जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने नव सृजित जयपुर ग्रेटर नगर निगम के जोन ऑफिस खोलने के लिए सामुदायिक केंद्र को अधिग्रहित करने पर मुख्य सचिव, निगम आयुक्त, कलेक्टर और जेडीसी से जवाब मांगा है. न्यायाधीश गोवर्धन बाढ़दार और न्यायाधीश नरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने ये आदेश जाकिर हुसैन भाटी की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
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हुसैन भाटी ने याचिका में कहा था कि, नगर निगम ने राज्य सरकार की अधिसूचना के अनुसार 2 जून को आदेश जारी कर नव सृजित नगर निगम जयपुर ग्रेटर और जयपुर हेरिटेज के जोन ऑफिस खोलने के आदेश जारी किए हैं. इस आदेश के अनुसार जयपुर ग्रेटर में जोन ऑफिस खोलने के लिए मुरलीपुरा, झोटवाड़ा और अंबाबाड़ी के सामुदायिक केंद्र लिए जा रहे हैं. ये सामुदायिक केंद्र इन इलाकों के करीब तीन लाख लोगों के काम आते हैं. इन केंद्रों को विवाह और अन्य कार्यक्रम के लिए आमजन को रियायती दरों पर दिया जाता है. यदि इनमें जोन ऑफिस खोले गए तो, आमजन सार्वजनिक सुविधा के उपयोग से वंचित हो जाएगा.
याचिका में कहा गया कि, ये लोक कल्याणकारी सरकार की नीति और कानून के विपरीत है. इसके अलावा सार्वजनिक क्षेत्र के उपयोग को भी नहीं बदला जा सकता है. ऐसे में सामुदायिक केंद्र में जोन ऑफिस खोलने के आदेश को निरस्त किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.