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दिव्यांग बच्चे के प्रिंसिपल पिता के तबादले पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

दिव्यांग बच्चे के प्रिंसिपल पिता की याचिका पर सुनवाई करते हुए उकने तबादले पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. अदालत ने कहा है कि इस आदेश को अन्य मामलों में मिसाल के तौर पर पेश नहीं किया जाए. पढ़ें विस्तृत खबर...

transfer of principal,  राजस्थान हाईकोर्ट
High court restrains transfer of principal
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Published : Feb 4, 2020, 9:23 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने शाहपुरा तहसील के हनूतपुरा के प्रिंसिपल का जैसलमेर किए तबादले पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता को जयपुर जिले में ही नियुक्त करने को कहा है. अदालत ने स्पष्ट किया है कि इस आदेश को अन्य मामलों में मिसाल के तौर पर पेश नहीं किया जाए. न्यायाधीश पंकज भंडारी ने यह आदेश सुभाषचंद अग्रवाल की याचिका पर दिए.

पढ़ेंः सेंड स्टोन परिवहन के लिए अव्यवहारिक शर्ते लगाने पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

याचिका में अधिवक्ता शोवित झाझडिया ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता हनूतपुरा में प्रिंसिपल के पद पर तैनात था. विभाग ने उसका तबादला जैसलमेर कर दिया. जबकि याचिकाकर्ता का पुत्र चालीस फीसदी दिव्यांग है. दिव्यांग अधिनियम के तहत दिव्यांग बच्चे को उसके अभिभावकों से दूर नहीं किया जा सकता. ऐसे में उसके तबादला आदेश को रद्द किया जाए.

पढ़ेंः जयपुर उपभोक्ता मंच ने आवंटित भूखंड नहीं देने पर जेडीए पर लगाया 60 हजार हर्जाना

इसका विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता चाहे तो दिव्यांग पुत्र को अपने साथ ले जा सकता है. ऐसे में दिव्यांग अधिनियम के प्रावधान उस पर लागू नहीं होते हैं. सुनवाई के दौरान अदालत के सामने आया कि जयपुर में प्रिंसिपल के दो पद रिक्त हैं. इस पर अदालत ने याचिकाकर्ता के तबादला आदेश पर रोक लगा दी है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने शाहपुरा तहसील के हनूतपुरा के प्रिंसिपल का जैसलमेर किए तबादले पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता को जयपुर जिले में ही नियुक्त करने को कहा है. अदालत ने स्पष्ट किया है कि इस आदेश को अन्य मामलों में मिसाल के तौर पर पेश नहीं किया जाए. न्यायाधीश पंकज भंडारी ने यह आदेश सुभाषचंद अग्रवाल की याचिका पर दिए.

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याचिका में अधिवक्ता शोवित झाझडिया ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता हनूतपुरा में प्रिंसिपल के पद पर तैनात था. विभाग ने उसका तबादला जैसलमेर कर दिया. जबकि याचिकाकर्ता का पुत्र चालीस फीसदी दिव्यांग है. दिव्यांग अधिनियम के तहत दिव्यांग बच्चे को उसके अभिभावकों से दूर नहीं किया जा सकता. ऐसे में उसके तबादला आदेश को रद्द किया जाए.

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इसका विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता चाहे तो दिव्यांग पुत्र को अपने साथ ले जा सकता है. ऐसे में दिव्यांग अधिनियम के प्रावधान उस पर लागू नहीं होते हैं. सुनवाई के दौरान अदालत के सामने आया कि जयपुर में प्रिंसिपल के दो पद रिक्त हैं. इस पर अदालत ने याचिकाकर्ता के तबादला आदेश पर रोक लगा दी है.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने शाहपुरा तहसील के हनूतपुरा के प्रिंसिपल का जैसलमेर किए तबादले पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता को जयपुर जिले में ही नियुक्त करने को कहा है। अदालत ने स्पष्ट किया है कि इस आदेश को अन्य मामलों में मिसाल के तौर पर पेश नहीं किया जाए। न्यायाधीश पंकज भंडारी ने यह आदेश सुभाषचंद अग्रवाल की याचिका पर दिए।Body:याचिका में अधिवक्ता शोवित झाझडिया ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता हनूतपुरा में प्रिंसिपल के पद पर तैनात था। विभाग ने उसका तबादला जैसलमेर कर दिया। जबकि याचिकाकर्ता का पुत्र चालीस फीसदी दिव्यांग है। दिव्यांग अधिनियम के तहत दिव्यांग बच्चे को उसके अभिभावकों से दूर नहीं किया जा सकता। ऐसे में उसके तबादला आदेश को रद्द किया जाए। इसका विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता चाहे तो दिव्यांग पुत्र को अपने साथ ले जा सकता है। ऐसे में दिव्यांग अधिनियम के प्रावधान उस पर लागू नहीं होते हैं। सुनवाई के दौरान अदालत के सामने आया कि जयपुर में प्रिंसिपल के दो पद रिक्त हैं। इस पर अदालत ने याचिकाकर्ता के तबादला आदेश पर रोक लगा दी है।  Conclusion:
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