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Rajasthan High Court: आरयूएचएस का वर्ष 2015 की भर्ती रद्द करना सही - ईटीवी भारत राजस्थान न्यूज

राजस्थान हाइकोर्ट ने प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर (recruitment of RUHS for the year 2015) सहित अन्य पदों की वर्ष 2015 की भर्ती को रद्द करने के आरयूएचएस के निर्णय को सही माना है.

Rajasthan High Court,  recruitment of RUHS for the year 2015
राजस्थान हाइकोर्ट.
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Published : Sep 3, 2022, 10:34 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाइकोर्ट ने प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर सहित अन्य (recruitment of RUHS for the year 2015) पदों की वर्ष 2015 की भर्ती को रद्द करने के आरयूएचएस के निर्णय को सही माना है. अदालत ने आरयूएचएस को कानूनी प्रावधानों के अनुसार चयन प्रक्रिया व नियमित नियुक्ति करने की छूट दी है. लेकिन नियमित नियुक्तियां होने तक याचिकाकर्ताओं को सेवा में बनाए रखने को कहा है.

जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश डॉ. कृतिका शर्मा व अन्य की याचिका को खारिज करते हुए दिए. अदालत ने कहा कि मामले में विवि के तत्कालीन रजिस्ट्रार पर लगाए गए आरोप साबित नहीं हुए हैं. साथ ही विवि ने महाधिवक्ता की राय के बाद ही भर्ती को रद्द किया है. इसके अलावा विवि को एक नियोक्ता के रूप में भर्ती करने या नहीं करने का अधिकार है. याचिकाकर्ता को सिर्फ स्क्रीनिंग टेस्ट पास होने के आधार पर ही नियुक्ति लेने का अधिकार नहीं हो जाता है.

पढ़ेंः हाईकोर्ट: RUHS में तैनात सह-आचार्य को हटाने पर रोक

याचिकाओं में कहा है कि वे कई सालों से आरयूएचएस में अर्जेंट व अस्थाई तौर पर काम कर रहे हैं. इस दौरान आरयूएचएस ने 2015 में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर सहित अन्य पदों पर नियमित नियुक्ति के लिए आवेदन मांगे. फरवरी 2016 में परीक्षा होने के बाद साक्षात्कार की तिथि भी तय कर दी गई, लेकिन विवि ने 29 अप्रैल 2017 को अधिसूचना जारी कर साक्षात्कार को आगामी आदेश तक स्थगित कर दिए.

वहीं 6 फरवरी 2021 को आदेश जारी कर भर्ती को रद्द कर दिया।.इस दौरान एमसीआई ने भर्ती की शैक्षणिक योग्यता बदल दी और ईडब्ल्यूएस को आरक्षण दे दिया. वहीं विवि ने इसे भविष्य की भर्तियों में लागू करने के बजाए भूतलक्षी प्रभाव से लागू कर दिया. दूसरी ओर विवि की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता सिर्फ स्क्रीनिंग टेस्ट पास करने के आधार पर नियुक्ति के हकदार नहीं हो जाते हैं. विवि एमसीआई के नियम मानने के लिए बाध्य है और महाधिवक्ता की राय के बाद भर्ती रद्द की गई है. इसलिए याचिका को खारिज किया जाए.

जयपुर. राजस्थान हाइकोर्ट ने प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर सहित अन्य (recruitment of RUHS for the year 2015) पदों की वर्ष 2015 की भर्ती को रद्द करने के आरयूएचएस के निर्णय को सही माना है. अदालत ने आरयूएचएस को कानूनी प्रावधानों के अनुसार चयन प्रक्रिया व नियमित नियुक्ति करने की छूट दी है. लेकिन नियमित नियुक्तियां होने तक याचिकाकर्ताओं को सेवा में बनाए रखने को कहा है.

जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश डॉ. कृतिका शर्मा व अन्य की याचिका को खारिज करते हुए दिए. अदालत ने कहा कि मामले में विवि के तत्कालीन रजिस्ट्रार पर लगाए गए आरोप साबित नहीं हुए हैं. साथ ही विवि ने महाधिवक्ता की राय के बाद ही भर्ती को रद्द किया है. इसके अलावा विवि को एक नियोक्ता के रूप में भर्ती करने या नहीं करने का अधिकार है. याचिकाकर्ता को सिर्फ स्क्रीनिंग टेस्ट पास होने के आधार पर ही नियुक्ति लेने का अधिकार नहीं हो जाता है.

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याचिकाओं में कहा है कि वे कई सालों से आरयूएचएस में अर्जेंट व अस्थाई तौर पर काम कर रहे हैं. इस दौरान आरयूएचएस ने 2015 में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर सहित अन्य पदों पर नियमित नियुक्ति के लिए आवेदन मांगे. फरवरी 2016 में परीक्षा होने के बाद साक्षात्कार की तिथि भी तय कर दी गई, लेकिन विवि ने 29 अप्रैल 2017 को अधिसूचना जारी कर साक्षात्कार को आगामी आदेश तक स्थगित कर दिए.

वहीं 6 फरवरी 2021 को आदेश जारी कर भर्ती को रद्द कर दिया।.इस दौरान एमसीआई ने भर्ती की शैक्षणिक योग्यता बदल दी और ईडब्ल्यूएस को आरक्षण दे दिया. वहीं विवि ने इसे भविष्य की भर्तियों में लागू करने के बजाए भूतलक्षी प्रभाव से लागू कर दिया. दूसरी ओर विवि की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता सिर्फ स्क्रीनिंग टेस्ट पास करने के आधार पर नियुक्ति के हकदार नहीं हो जाते हैं. विवि एमसीआई के नियम मानने के लिए बाध्य है और महाधिवक्ता की राय के बाद भर्ती रद्द की गई है. इसलिए याचिका को खारिज किया जाए.

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