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एससी वर्ग को तय आरक्षण नहीं देने पर मांगा जवाब

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Published : Dec 7, 2020, 10:50 PM IST

राजस्थान हाईकोर्ट ने लाईब्रेरियन ग्रेड-तृतीय भर्ती में एससी वर्ग को अनुपात में आरक्षण नहीं देने पर प्रमुख शिक्षा सचिव, माध्यमिक शिक्षा निदेशक और कर्मचारी चयन बोर्ड से जवाब मांगा है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश टीना व अन्य की याचिका पर दिए.

Librarian Grade-III Recruitment,  Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने लाईब्रेरियन ग्रेड-तृतीय भर्ती में एससी वर्ग को अनुपात में आरक्षण नहीं देने पर प्रमुख शिक्षा सचिव, माध्यमिक शिक्षा निदेशक और कर्मचारी चयन बोर्ड से जवाब मांगा है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश टीना व अन्य की याचिका पर दिए.

राजस्थान हाईकोर्ट

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि कर्मचारी चयन बोर्ड ने मई 2018 में लाईब्रेरियन के 485 पदों पर भर्ती निकाली. जिसमें एससी वर्ग के लिए तय 16 फीसदी के चलते 77 पद आरक्षित रखने थे. वहीं इन पदों में से तीस फीसदी यानि 22 पद महिलाओं के लिए सुरक्षित किए जाने थे. इसके बावजूद एससी वर्ग के लिए कुल 60 पद ही आरक्षित रखे गए.

पढ़ें- पति द्वारा पत्नी की हत्या की गवाह बच्ची को दादा की कस्टडी में सौंपने का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, सुनवाई 8 दिसंबर को

वहीं इनमें से भी केवल आठ पद महिलाओं के लिए सुरक्षित रखे गए. जबकि नियमानुसार महिलाओं के लिए 18 पद सुरक्षित रखे जाने थे. याचिका में कहा गया कि चयन बोर्ड ने तयशुदा आरक्षण की पालना नहीं की है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने लाईब्रेरियन ग्रेड-तृतीय भर्ती में एससी वर्ग को अनुपात में आरक्षण नहीं देने पर प्रमुख शिक्षा सचिव, माध्यमिक शिक्षा निदेशक और कर्मचारी चयन बोर्ड से जवाब मांगा है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश टीना व अन्य की याचिका पर दिए.

राजस्थान हाईकोर्ट

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि कर्मचारी चयन बोर्ड ने मई 2018 में लाईब्रेरियन के 485 पदों पर भर्ती निकाली. जिसमें एससी वर्ग के लिए तय 16 फीसदी के चलते 77 पद आरक्षित रखने थे. वहीं इन पदों में से तीस फीसदी यानि 22 पद महिलाओं के लिए सुरक्षित किए जाने थे. इसके बावजूद एससी वर्ग के लिए कुल 60 पद ही आरक्षित रखे गए.

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वहीं इनमें से भी केवल आठ पद महिलाओं के लिए सुरक्षित रखे गए. जबकि नियमानुसार महिलाओं के लिए 18 पद सुरक्षित रखे जाने थे. याचिका में कहा गया कि चयन बोर्ड ने तयशुदा आरक्षण की पालना नहीं की है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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