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गौशाला अनुदान में 40 फीसदी की कटौती क्यों : HC - gaushala grant

हाईकोर्ट ने गौशाला को दिए जा रहे अनुदान में कटौती करने पर गोपालन निदेशक सहित अन्य से जवाब-तलब किया है. मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महान्ति और न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश महेश झालानी की जनहित याचिका पर दिए हैं.

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गौशाला अनुदान को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई
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Published : Oct 12, 2020, 8:22 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने गौशाला को दिए जा रहे अनुदान में 40 फीसदी की कटौती करने पर मुख्य सचिव, प्रमुख वित्त सचिव, प्रमुख पशुपालन सचिव और गोपालन निदेशक सहित अन्य से जवाब-तलब किया है. मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महान्ति और न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश महेश झालानी की जनहित याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता डीडी खंडेलवाल ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार प्रदेश में गायों के संरक्षण के लिए स्टांप अधिनियम में संशोधन कर 20 फीसदी स्टांप शुल्क वसूल कर रही है. वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार की ओर से गौ संरक्षण का बजट बढ़ाने के बजाय गौशालाओं को दिए जा रहे हैं. अनुदान में 40 फीसदी की कटौती कर दी है. इसके चलते गौशालाओं में चारे का संकट खड़ा हो गया है.

यह भी पढ़ें: डूंगरपुर हिंसा : BTP की ओर से हाईकोर्ट में याचिका...सरकार से जवाब-तलब

याचिका में कहा गया कि कोरोना संक्रमण के चलते दानदाताओं ने भी दान देना काफी कम कर दिया है. ऐसे में गायों के समक्ष भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है. याचिका में गुहार की गई कि 40 फीसदी अनुदान काटने को बंद कर गायों के संरक्षण के लिए उचित बजट मुहैया कराया जाए, जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब-तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने गौशाला को दिए जा रहे अनुदान में 40 फीसदी की कटौती करने पर मुख्य सचिव, प्रमुख वित्त सचिव, प्रमुख पशुपालन सचिव और गोपालन निदेशक सहित अन्य से जवाब-तलब किया है. मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महान्ति और न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश महेश झालानी की जनहित याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता डीडी खंडेलवाल ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार प्रदेश में गायों के संरक्षण के लिए स्टांप अधिनियम में संशोधन कर 20 फीसदी स्टांप शुल्क वसूल कर रही है. वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार की ओर से गौ संरक्षण का बजट बढ़ाने के बजाय गौशालाओं को दिए जा रहे हैं. अनुदान में 40 फीसदी की कटौती कर दी है. इसके चलते गौशालाओं में चारे का संकट खड़ा हो गया है.

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याचिका में कहा गया कि कोरोना संक्रमण के चलते दानदाताओं ने भी दान देना काफी कम कर दिया है. ऐसे में गायों के समक्ष भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है. याचिका में गुहार की गई कि 40 फीसदी अनुदान काटने को बंद कर गायों के संरक्षण के लिए उचित बजट मुहैया कराया जाए, जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब-तलब किया है.

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