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छह बार बुलाने पर भी नहीं आया जांच अधिकारी, HC ने किया SP को तलब

राजस्थान हाईकोर्ट ने आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में लंबित जमानत अर्जी में कामां थाने के संबंधित जांच अधिकारी को बार-बार बुलाने के बावजूद आईओ के पेश नहीं होने पर नाराजगी जताई है. इसके साथ ही अदालत ने आईओ को 5000 रुपये के जमानती वारंट से तलब किया है. वहीं अदालत ने एसपी भरतपुर और कामां थानाधिकारी को 12 अक्टूबर को पेश होने के आदेश दिए हैं.

bailable warrant against officer, High Court order
हाईकोर्ट ने किया एसपी को तलब
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Published : Oct 2, 2020, 9:28 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में लंबित जमानत अर्जी में कामां थाने के संबंधित जांच अधिकारी को बार-बार बुलाने के बावजूद आईओ के पेश नहीं होने पर नाराजगी जताई है. इसके साथ ही अदालत ने आईओ को 5000 रुपये के जमानती वारंट से तलब किया है. वहीं अदालत ने एसपी भरतपुर और कामां थानाधिकारी को 12 अक्टूबर को पेश होने के आदेश दिए हैं.

अदालत ने दोनों अधिकारियों से पूछा है कि बार-बार बुलाने के बावजूद भी जांच अधिकारी अदालत में पेश क्यों नहीं हो रहे हैं. न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश सद्दाम की ओर से दायर जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिए.

पढ़ें- अदालती आदेश के बावजूद भी वेतन लाभ नहीं देने पर अवमानना नोटिस जारी

जमानत अर्जी में कहा गया कि वर्ष 2018 में दुर्घटना में युवक की मौत के मामले में पूर्व के जांच अधिकारियों से विपरीत जाकर वर्तमान जांच अधिकारी ने याचिकाकर्ता के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला बना दिया. वहीं अदालत के सामने आया कि संबंधित जांच अधिकारी को 5 जून, 12 जून, 29 जून, 29 जुलाई, 7 अगस्त और 17 सितंबर को पेश होने को कहा था. इसके बावजूद भी जांच अधिकारी अदालत में पेश नहीं हुए. इस पर अदालत ने नाराजगी जताते हुए जांच अधिकारी के खिलाफ जमानती वारंट जारी कर एसपी और थानाधिकारी को पेश होने के आदेश दिए हैं.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में लंबित जमानत अर्जी में कामां थाने के संबंधित जांच अधिकारी को बार-बार बुलाने के बावजूद आईओ के पेश नहीं होने पर नाराजगी जताई है. इसके साथ ही अदालत ने आईओ को 5000 रुपये के जमानती वारंट से तलब किया है. वहीं अदालत ने एसपी भरतपुर और कामां थानाधिकारी को 12 अक्टूबर को पेश होने के आदेश दिए हैं.

अदालत ने दोनों अधिकारियों से पूछा है कि बार-बार बुलाने के बावजूद भी जांच अधिकारी अदालत में पेश क्यों नहीं हो रहे हैं. न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश सद्दाम की ओर से दायर जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिए.

पढ़ें- अदालती आदेश के बावजूद भी वेतन लाभ नहीं देने पर अवमानना नोटिस जारी

जमानत अर्जी में कहा गया कि वर्ष 2018 में दुर्घटना में युवक की मौत के मामले में पूर्व के जांच अधिकारियों से विपरीत जाकर वर्तमान जांच अधिकारी ने याचिकाकर्ता के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला बना दिया. वहीं अदालत के सामने आया कि संबंधित जांच अधिकारी को 5 जून, 12 जून, 29 जून, 29 जुलाई, 7 अगस्त और 17 सितंबर को पेश होने को कहा था. इसके बावजूद भी जांच अधिकारी अदालत में पेश नहीं हुए. इस पर अदालत ने नाराजगी जताते हुए जांच अधिकारी के खिलाफ जमानती वारंट जारी कर एसपी और थानाधिकारी को पेश होने के आदेश दिए हैं.

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