जयपुर. राजस्थान हाई कोर्ट ने खाद्य सचिव और अतिरिक्त खाद्य आयुक्त को नोटिस जारी कर पूछा है कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 को लागू करने के लिए अभी तक संबंधित नियम क्यों नहीं बनाए गए हैं. न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह ने यह आदेश शालिनी श्योराण की जनहित याचिका पर दिए.
याचिका में कहा गया कि भारत सरकार ने वर्ष 2013 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम बनाकर आमजन तक सही मात्रा में खाद्यान्न उचित कीमत पर पहुंचाने के प्रावधान किए गए थे. कानून बनने के छह साल बीतने के बाद अब तक इसे लागू करने के नियम नहीं बनाए गए हैं. अधिनियम की धारा 29 के तहत विजिलेंस कमेटी गठित करने का भी प्रावधान है, लेकिन अब तक यह कमेटी भी गठित नहीं हुई है. जिसके चलते राशन डीलर, दलाल और काला बाजारी करने वाले गरीबों के हितों पर कुठाराघात कर रहे हैं.
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इसके अलावा लाभान्वितों की सूची में ट्रांसजेंडर और वैश्यावृत्ति करने वाली महिलाओं को भी शामिल नहीं किया गया है. जबकि पोषण युक्त आहार लेना संवैधानिक अधिकार है. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.