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RAS भर्ती में अनियमितता पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

प्रदेश में आरएएस भर्ती 2018 की मुख्य परीक्षा को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट ने जवाब मांगा है. कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई करते हुए यह आदेश अनुराग और अन्य की ओर से दायर याचिका पर दी.

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RAS भर्ती 2018 पर जवाब-तलब
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Published : Jul 23, 2020, 7:15 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने RAS भर्ती 2018 की मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी करने में हुई अनियमितता के मामले में कार्मिक सचिव और आरपीएससी सचिव सहित अन्य से जवाब-तलब किया है. न्यायाधीश इंद्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश अनुराग और अन्य की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

RAS भर्ती 2018 पर जवाब-तलब

याचिका में अधिवक्ता राम प्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता आरएएस भर्ती में विभागीय मंत्रालयिक कोटे के तहत शामिल हुए थे. आरपीएससी की ओर से साक्षात्कार के लिए कुल पदों के मुकाबले दोगुना अभ्यर्थियों के स्थान पर कम अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा में पास किया. इसके अलावा विभागीय मंत्रालयिक वर्ग के पदों के लिए विभागीय कर्मचारियों को उत्तीर्ण करने के बजाय दूसरे लोगों को उत्तीर्ण कर दिया.

यह भी पढ़ेंः कृषि पर्यवेक्षक, महिला सुपरवाइजर और प्रयोगशाला सहायक भर्ती 2018 में नियुक्तियों को रद्द करने की याचिका खारिज

याचिका में कहा गया कि आयोग ने उत्तर पुस्तिकाओं की जांच भी आनन-फानन में ऑनलाइन कराई है. वहीं, यदि आयोग तय संख्या में अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाता और विभागीय पदों पर दूसरे अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण नहीं करता तो याचिकाकर्ताओं का साक्षात्कार के लिए चयन हो जाता. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब-तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने RAS भर्ती 2018 की मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी करने में हुई अनियमितता के मामले में कार्मिक सचिव और आरपीएससी सचिव सहित अन्य से जवाब-तलब किया है. न्यायाधीश इंद्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश अनुराग और अन्य की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

RAS भर्ती 2018 पर जवाब-तलब

याचिका में अधिवक्ता राम प्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता आरएएस भर्ती में विभागीय मंत्रालयिक कोटे के तहत शामिल हुए थे. आरपीएससी की ओर से साक्षात्कार के लिए कुल पदों के मुकाबले दोगुना अभ्यर्थियों के स्थान पर कम अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा में पास किया. इसके अलावा विभागीय मंत्रालयिक वर्ग के पदों के लिए विभागीय कर्मचारियों को उत्तीर्ण करने के बजाय दूसरे लोगों को उत्तीर्ण कर दिया.

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याचिका में कहा गया कि आयोग ने उत्तर पुस्तिकाओं की जांच भी आनन-फानन में ऑनलाइन कराई है. वहीं, यदि आयोग तय संख्या में अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाता और विभागीय पदों पर दूसरे अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण नहीं करता तो याचिकाकर्ताओं का साक्षात्कार के लिए चयन हो जाता. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब-तलब किया है.

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