जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट को चुनाव पूर्व की (Rajasthan High court stayed the order to suspend the councilor) अयोग्यता से जुड़े मामले में कामां नगर पालिका पार्षद को निलंबित करने के गत 22 फरवरी के आदेश की क्रियांविति पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने पार्षद के खिलाफ नगर पालिका अधिनियम की धारा 39 के तहत उनके खिलाफ की जा रही कार्रवाई पर भी अंतरिम रोक लगाते हुए स्वायत्त शासन सचिव, विशेष विधि सचिव और पालिका ईओ से जवाब तलब की है. जस्टिस अशोक गौड ने यह आदेश मीनू की याचिका पर दिए.
याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता नगर पालिका के वार्ड संख्या 27 से पार्षद निर्वाचित हुई थी. चुनाव में पराजित प्रत्याशी ने संभागीय आयुक्त को शिकायत करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता के तीन संतान हैं और वह चुनाव लड़ने के लिए अपात्र थी. ऐसे में उन्हे पार्षद पद से निलंबित कर उनके निर्वाचन को रद्द किया जाए. याचिका में कहा गया है कि कामां नगर पालिका पार्षद को तीन संतान संबंधी शिकायत के आधार पर निलंबित किया गया है, उन्होंने कहा कि यह मुद्दा चुनाव पूर्व की अयोग्यता से जुड़ा हुआ है. ऐसे में इसे केवल चुनाव याचिका के जरिए ही चुनौती दी जा सकती है, इसलिए याचिकाकर्ता के निलंबन पर रोक लगाई जाए. इसके बाद मामले पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने निलंबन आदेश पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब की है.