जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश की विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं के खाली पदों को नहीं भरने पर आरपीएससी (Rajasthan Public Service Commission) और कर्मचारी चयन बोर्ड(staff selection board) को पक्षकार बनाते हुए नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश मामले में लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए.
हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान न्यायमित्र अधिवक्ता पंकज गुप्ता ने अदालत को बताया कि विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं में स्टाफ की कमी के चलते पेंडिंग केसों की संख्या 18 हजार को पार कर गई है. जिसके चलते मुकदमों के निस्तारण में भी देरी हो रही है. वहीं आरपीएससी (RPSC) और कर्मचारी चयन बोर्ड (SSB) ने अपने भर्ती कलेंडर में एफएसएल (FSL) के पदों को भरने की कोई योजना नहीं बनाई है.
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इस पर राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता एमएस सिंघवी ने कहा कि कर्मचारियों की भर्ती दोनों एजेंसियां करती हैं. ऐसे में दोनों संस्थाओं को पक्षकार बनाना चाहिए. साथ ही महाधिवक्ता ने अदालत को यह भी बताया कि भरतपुर में एफएसएल (FSL) को भूमि आवंटित के प्रकरण को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा. इस पर अदालत ने दोनों संस्थाओं को पक्षकार बनाते हुए 16 दिसंबर तक जवाब मांगा है.
गौरतलब है कि एफएसएल में स्टाफ और संसाधनों की कमी के चलते लंबित जांच की संख्या में बढ़ोत्तरी को देखते हुए हाईकोर्ट ने पूर्व में स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लिया था.