के उपाध्यक्ष ने अग्रिम जमानत का लाभ देने की गुहार की थी. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने आरोपी सोहन सिंह को जमानत देने से इनकार करते हुए सीबी चौहान को अग्रिम जमानत देने से मना कर दिया है.

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