जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने चूरू के राजगढ़ थानाधिकारी विष्णुदत्त विश्नोई की आत्महत्या के मामले की जांच सीबीआई को सौंपने से इंकार कर दिया है. अदालत ने मानना कि मामले की जांच सीबीआई को सौंपना जनहित का विषय नहीं है. यह आदेश न्यायधीश सबीना और न्यायाधीश सीके सोनगरा की खंडपीठ ने अधिवक्ता सोनिया गिल जनहित याचिका को खारिज करते हुए दिया. साथ ही अदालत ने अपने आदेश में कहा कि इस जनहित याचिका में भारतीय संविधान के अनुच्छेद- 226 के तहत सुनवाई नहीं की जा सकती.
इस याचिका में कहा गया था कि राजगढ़ थानाधिकारी विष्णुदत्त विश्नोई ने दबाव में आकर आत्महत्या की है, पुलिस के रोजनामचा में भी इस बात का उल्लेख है. इसके अलावा विश्नोई की ओर से लिखे गए सुसाइड नोट में भी दबाव में आकर आत्महत्या करने की बात कही गई है. ऐसे में मामले की जांच सीबीआई या किसी निष्पक्ष एजेंसी से कराई जाए. याचिका में यह भी गुहार की गई थी कि मामले में दोषी राजनेताओं और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई और कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए.
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इस मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने मौखिक रूप से याचिकाकर्ता से पूछा कि आत्महत्या के मामले को सीबीआई में भेजना जनहित का कैसे हो सकता है? इसके अलावा याचिकाकर्ता संबंधित व्यक्ति के परिजन भी नहीं है. इस मामले में परिजनों की ओर से निष्पक्ष जांच के लिए याचिका पेश की जा सकती है. लेकिन मामले में किसी तीसरे व्यक्ति को जनहित याचिका दायर करने का कोई अधिकार नहीं है. गौरतलब है कि गत दिनों राजगढ़ थानाधिकारी विष्णुदत्त विश्नोई ने सरकारी आवास पर फांसी के फंदे से झूलकर अपनी जान दे दी थी. उनकी ओर से लिखे गए सुसाइड नोट में भी दबाव में आकर आत्महत्या करना कहा गया था.