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राजस्थान हाईकोर्ट ने पूछा सहायक वन संरक्षक भर्ती में वानिकी स्नातक को वरीयता क्यों नहीं - राजस्थान न्यूज

राजस्थान हाईकोर्ट ने सहायक वन संरक्षक भर्ती-2018 में वानिकी से स्नातक करने वाले अभ्यर्थियों को वरीयता नहीं देने पर कार्मिक सचिव, हेड ऑफ फॉरेस्ट और आरपीएससी सचिव से जवाब मांगा है. मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांती और न्यायाधीश सतीश शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश रोहित कुमार व अन्य की याचिका पर दिए.

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राजस्थान हाईकोर्ट ने पूछा सहायक वन संरक्षक भर्ती में वानिकी स्नातक को वरीयता क्यों नहीं
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Published : Feb 13, 2021, 8:23 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सहायक वन संरक्षक भर्ती-2018 में वानिकी से स्नातक करने वाले अभ्यर्थियों को वरीयता नहीं देने पर कार्मिक सचिव, हेड ऑफ फॉरेस्ट और आरपीएससी सचिव से जवाब मांगा है. मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांती और न्यायाधीश सतीश शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश रोहित कुमार व अन्य की याचिका पर दिए.

राजस्थान हाईकोर्ट

पढ़ें: किसानों के समर्थन में राहुल गांधी ने चलाया ट्रैक्टर और की ऊंट सवारी, कहा- कृषि कानून के जरिए छीना जा रहा आपका भविष्य

याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने अदालत को बताया कि वर्ष 2006 की वन आयोग रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि वन विभाग की भर्तियों में वानिकी विषय में स्नातक करने वाले अभ्यर्थियों को वरीयता दी जाए. आयोग की इस रिपोर्ट पर एक दर्जन से अधिक राज्यों ने अपने नियमों में संशोधन भी कर लिया है. वहीं प्रदेश में अब भी राजस्थान वन अधीनस्थ सेवा नियम, 2015 के तहत भर्तियां की जा रही हैं. इसके तहत वानिकी में स्नातक करने वाले अभ्यर्थियों को वरीयता देने का कोई प्रावधान नहीं रखा गया है.

याचिका में कहा गया कि वानिकी विषय का अध्ययन करने वाले अभ्यर्थियों को वरीयता नहीं मिलने से विभाग को इनकी विशेषज्ञता का लाभ नहीं मिल पाता. इसलिए इस विषय में स्नातक करने वाले अभ्यर्थियों को वरीयता दी जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सहायक वन संरक्षक भर्ती-2018 में वानिकी से स्नातक करने वाले अभ्यर्थियों को वरीयता नहीं देने पर कार्मिक सचिव, हेड ऑफ फॉरेस्ट और आरपीएससी सचिव से जवाब मांगा है. मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांती और न्यायाधीश सतीश शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश रोहित कुमार व अन्य की याचिका पर दिए.

राजस्थान हाईकोर्ट

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याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने अदालत को बताया कि वर्ष 2006 की वन आयोग रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि वन विभाग की भर्तियों में वानिकी विषय में स्नातक करने वाले अभ्यर्थियों को वरीयता दी जाए. आयोग की इस रिपोर्ट पर एक दर्जन से अधिक राज्यों ने अपने नियमों में संशोधन भी कर लिया है. वहीं प्रदेश में अब भी राजस्थान वन अधीनस्थ सेवा नियम, 2015 के तहत भर्तियां की जा रही हैं. इसके तहत वानिकी में स्नातक करने वाले अभ्यर्थियों को वरीयता देने का कोई प्रावधान नहीं रखा गया है.

याचिका में कहा गया कि वानिकी विषय का अध्ययन करने वाले अभ्यर्थियों को वरीयता नहीं मिलने से विभाग को इनकी विशेषज्ञता का लाभ नहीं मिल पाता. इसलिए इस विषय में स्नातक करने वाले अभ्यर्थियों को वरीयता दी जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

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