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खाद्य सुरक्षा कानून को लागू करने के लिए छह साल में भी क्यों नहीं बनाए नियम: हाईकोर्ट

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Published : Jan 25, 2020, 5:12 PM IST

खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 को लागू करने के लिए अभी तक संबंधित नियम नहीं बनाने को लेकर राजस्थान हाई कोर्ट ने खाद्य सचिव और अतिरिक्त खाद्य सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. अदालत ने यह आदेश शालिनी श्योराण की जनहित याचिका पर दिए.

Food Safety Act 2013, राजस्थान हाई कोर्ट न्यूज
राजस्थान उच्च न्यायालय ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम के संबंध में खाद्य सचिव को भेजा नोटिस

जयपुर. राजस्थान हाई कोर्ट ने खाद्य सचिव और अतिरिक्त खाद्य आयुक्त को नोटिस जारी कर पूछा है कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 को लागू करने के लिए अभी तक संबंधित नियम क्यों नहीं बनाए गए हैं. न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह ने यह आदेश शालिनी श्योराण की जनहित याचिका पर दिए.

राजस्थान उच्च न्यायालय ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम के संबंध में खाद्य सचिव को भेजा नोटिस

याचिका में कहा गया कि भारत सरकार ने वर्ष 2013 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम बनाकर आमजन तक सही मात्रा में खाद्यान्न उचित कीमत पर पहुंचाने के प्रावधान किए गए थे. कानून बनने के छह साल बीतने के बाद अब तक इसे लागू करने के नियम नहीं बनाए गए हैं. अधिनियम की धारा 29 के तहत विजिलेंस कमेटी गठित करने का भी प्रावधान है, लेकिन अब तक यह कमेटी भी गठित नहीं हुई है. जिसके चलते राशन डीलर, दलाल और काला बाजारी करने वाले गरीबों के हितों पर कुठाराघात कर रहे हैं.

पढ़ें- भ्रष्ट अफसर-कर्मचारियों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति में देरी क्यों: हाईकोर्ट

इसके अलावा लाभान्वितों की सूची में ट्रांसजेंडर और वैश्यावृत्ति करने वाली महिलाओं को भी शामिल नहीं किया गया है. जबकि पोषण युक्त आहार लेना संवैधानिक अधिकार है. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाई कोर्ट ने खाद्य सचिव और अतिरिक्त खाद्य आयुक्त को नोटिस जारी कर पूछा है कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 को लागू करने के लिए अभी तक संबंधित नियम क्यों नहीं बनाए गए हैं. न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह ने यह आदेश शालिनी श्योराण की जनहित याचिका पर दिए.

राजस्थान उच्च न्यायालय ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम के संबंध में खाद्य सचिव को भेजा नोटिस

याचिका में कहा गया कि भारत सरकार ने वर्ष 2013 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम बनाकर आमजन तक सही मात्रा में खाद्यान्न उचित कीमत पर पहुंचाने के प्रावधान किए गए थे. कानून बनने के छह साल बीतने के बाद अब तक इसे लागू करने के नियम नहीं बनाए गए हैं. अधिनियम की धारा 29 के तहत विजिलेंस कमेटी गठित करने का भी प्रावधान है, लेकिन अब तक यह कमेटी भी गठित नहीं हुई है. जिसके चलते राशन डीलर, दलाल और काला बाजारी करने वाले गरीबों के हितों पर कुठाराघात कर रहे हैं.

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इसके अलावा लाभान्वितों की सूची में ट्रांसजेंडर और वैश्यावृत्ति करने वाली महिलाओं को भी शामिल नहीं किया गया है. जबकि पोषण युक्त आहार लेना संवैधानिक अधिकार है. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

Intro:बाईट - याचिकाकर्ता शालिनी श्योराण


जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने खाद्य सचिव और अतिरिक्त खाद्य आयुक्त को नोटिस जारी कर पूछा है कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 को लागू करने के लिए अभी तक संबंधित नियम क्यों नहीं बनाए गए हैं। न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह ने यह आदेश शालिनी श्योराण की जनहित याचिका पर दिए।Body:याचिका में कहा गया कि भारत सरकार ने वर्ष 2013 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम बनाकर आमजन तक सही मात्रा में खाद्यान्न उचित कीमत पर पहुंचाने के प्रावधान किए गए थे। कानून बनने के छह साल बीतने के बाद अब तक इसे लागू करने के नियम नहीं बनाए गए हैं। अधिनियम की धारा 29 के तहत विजिलेंस कमेटी गठित करने का भी प्रावधान है, लेकिन अब तक यह कमेटी भी गठित नहीं हुई है। जिसके चलते राशन डीलर, दलाल और काला बाजारी करने वाले गरीबों के हितों पर कुठाराघात कर रहे हैं। इसके अलावा लाभान्वितों की सूची में ट्रांसजेंडर और वैश्यावृत्ति करने वाली महिलाओं को भी शामिल नहीं किया गया है। जबकि पोषण युक्त आहार लेना संवैधानिक अधिकार है। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।Conclusion:
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