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Rajasthan High Court : हाईकोर्ट ने लगाई प्रारंभिक शिक्षा के शिक्षकों को माध्यमिक शिक्षा विभाग में भेजने पर रोक

राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रारंभिक शिक्षा में कार्यरत शिक्षकों को माध्यमिक शिक्षा विभाग में भेजने के आदेश पर रोक लगा दी (prohibits sending teachers of elementary education) है. विभाग ने यह आदेश गत 24 मई को जारी किया था. इसके खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आदेश पर रोक लगा प्रमुख शिक्षा सचिव और निदेशक से जवाब तलब किया है.

Rajasthan High Court stays order of teachers transfer
हाईकोर्ट ने लगाई प्रारंभिक शिक्षा के शिक्षकों को माध्यमिक शिक्षा विभाग में भेजने पर रोक
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Published : Jun 20, 2022, 8:58 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के गत 24 मई के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसके तहत प्रारंभिक शिक्षा के शिक्षकों को माध्यमिक शिक्षा विभाग में भेजने के निर्देश दिए गए (prohibits sending teachers of elementary education) थे. इसके साथ ही अदालत ने प्रमुख शिक्षा सचिव और निदेशक से जवाब तलब किया है.

जस्टिस रामेश्वर व्यास की एकलपीठ ने यह आदेश आशा जोशी अन्य की याचिका पर दिए. याचिका में अधिवक्ता सुनील कुमार सिंगोदिया ने अदालत को बताया कि कार्मिक विभाग ने 26 जून, 2021 को शिक्षा सेवा नियम बनाकर वरीयता के आधार पर पंचायती राज विभाग के अधीन कार्यरत शिक्षकों को माध्यमिक शिक्षा की स्कूलों में रिक्त पदों पर भरने का प्रावधान किया. इसकी पालना में विभाग ने प्रारंभिक शिक्षा में कार्यरत शिक्षकों की सूची बनाकर उन्हें माध्यमिक शिक्षा विभाग में भेजने के लिए काउंसलिंग शुरू कर दी.

पढ़ें: प्रारंभिक शिक्षा विभाग के नए आदेश से खलबली, 3600 शिक्षकों पर लटकी कार्रवाई की तलवार

याचिका में कहा गया कि शिक्षा सेवा नियम 6 के उपनियम 3 के तहत सिर्फ वरीयता के आधार पर ही प्रारंभिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों का समायोजन माध्यमिक शिक्षा में किया जा सकता है. इसके बावजूद विभाग ने आनन-फानन में जो सूची बनाई, उसमें कई प्रकार की अनियमितता की गई हैं और उसमें कई वरिष्ठ अध्यापकों के नामों को विलोपित किया गया है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं को प्रारंभिक शिक्षा से माध्यमिक शिक्षा विभाग में भेजने पर रोक लगा दी है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के गत 24 मई के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसके तहत प्रारंभिक शिक्षा के शिक्षकों को माध्यमिक शिक्षा विभाग में भेजने के निर्देश दिए गए (prohibits sending teachers of elementary education) थे. इसके साथ ही अदालत ने प्रमुख शिक्षा सचिव और निदेशक से जवाब तलब किया है.

जस्टिस रामेश्वर व्यास की एकलपीठ ने यह आदेश आशा जोशी अन्य की याचिका पर दिए. याचिका में अधिवक्ता सुनील कुमार सिंगोदिया ने अदालत को बताया कि कार्मिक विभाग ने 26 जून, 2021 को शिक्षा सेवा नियम बनाकर वरीयता के आधार पर पंचायती राज विभाग के अधीन कार्यरत शिक्षकों को माध्यमिक शिक्षा की स्कूलों में रिक्त पदों पर भरने का प्रावधान किया. इसकी पालना में विभाग ने प्रारंभिक शिक्षा में कार्यरत शिक्षकों की सूची बनाकर उन्हें माध्यमिक शिक्षा विभाग में भेजने के लिए काउंसलिंग शुरू कर दी.

पढ़ें: प्रारंभिक शिक्षा विभाग के नए आदेश से खलबली, 3600 शिक्षकों पर लटकी कार्रवाई की तलवार

याचिका में कहा गया कि शिक्षा सेवा नियम 6 के उपनियम 3 के तहत सिर्फ वरीयता के आधार पर ही प्रारंभिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों का समायोजन माध्यमिक शिक्षा में किया जा सकता है. इसके बावजूद विभाग ने आनन-फानन में जो सूची बनाई, उसमें कई प्रकार की अनियमितता की गई हैं और उसमें कई वरिष्ठ अध्यापकों के नामों को विलोपित किया गया है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं को प्रारंभिक शिक्षा से माध्यमिक शिक्षा विभाग में भेजने पर रोक लगा दी है.

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