जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने वरिष्ठ अध्यापक भर्ती - 2018 में चयन होने के बावजूद आपराधिक प्रकरण लंबित होने के चलते नियुक्ति नहीं देने पर प्रमुख शिक्षा सचिव और माध्यमिक शिक्षा निदेशक सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता का चयन निरस्त नहीं करने को कहा है. न्यायाधीश अशोक कुमार गौड़ ने यह आदेश अभिषेक शर्मा की याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता राम प्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता का चयन वरिष्ठ अध्यापक सामाजिक विज्ञान के पद पर हुआ था. विभाग ने उसे पदस्थापन के लिए करौली जिले में स्कूल भी आवंटित कर दी, लेकिन याचिकाकर्ता के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मुकदमा लंबित होने के कारण उसे नियुक्ति नहीं दी जा रही.
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याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता ने मुकदमा लंबित होने को लेकर आवेदन के समय कोई तथ्य नहीं छुपाया था. इसके अलावा प्रकरण में उसे सजा भी नहीं हुई है. ऐसे में सिर्फ आपराधिक प्रकरण लंबित होने के कारण उसे नियुक्ति से वंचित करना अवैध है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए याचिकाकर्ता का नियुक्ति आदेश रद्द नहीं करने को कहा है.