जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कोटपूतली नगर पालिका की ओर से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई (Municipality encroachment action Kotputli) के खिलाफ दायर याचिका पर अवकाश के दिन सुनवाई करते हुए निर्माण हटाने पर अंतरिम रोक लगा दी है. अदालत ने कहा कि नगर पालिका विधिक प्रक्रिया अपनाए बिना निर्माण हटाने की कार्रवाई न करे.
इसके साथ ही अदालत ने 16 जनवरी तक राज्य सरकार से जवाब पेश करने को कहा है. न्यायाधीश उमाशंकर व्यास की विशेष एकलपीठ ने यह आदेश हरिप्रसाद शर्मा की याचिका पर दिए. याचिका में कहा गया कि कोटपूतली नगर पालिका ने गत 15 दिसंबर और बाद में सूचना जारी कर कस्बे वासियों को अपने स्तर पर अतिक्रमण हटाने को कहा. पालिका ने एक दिन पहले सूचना जारी करते हुए कब्जाधारियों को अपने स्तर पर अतिक्रमण हटाने के लिए 24 दिसंबर तक का समय दे दिया.
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि कि उसके पास जमीन का पुराना पट्टा मौजूद है. इसके अलावा उसे सुनवाई का मौका दिए बिना आनन-फानन में कार्रवाई की जा रही है. वहीं अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल मेहता ने कहा कि नगर पालिका मास्टर प्लान के तहत सडक़ की चौड़ाई में आ रहे निर्माण को हटा रही है. सडक़ों पर पक्का अतिक्रमण होने के चलते कस्बे की सडक़ों पर जाम लगा रहता है.
इसके अलावा याचिकाकर्ता जिस पट्टे का दावा कर रहा है, उसकी वैधता जांच के बाद ही तय हो पाएगी. एएजी की ओर से याचिका का जवाब पेश करने के लिए समय मांगा गया. इस पर अदालत ने राज्य सरकार को 16 जनवरी तक का समय देते हुए बिना विधिक प्रक्रिया अपनाए निर्माण हटाने पर अंतरिम रोक लगा दी है.