ETV Bharat / city

अतिक्रमण की कार्रवाई को लेकर सरकार शपथ पत्र पेश करेंः हाईकोर्ट - न्याय मित्र अनूप ढंड

राजस्थान हाईकोर्ट ने अतिरिक्त मुख्य गृह सचिव को 3 सप्ताह में कॉलोनियों से अतिक्रमण हटाने के लिए की कार्रवाई के बारे में शपथ पत्र पेश कर बताने को कहा है. अदालत ने मामले में पुलिस कमिश्नर को भी तलब किया है.

jaipur news, जयपुर समाचार
राजस्थान हाईकोर्ट
author img

By

Published : Jul 1, 2020, 10:15 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अतिरिक्त मुख्य गृह सचिव को 3 सप्ताह में शपथ पत्र पेश कर बताने को कहा है कि अदालती आदेश की पालना में कॉलोनियों से अतिक्रमण हटाने के लिए क्या कार्रवाई की गई. इसके साथ ही अदालत ने अतिक्रमण हटाने को लेकर आगे की योजना भी बताने को कहा है.

वहीं, अदालत ने मामले में पुलिस कमिश्नर को भी तलब किया है. यह आदेश मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महान्ति और न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ ने गृह निर्माण सहकारी समितियों की ओर से की जाने वाली धोखाधड़ी पर लिए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए. साथ ही सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पालना रिपोर्ट पेश की गई.

पढ़ें- जयपुर : होम केयर के जरिए मरीजों को मुफ्त दी जा रही यह 'खास' सुविधा...जानें

इस रिपोर्ट में एएजी एसएस राघव ने कहा कि 21 जनवरी को एसीएस होम की अध्यक्षता में कमेटी की बैठक हुई थी, जिसमें तय किया गया था कि फेजवार शहर से अतिक्रमण हटाया जाएगा. इसके लिए एक बार में 10 कॉलोनियां चिन्हित कर उनमें अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाएगी. लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते फरवरी के बाद कार्रवाई नहीं हो सकी.

इस मामले के न्याय मित्र अनूप ढंड ने कहा कि हाईकोर्ट ने गत 18 अक्टूबर को अतिक्रमण हटाने के लिए अलग से विंग बनाकर कार्रवाई करने और एसीएस होम को नियमित रिव्यु के लिए कहा था. इसके बावजूद भी कार्रवाई नहीं हो रही है. पुलिस भी वर्ष 2001 से 2015 के बीच भूमि विवाद से जुड़े 1781 मामलों में एफआईआर पेश कर चुकी है. इस पर अदालत ने एसीएस होम से शपथ पत्र मांगते हुए पुलिस आयुक्त को पेश होने के निर्देश दिए हैं.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अतिरिक्त मुख्य गृह सचिव को 3 सप्ताह में शपथ पत्र पेश कर बताने को कहा है कि अदालती आदेश की पालना में कॉलोनियों से अतिक्रमण हटाने के लिए क्या कार्रवाई की गई. इसके साथ ही अदालत ने अतिक्रमण हटाने को लेकर आगे की योजना भी बताने को कहा है.

वहीं, अदालत ने मामले में पुलिस कमिश्नर को भी तलब किया है. यह आदेश मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महान्ति और न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ ने गृह निर्माण सहकारी समितियों की ओर से की जाने वाली धोखाधड़ी पर लिए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए. साथ ही सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पालना रिपोर्ट पेश की गई.

पढ़ें- जयपुर : होम केयर के जरिए मरीजों को मुफ्त दी जा रही यह 'खास' सुविधा...जानें

इस रिपोर्ट में एएजी एसएस राघव ने कहा कि 21 जनवरी को एसीएस होम की अध्यक्षता में कमेटी की बैठक हुई थी, जिसमें तय किया गया था कि फेजवार शहर से अतिक्रमण हटाया जाएगा. इसके लिए एक बार में 10 कॉलोनियां चिन्हित कर उनमें अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाएगी. लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते फरवरी के बाद कार्रवाई नहीं हो सकी.

इस मामले के न्याय मित्र अनूप ढंड ने कहा कि हाईकोर्ट ने गत 18 अक्टूबर को अतिक्रमण हटाने के लिए अलग से विंग बनाकर कार्रवाई करने और एसीएस होम को नियमित रिव्यु के लिए कहा था. इसके बावजूद भी कार्रवाई नहीं हो रही है. पुलिस भी वर्ष 2001 से 2015 के बीच भूमि विवाद से जुड़े 1781 मामलों में एफआईआर पेश कर चुकी है. इस पर अदालत ने एसीएस होम से शपथ पत्र मांगते हुए पुलिस आयुक्त को पेश होने के निर्देश दिए हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.