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दुष्कर्म पीड़िता दिव्यांग महिला को गर्भपात की अनुमति, DNA Test के लिए सुरक्षित रखना होगा भ्रूण

राजस्थान हाईकोर्ट ने दुष्कर्म पीड़िता दिव्यांग महिला को राहत देते हुए गर्भपात की अनुमति (High court permits abortion) दी है. पीड़िता ने आरोपी के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई, लेकिन अभी तक आरोपी गिरफ्तार नहीं हुआ.

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Published : Dec 2, 2021, 9:21 PM IST

court permits abortion to rape victim
दिव्यांग महिला को गर्भपात की अनुमति

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने दुष्कर्म पीड़िता दिव्यांग महिला को राहत देते हुए उसके गर्भपात की अनुमति (High court permits abortion) दी है. अदालत ने कहा है कि गर्भपात के बाद भ्रूण को डीएनए जांच के लिए सुरक्षित रखा जाए.

अदालत ने पीड़िता की मेडिकल जांच के लिए सीएमएचओ, जयपुर को मेडिकल बोर्ड गठित करने के आदेश दिए हैं. जस्टिस पंकज भंडारी ने यह आदेश पीड़िता की याचिका पर दिए हैं. अदालत ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को पीड़िता का पुनर्वास कर उसके कल्याण के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा है.

पढ़ें: Jaipur News: घर से 100 मीटर की दूरी पर युवती की गला रेतकर हत्या

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता शालिनी श्योराण ने अदालत को बताया कि पीड़िता दोनों पैरों से दिव्यांग है. आरोपी ने उसे काम दिलाने के बहाने दुष्कर्म किया. जिसके चलते वह गर्भवती हो गई. पीड़िता ने आरोपी के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई, लेकिन अभी तक आरोपी गिरफ्तार नहीं हुआ.

पढ़ें: हाईवे पर हत्या मामला: चोरी के शक के चलते 6 लोगों ने की थी हत्या, तीन आरोपी गिरफ्तार

इसके अलावा पीड़िता को सहायता के तौर पर सिर्फ 750 रुपए मासिक दिए जा रहे हैं. ऐसे में गर्भपात की अनुमति दी जाए और प्रतिकर स्कीम के तहत क्षतिपूर्ति दिलाने के साथ ही पुनर्वास भी किया जाए.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने दुष्कर्म पीड़िता दिव्यांग महिला को राहत देते हुए उसके गर्भपात की अनुमति (High court permits abortion) दी है. अदालत ने कहा है कि गर्भपात के बाद भ्रूण को डीएनए जांच के लिए सुरक्षित रखा जाए.

अदालत ने पीड़िता की मेडिकल जांच के लिए सीएमएचओ, जयपुर को मेडिकल बोर्ड गठित करने के आदेश दिए हैं. जस्टिस पंकज भंडारी ने यह आदेश पीड़िता की याचिका पर दिए हैं. अदालत ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को पीड़िता का पुनर्वास कर उसके कल्याण के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा है.

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याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता शालिनी श्योराण ने अदालत को बताया कि पीड़िता दोनों पैरों से दिव्यांग है. आरोपी ने उसे काम दिलाने के बहाने दुष्कर्म किया. जिसके चलते वह गर्भवती हो गई. पीड़िता ने आरोपी के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई, लेकिन अभी तक आरोपी गिरफ्तार नहीं हुआ.

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इसके अलावा पीड़िता को सहायता के तौर पर सिर्फ 750 रुपए मासिक दिए जा रहे हैं. ऐसे में गर्भपात की अनुमति दी जाए और प्रतिकर स्कीम के तहत क्षतिपूर्ति दिलाने के साथ ही पुनर्वास भी किया जाए.

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